Uttar Pradesh

Chanduali

CC 51/2013

Birzabushan Singh - Complainant(s)

Versus

Principle Sunbeem School - Opp.Party(s)

15 Jun 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC 51/2013
 
1. Birzabushan Singh
mugalsaraya Chanduali
...........Complainant(s)
Versus
1. Principle Sunbeem School
Mugalsaraya Chanduali
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. jagdishwar Singh PRESIDENT
 HON'BLE MR. Markandey singh MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 51                                सन् 2013ई0
बृजभूषण सिंह पुत्र श्री टुनटुन सिंह निवासी रेलवे आवास संख्या1522बी0 मानस नगर कालोनी मुगलसराय चन्दौली स्थाई पता ग्राम फगुईयां पो0 खगवल जिला चन्दौली।
                                      ...........परिवादी                                                                                                                                    बनाम
1-प्रधानाचार्य सनबीम स्कूल मुगलसराय शाखा दुलहीपुर जिला चन्दौली।
2-प्रबन्धक सनबीम स्कूल मुगलसराय शाखा दुलहीपुर जिला चन्दौली।
3-सचिव, सेन्ट्रल बोर्ड आॅफ सेकेन्डरी एजूकेशन रिजन इलाहाबाद।
                                            .............................विपक्षीगण
उपस्थितिः-
माननीय श्री जगदीश्वर सिंह, अध्यक्ष
माननीय श्री मारकण्डेय सिंह, सदस्य
                               निर्णय
द्वारा श्री जगदीश्वर सिंह,अध्यक्ष
1-    परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी संख्या 1 व 2 को अदा किये गये फीस मु0 23050/- एवं विपक्षी संख्या 1 व 2 के कृत्य से परिवादी के भतीजी का एक वर्ष का अमूल्य समय व्यतीत होने से हुई क्षति के रूप में मु0 2,00000/- एवं मुकदमा खर्चा हेतु मु0 50,000/-  दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2-    परिवादी ने परिवाद प्रस्तुत करके संक्षेप में कथन किया है कि विपक्षी अपने विद्यालय में आधुनिक पद्धति से बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रचार-प्रसार करता था जिससे प्रभावित होकर परिवादी ने अपनी भतीजी का दाखिला विपक्षी के विद्यालय में कराया।  परिवादी अपनी भतीजी पूजा सिंह का अभिभावक है क्योंकि पूजा सिंह के पिता की मृत्यु हो चुकी है। इसलिए अपनी भतीजी के शिक्षण कार्य के सभी आवश्यक खर्च का वहन परिवादी करता है। परिवादी की भतीजी उक्त विद्यालय में  हाईस्कूल के प्रवेश परीक्षा विज्ञान वर्ग से अच्छे अंकों में उत्तीर्ण किया है। दिनांक 4-7-2013 को विपक्षी संख्या 1 द्वारा फोन से सूचना दिया कि उसकी भतीजी ने विज्ञान वर्ग हेतु विद्यालय में जो प्रवेश परीक्षा दिया था उसने उत्तीर्ण कर लिया है एवं उसकी रूचि विज्ञान वर्ग से जीव विज्ञान वर्ग से पढ़ने है। परिवादी के भतीजी का प्रवेश विपक्षी संख्या 1 ने अपने विद्यालय में दिनांक 3 जुलाई 2013 को विज्ञान वर्ग के जीव विज्ञान किया। परिवादी अपनी भतीजी के साथ दिनांक 5-7-13 को विद्यालय में आकर प्रवेश शुल्क मु0 23050/- जमा कर जीव विज्ञान में प्रवेश करा दिया और विद्यालय के निर्देशानुसार किताब कापी दिलाया। परिवादी के भतीजी  को 2-3 दिन बाद विपक्षी संख्या 1 के कक्षा अध्यापकों द्वारा कहा जाने लगा कि तुम जीव विज्ञान छोडकर कामर्स विषय ले लो, जीव विज्ञान की कक्षाओं में काफी भीड़ हो गयी है। परिवादी को जब इस बात की जानकारी हुई तो  इस बाबत विपक्षी संख्या 1 से बात किया और कहा कि आपके विद्यालय के प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद विज्ञान वर्ग के जीव विज्ञान शाखा में प्रवेश लिया है तो आप लोग उसका मनोबल क्यों तोड रहे है तब विपक्षी संख्या 1 परिवादी को काफी बेइज्जत करते हुए कहे कि यदि आपके भतीजी को इस विद्यालय में पढ़ना है तो 
2
कामर्स पढ़ाना होगा, अन्यथा किसी दूसरे विद्यालय में रास्ता देखे। परिवादी जब इस बाबत विपक्षी संख्या 2 से बात करने का प्रयास किया तो विपक्षी संख्या 2 मिलने से इन्कार कर दिये। विपक्षीगण का यह कृत्य अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के तहत है। इस आधार पर विपक्षीगण की सेवा में कमी बताते हुए यह परिवाद दाखिल किया गया है।
3-    विपक्षी संख्या 1 व 2 की ओर से जबाबदावा प्रस्तुत करके परिवाद का विरोध करते हुए संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी छात्रा कुमारी पूजा सिंह का माता,पिता अथवा विधिक संरक्षक नहीं है इसलिए उसे परिवाद प्रस्तुत करने का कोई अधिकार नहीं है। छात्रा कुमारी पूजा सिंह विपक्षी के विद्यालय में प्रवेश परीक्षा दी थी तथा फिजिक्स में 10 अंकों में 6 अंक,कमेस्ट्री में 10 में 3 अंक एवं बायोलाजी में 10 में 2 अंक प्राप्त की थी। उसकी माता को सूचना दिया गया था कि विज्ञान गु्रप के लिए उसने 10 अंको में मात्र 3.75 अंक प्राप्त किया है इसलिए उसे विज्ञान ग्रुप नहीं लेना चाहिए लेकिन उनकी माॅं ने बायोलाजी गु्रप में कक्षा 10 में अच्छा अंक प्राप्त करने के आधार पर निवेदन किया कि पूजा भविष्य में मेहनत करेगी। इस आधार पर कक्षा 11 में फिजिक्स,कमेस्ट्री,बायोलाजी गु्रप में दिनांक 5-7-2013 को उसका एडमिशन कर लिया गया। दिनांक 6-7-2013 को वह विद्यालय में उपस्थित हुई।माह जुलाई 13 में कुल 18 दिन विद्यालय में उपस्थित आई। अगस्त 2013 में मात्र 2 तारीख को उपस्थित आई। इसके बाद विद्यालय आना बन्द कर दिया। अगस्त में अंग्रेजी व बायोलाजी के टेस्ट में 30 अंको में मात्र 4 अंक प्राप्त किया है। फिजिक्स में 30 में 8 अंक और कमेस्ट्री में 30 में 2 अंक प्राप्त किया। उसकी माॅं को बुलाकर टेस्ट में खराब प्रदर्शन की सूचना दी गयी। पूजा सिंह विद्यालय में आना बन्द कर दी। 6 अगस्त 13 को परिवादी विद्यालय में आया और पूजा के स्थानान्तरण प्रमाण पत्र के लिए आवेदन भरकर दिया तथा 7 अगस्त को विद्यालय से स्थानान्तरण प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया। विद्यालय ने उसकी काशन मनी मु0 3000/-परिवादी के एस0बी0आई0 मुगलसराय, चन्दौली के खाता संख्या 7036032132 में दिनांक 8-8-13 को वापस कर दिया। उपरोक्त आधार पर परिवाद पत्र के कथनों को मिथ्या और बनावटी बताते हुए यह कहा गया है कि विद्यालय ने कुमारी पूजा सिंह को न तो परेशान किया और न ही बायोलाजी गु्रप बदलने के लिए कोई दबाब डाला। परिवादी के साथ भी विद्यालय में कोई दुव्यवहार नहीं किया गया है। इस संदर्भ में परिवाद में जो भी कथन है बिल्कुल झूठे है। उपरोक्त आधार पर परिवाद खारिज किये जाने का निवेदन किया गया है।        
4-    विपक्षी संख्या 3 की ओर से जबाबदावा प्रस्तुत करके संक्षेप में कथन किया है कि परिवादी द्वारा परिवाद पत्र गलत रूप से मुकदमा पक्षकार बनाया गया है जो निरस्त किये जाने योग्य है। विपक्षी संख्या 3 के कार्यालय द्वारा न तो सेवा में कमी की गयी है और न ही हम विपक्षी से कोई अनुतोष ही चाहा गया है। परिवादी द्वारा हम विपक्षी के विरूद्ध अकारण परिवाद प्रस्तुत किया गया है। अतः परिवादी से मु0 

3
9000/- परिवाद खर्च,अधिवक्ता फीस आदि मद के अलावा विशेष प्रतिकर दिलाया जाय। इस आधार पर परिवादी के परिवाद को खारिज किये जाने की प्रार्थना विपक्षी संख्या 3 द्वारा किया गया है।
5-    परिवादी की ओर से फेहरिस्त के साथ साक्ष्य के रूप में स्कूल फीस की रसीद कागज संख्या 4/2 ता 4/3,आई कार्ड 4/4,फीस चार्ट 4/5,रजिस्ट्रेशन फार्म 4/6,बुक लिस्ट 4/7ता 4/8 दाखिल किया गया है। विपक्षी संख्या 1 व 2 की ओर से साक्ष्य के रूप में अप्लीकेशन फार विड्राल फार्म कागज संख्या 12/1,ट्रांसफर फार्म 12/2,भारतीय स्टेट बैंक का स्टेटमेन्ट 12/3,पेमेन्ट बाउचर 12/4 ट्रांसफर प्रमाण पत्र 12/5,रिजल्ट 12/6, रजिस्ट्रेशन फार्म 12/7ता 12/9,भौतिक विज्ञान की कापी 12/10 ता 12/12,एडमिशन टेस्ट पेपर 12/13,उपस्थिति रजिस्टर की प्रति 12/14ता 12/17 दाखिल किया गया है।
6-    हम लोगों ने परिवादी एवं विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता के बहस को सुना तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का भलीभांति अवलोकन किया है।
7-    बहस के समय परिवादी स्वयं फोरम में उपस्थित हुआ था तथा पूछने पर परिवादी ने स्वीकार किया कि कुमारी पूजा सिंह के पिता का स्वर्गवास हो चुका है। कुमारी पूजा सिंह का वह माता,पिता अथवा विधिक संरक्षक नहीं है। कुमारी पूजा सिंह के पिता उसके मित्र थे तथा उनकी मृत्यु के बाद वह कुमारी पूजा सिंह के पढाई-लिखाई का ध्यान रखता है। उपरोक्त से स्पष्ट है कि परिवादी कुमारी पूजा सिंह का विधिक संरक्षक नहीं है। कुमारी पूजा सिंह की माॅं जीवित है जो अवयस्क पूजा सिंह की विधिक संरक्षक है। अतः कुमारी पूजा सिंह के साथ विद्यालय द्वारा यदि कोई सेवा में कमी की गयी है तो इसके संदर्भ में अवयस्क कुमारी पूजा सिंह की ओर से मात्र उसकी विधिक संरक्षक माता को परिवाद प्रस्तुत करने का अधिकार रहा है। परिवादी को कुमारी पूजा सिंह का विधिक संरक्षक न होने की वजह से उसकी ओर से परिवाद प्रस्तुत करने का कोई अधिकार नहीं है। तद्नुसार यह पाया जाता है कि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं है इसलिए उसके द्वारा प्रस्तुत परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
                                 आदेश
    प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाता है।

(मारकण्डेय सिंह)                                        (जगदीश्वर सिंह)
   सदस्य                                                  अध्यक्ष 
                                                    दिनांक 15-6-2015

 
 
[HON'BLE MR. jagdishwar Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Markandey singh]
MEMBER

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