(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2221/2007
M/S T.C.L. India Holdings Pvt. Ltd
Versus
M/S Prince Hospitality Pvt. Ltd & other
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री सुशील कुमार शर्मा, विद्धान अधिवक्ता
के कनिष्ठ अधिवक्ता श्री नंद कुमार
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :13.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-196/2006, मै0 प्रिंस हॉस्पिटलिटी बनाम मै0 तान्या इलेक्ट्रानिक्स व अन्य में विद्वान जिला आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05.09.2007 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. परिवादी के तथ्यों के अनुसार विपक्षी सं0 2 से दिनांक 29.09.2005 को टी0सी0एल0 एअर कंडीशनर 2,19,000/-रू0 में क्रय किया गया। विपक्षी ने 14,600/-रू0 प्रति एअर कंडीशनर मूल्य वसूल किया था। दो माह के पश्चात ही सभी एअर कंडीशनर बारी-बारी से खराब हो गये। विपक्षीगण के इंजीनियर द्वारा बार-बार एअर कंडीशनर सही किये गये, परंतु सही होने के बाद तुरंत खराब होते चले गये। वारंटी अवधि 01 वर्ष के अंदर ही एअर कंडीशनर खराब हुए हैं और अनुरोध के बावजूद भी एअर कंडीशनर नहीं बदले गये। विपक्षी सं0 2के अधिकृत विक्रेता विपक्षी सं0 1 है। अत: एअर कंडीशनर की मूल्य के बराबर की राशि वापस प्राप्त करने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया गया, जिसे जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा स्वीकार करते हुए उपरोक्त वर्णित आदेश पारित किया गया।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क यह है कि सभी एअर कंडीशनर खराब होने का कोई प्रमाण नहीं है, जबकि जिला उपभोक्ता आयोग ने सभी एअर कंडीशनर खराब मानते हुए सम्पूर्ण मूल्य वापस लौटाने का आदेश पारित किया है, जो अनुचित है। कमरा नम्बर 101 लगायत 303 तक एअर कंडीशनर स्थापित किये गये हैं, जैसा कि दस्तावेज सं0 14 के अवलोकन से ज्ञात होता है। दस्तावेज सं0 15 के अनुसार सभी एअर कंडीशनर स्थापित करते समय सही पाया गया। यह सभी एअर कंडीशनर व्यापारिक उद्देश्य के लिए होटल के कमरों में स्थापित किये गये हैं, इसलिए इस केस मे उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है। जिला उपभोक्ता आयोग ने गैर उपभोक्ता विवाद पर अपना निर्णय/आदेश पारित किया है, जो अपास्त होने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2