जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण अजमेर
सुनील कुमार पुत्र श्री महेन्द्र स्वरूप, जाति- साहू, निवासी- राधाकृष्ण मन्दिर के पास, तेलियान चैपड, जिला-अजमेर ।
प्रार्थी
बनाम
1. प्रोपराईटर, मैसर्स दिया कम्यूनिकेषन, पीपलियाॅं बाजार, कास्टिया गली, ब्यावर, जिला-अजमेर ।
2. प्रबन्धक/प्रोपराईटर, सिद्वी विनायक कम्पयूनिकेषन, सेलेकाॅन मोबाईल सर्विस सेन्टर, जिला- पाली’ मोबाईल नलम्बर-9251045100
3. प्रबन्धक, सेलेकाॅन मोबाईल कम्पनी तृतीय फ्लोर, द्वितीय ब्लाॅक, माॅय होम माधोपुर, हैदराबाद- 500081, आन्ध्रप्रदेष ।
अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 250/2014
समक्ष
1. गौतम प्रकाष षर्मा अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
उपस्थिति
1.श्री ओम नारायण पालडिया, अधिवक्ता, प्रार्थी
2. अप्रार्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं
मंच द्वारा :ः- आदेष:ः- दिनांकः-15.04.2015
1. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 3 द्वारा निर्मित मोबाईल हैण्ड सेट सेलकान ए-98 दिनांक 21.7.2013 को जरिए बिल संख्या 1907 तादादी रू. 5500/- में अप्रार्थी संख्या 1 से क्रय किया । उक्त सेट क्रय किए जाने के 5-6 माह बाद ही उसमें खराबी आने लग गई यथा बात करते करते बीच में बन्द होने लगा जिसकी षिकायत अप्रार्थी संख्या 1 को किए जाने पर उसके निर्देष पर उसने मोबाईल सेट उसके पास छोड दिया और उसे जब सेट षाम को दिया तो उस वक्त सही चला लेकिन एक माह बाद ही उसमें पुनः वहीं खराब आ गई और सेट पूरी तरह डेड हो गया जिसकी षिकायत अप्रार्थी संख्या 1 से किए जाने पर उसने अप्रार्थी संख्या 2 के यहां सेट भिजवाने के लिए कहा जिस पर उसने दिनांक 20.3.2014 को सेट अप्रार्थी संख्या 2 के यहा दिया जिसकी जाॅब षीट देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि केवल सोफटवेयर का ही काम करना है । दो तीन दिन बाद जब वह सेट लेने गया तो अप्रार्थी संख्या 2 ने मोबाईल उसके यहां ठीक नहीं होने का कहते हुए अप्रार्थी संख्या 3 के यहां भिजवाने को कहा और एक साधारण कागज पर मोबाईल की ईएमआई नम्बर अंकित करते हुए क्मंक च्तव लिख कर सील लगाते हुए उसे दे दिया और कहा कि सेट ठीक होकर आने पर उसे सूचित कर दिया जावेगा किन्तु उसे सेट ठीक होने संबंधी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई । प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है ।
2. अप्रार्थी संख्या 1 ने जवाब प्रस्तुत कर प्रार्थी को परिवाद में वर्णित हैण्ड सेट विक्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि सेट के संबंध में निर्माता कम्पनी द्वारा वारण्टी दी जाती है । उसका काम तो केवल सेट विक्रय करने का ही है । परिवाद में अंकित अन्य तथ्यों से इन्कार करते हुए परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है ।
3. अप्रार्थी संख्या 2 व 3 के विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही बावजूद सूचना के उपस्थित नहीं होने पर अमल में लाई गई ।
4. हमने बहस एक पक्षीय सुनी एवं पत्रावली का अवलोकन किया ।
5. पत्रावली पर अप्रार्थी संख्या 1 का जवाब है, सुनवाई में वह उपस्थित नहीं आया है । उक्त जवाब को देखने से प्रार्थी ने इस अप्रार्थी से प्रष्नगत सेट खरीदा, तथ्य को स्वीकार किया है लेकिन कथन रहा है कि यदि कोई वारण्टी दी जाती है तो कम्पनी द्वारा दी जाती है जवाब के अध्ययन से यही पाया गया है कि विक्रय किए गए सेट के संबंध में यदि कोई दोष उत्पन्न होता है तो उसके लिए निर्माता कम्पनी एवं सर्विस सेन्टर जिम्मेदार होता है उवं उसका कोई दायित्व नहीं बनता है ।
6. प्रार्थी अधिवक्ता ने अपने परिवाद में वर्णित तथ्यों के अनुरूप ही बहस की । परिवाद के अवलोकन से यह सेट दिनांक 21.7.2013 को अप्रार्थी संख्या 1 से क्रय किया गया था एवं इस सेट का निर्माता अप्रार्थी संख्या 3 का होना बतलाया है । परिवाद की चरण संख्या 3 में वर्णित अनुसार क्रय करने के 5-6 माह तक यह सेट सही चला लेकिन उसके बाद उक्त सेट बात करते करते बीच में ही बन्द होने लगा तब प्रार्थी अप्रार्थी संख्या 1 के पास में गया व उसकी खराबी के संबंध में बतलाया तब अप्रार्थी संख्या 1 ने उक्त सेट को उसके वहां छोड देने को कहा व ष्षाम को वापस लेने प्रार्थी पहुंचा तो सेट सही करके दे दिया गया लेकिन 1 माह बाद ही सेट पुनः खराब हो गया एवं उसमें कई दोष उत्पन्न हो गए । लेकिन इस तथ्य को अप्रार्थी संख्या 1 ने इन्कार किया है लेकिन प्रार्थी ने इस कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है । प्रार्थी का कथन है कि यह सेट एक माह बाद ही पुनः खराब हो गया
तब वह अप्रार्थी संख्या 1 के पास गया तो अप्रार्थी संख्या 1 ने अप्रार्थी संख्या 2 के पास भेजा । प्रार्थी दिनंाक 20.3.2014 को अप्रार्थी संख्या 2 केे पास गया और अप्रार्थी संख्या 2 ने सेट अपने पास रखा व 2-3 घण्टे बाद वापस ले जाने के लिए कहा । प्रार्थी जब पुनः अप्रार्थी संख्या 2 के पास पहुंचा तो अप्रार्थी संख्या 2 का कथन रहा है कि उक्त सेट उसके वहां ठीक नहीं हो सकता अप्रार्थी संख्या 3 के पास भेजना पडेगा तथा सेट उसने अपने पास ही रख लिया व एक रसीद जिस पर अप्रार्थी संख्या 2 संस्था की सील लगी हुई थी प्रार्थी को दी । प्रार्थी का जिस तरह आगे कथन रहा है उसके अनुसार अप्रार्थी संख्या 2 ने उक्त सेट को प्रार्थी को नहीं दिया वह सेट आज भी उसके पास पडा हुआ होना दर्षाया । इस तरह से अप्रार्थी संख्या 2 के विरूद्व सेवा में कमी दर्षाई है ।
7. उपरोक्त तथ्यों पर गौर करने पर हम पाते है कि सेट को दिनांक 20.3.2014 को अप्रार्थी संख्या 2 ने प्राप्त किया था तथा इस संबंध में जो रसीद जारी की उस पर क्मंक च्तव अंकित किया हुआ है और इस रसीद पर अप्रार्थी संख्या 2 की सील भी है सेट अप्रार्थी संख्या 1 से क्रय किया एवं यह सेट अप्रार्थी संख्या 3 का उत्पाद होना प्रार्थी ने दर्षाया है तथा प्रार्थी के कथनानुसार उक्त सेट को आज तक भी ठीेक कर प्रार्थी को पुनः नहीं सौपा गया है । सेट क्रय किए जाने का बिल भी प्रार्थी की ओर से पेष हुआ है ।
8. अतः इन सभी तथ्यों से हम पाते है कि अप्रार्थीगण के विरूद्व सेवा में कमी का बिन्दु सिद्व है । अतः प्रार्थी का यह परिवाद स्वीकार होने योग्य है । अतः आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
9. (1) अप्रार्थीगण प्रार्थी द्वारा बिल संख्या 1907 दिनांक 21.07.2013 के क्रय किए गए सेलकाॅन ए-98 हैण्ड सेट को निषुल्क दुरूस्त कर प्रार्थी को सौंपे । हैण्ड सेट दुरूस्त नहीं होने की स्थिति में अप्रार्थीगण उसी मैक माॅडल का नया त्रुटिरहित हैण्ड सेट आदेष से दो माह की अवधि में देवे विकल्प में हैण्ड सेट की कीमत रू. 5500/- उक्त अवधि में ही अदा करें
(2) प्रार्थी अप्रार्थीगण से संयुक्त व पृथक पृथक रूप से मानसिक संताप व वाद व्यय के मद में राषि रू. 2000/- भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र. संख्या 1 मे वर्णित आदेषानुसार यदि अप्रार्थीगण प्रार्थी को प्रष्नगत हैण्ड सेट की राषि लौटाना चाहे तो अप्रार्थीगण यह राषि आदेष से दो माह में अदा करें साथ ही क्र. सं. 2 में अंकित राषि भी अप्रार्थी गण उक्त अवधि में अदा करे अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
(4) एक माह में आदेषित राषि का भुगतान नहीं करने पर प्रार्थी अप्रार्थीगण स संयुक्त व पृथक पृथक रूप से उक्त राषियों पर निर्णय की दिनांक से ताअदायगी 09 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त कर सकेगा ।
(श्रीमती ज्योति डोसी) (गौतम प्रकाष षर्मा)
सदस्या अध्यक्ष
10. आदेष दिनांक 15.04.2015 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
सदस्या अध्यक्ष