Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/2544

Rahul Kumar - Complainant(s)

Versus

Priyadarshini Collage Of Computer Science - Opp.Party(s)

Naveen Kumar Tiwari

04 Dec 2013

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/2544
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Rahul Kumar
a
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. JUSTICE Virendra Singh PRESIDENT
 HON'ABLE MR. Jitendra Nath Sinha MEMBER
 HON'ABLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-2544/2013

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, गौतमबुद्धनगर द्वारा विविध वाद संख्‍या 05/2013 में पारित आदेश दिनांक 01.10.2013 के विरूद्ध)

Rahul Kumar S/o Arvind Singh

R/o-INT, S Unit, C/o-Head Quarters (Eastern)

Kolkotta                                     ....................अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

1. Manager/Principal Priyadarshini College of Computers Sciences Plot No. 6-A &  

  7, Knowledge Park-I, Greater Noida-201306 (UP)

2. Registrar UP Technical University, Lucknow   ................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री वीरेन्‍द्र सिंह, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, सदस्‍य(न्‍यायिक)।

3. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री नवीन कुमार तिवारी, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

 

दिनांक: 13.11.2014

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री वीरेन्‍द्र सिंह, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

     अपीलार्थी द्वारा यह अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम, गौतमबुद्धनगर द्वारा विविध वाद संख्‍या 05/2013 में पारित आदेश दिनांक 01.10.2013 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है। विवादित आदेश निम्‍नवत् है:-

      '' न ही 7-12-2011 के order की कापी तथा न ही Sec 5 Limitation Act की Application लगाई है। (Nineteen Lacs) वादी ने बाद में, विपक्षी से रू0 19,00,000/- मय 12% ब्‍याज मागे है। वादी का वाद के मुताबिक Cause of Action वर्ष 2006 में पैदा हुआ। कन्‍जुमर-प्रोटेक्‍शन एक्‍ट की धारा- 24 (A) के तहत, वह अपना वाद-वर्ष 02 के अन्‍दर कर सकता है। इसलिए यह साफ जाहिर है कि वादी का यह वाद Time Barred है। इसे खारिज किया जाता है। आदेश की कापी पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध  कराई जावे। फाईल रिकार्ड रूम में भेजी जावे।''

      हमने इस अपील को अंगीकार किए जाने के प्रश्‍न पर श्री नवीन कुमार तिवारी विद्वान अधिवक्‍ता अपीलार्थी को सुना है। हमारी राय में प्रश्‍नगत निर्णय में कोई त्रुटि नहीं है क्‍योंकि वर्ष 2006 में पैदा हुए वाद कारण पर वर्ष 2013 में वाद प्रस्‍तुत  किया  जाना

 

 

-2-

स्‍वत: ही समय अवधि से बाधित है और अपीलार्थी की ओर से इस तथ्‍य पर किसी भी प्रकार का कोई साक्ष्‍य या परिस्थिति उपलब्‍ध अथवा अवगत नहीं करायी गयी है कि वर्ष 2006 में वाद कारण किस प्रकार से वर्ष 2013 तक परिवादी को उपलब्‍ध रहा है। अत: प्रश्‍नगत आदेश पारित करने में जिला मंच ने किसी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं की है और यह अपील अंगीकार किए जाने के प्रश्‍न पर सुनवाई करते हुए ही, बलहीन पाते हुए अस्‍वीकार की जाती है।     

 

 

 

   (न्‍यायमूर्ति वीरेन्‍द्र सिंह)        (जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)         (बाल कुमारी)     

 अध्‍यक्ष                  सदस्‍य(न्‍यायिक)              सदस्‍य  

जितेन्‍द्र आशु. ग्रेड-2

कोर्ट नं-1

 
 
[HON'ABLE MR. JUSTICE Virendra Singh]
PRESIDENT
 
[HON'ABLE MR. Jitendra Nath Sinha]
MEMBER
 
[HON'ABLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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