(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-3177/2002
)जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम आगरा द्वारा परिवाद संख्या-30/2000 में पारित निणय/आदेश दिनांक 13.11.2002 के विरूद्ध
1. महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा लिमिटेड, मार्केटिंग डिपार्टमेंट, वर्ली रोड नं0-13, मुम्बई 400018 ।
2. मैनेजर, महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा लिमिटेड, आटोमोटिव सेण्टर, 5th फ्लोर, सरन चैम्बर्स, 5 पार्क रोड, हजरतगंज, लखनऊ।
3. मै0 आत्मा राम आटो इण्टरप्राइजेज, 380, बाई पास रोड, आगरा।
अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
प्रिंसिपल बैनी सिंह वैदिक विद्यावती इण्टर कालेज, बालूगंज, आगरा।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
- माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री के0एन0 शुक्ला, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 08.12.2021
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री के0एन0 शुक्ला उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: केवल अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. परिवाद संख्या-30/2000, प्रधानाचार्य बैनीसिंह वैदिक विद्यावती इण्टर कालेज बनाम मैसर्स आत्माराम आटो इण्टरप्राइजेज तथा दो अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम आगरा द्वारा पारित
-2-
प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 13.11.2002 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील केवल इस बिन्दु तक सीमित की गई है कि क्षतिपूर्ति की राशि समाप्त की जानी चाहिए। वाहन की मरम्मत करा दी गई है। यह भी बहस की गई है कि तत्समय सड़के खराब थीं, इसलिए वाहन खराब हुआ था और जब भी वाहन खराब हुआ तब-तब दुरूस्त कराया गया, इसलिए सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। इस तर्क पर आपत्ति करने के लिए कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: उपरोक्त तर्क ग्राह्य करने योग्य है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
3. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13.11.2002 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि बतौर मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 10,000/- रूपये के स्थान पर अंकन 4,000/- रूपये की धनराशि परिवादी को अदा की जाए। शेष आदेश पुष्ट किया जाता है।
पक्षकार अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2