Uttar Pradesh

Faizabad

CC/35/04

PAVAN KUMAR - Complainant(s)

Versus

PRAYAG UDHYOG - Opp.Party(s)

17 Aug 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/35/04
 
1. PAVAN KUMAR
RES. BEGAMGANJ MAKBARA TEH SADAR DIS FAIZABAD
...........Complainant(s)
Versus
1. PRAYAG UDHYOG
BANBIRPUR LUCKNOW ROAD FAIZABAD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

परिवाद सं0-35/2004


पवन कुमार पुत्र सुन्दर लाल निवासी बेगमगंज मकबरा, तहसील सदर जिला फैजाबाद                                 .................परिवादीगण     
                    बनाम


1-    प्रबन्धक/स्वामी प्रयाग उद्योग लिमिटेड वेहकिल डीलर बनवीरपुर लखनऊ रोड, फैजाबाद।
2-    टाटा फाइनेन्स लिमिटेड 4 प्लोर कंचनजंघा बिल्डिंग बारह खम्भा रोड नई दिल्ली।                                               ...............विपक्षीगण                
निर्णय दिनाॅंक 17.08.2015    

 

                    
                        निर्णय 


    उद्घोषित द्वारा: श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष

    परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध नुकसानी तथा मुकदमा खर्चा दिलाये जाने के सम्बन्ध में योजित किया है।

    संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी ने हायर परचेज लोन कान्ट्रैक्ट एग्रीमेण्ट नम्बर 803370 माह अगस्त 2003 में एक वाहन माॅडल टाटा 207/91 मु0 3,57,000=00 पर फाइनेन्स कराकर माह अगस्त 2003 में विपक्षी सं0-1 के  शो  रूम से निकलवाया । वाहन का इंजन व चेचिस नम्बर 374415 जी.डब्लू.जेड.


                    (  2  )

401043 है। उक्त वाहन का आर.टी.ओ. कार्यालय से रजिस्ट्रेशन नं0-यू0पी0 42 टी. 1843 है। परिवादी ने वाहन को विपक्षीगण से बेरोजगार होने की स्थिति में रोजगार करने के लिए निकलवाया था, क्योंकि परिवादी एक शिक्षित बेरोजगार था और रोजी रोटी कमाने के उद्देश्य से उक्त वाहन को निकलवाया था। वाहन निकलवाते समय परिवादी ने विपक्षीगण को नकद भुगतान के रूप में दि0 11.08.2003 को मु0 3,000=00, दि0 18.08.2003 को मु0 5,000=00, दि0 19.08.2003 को मु0 5,000=00 तथा दि0 22.08.2003 को मु0 2,000=00 कुल मिलाकर मु0 15,000=00 तथा दि0 30.08.2003 को चेक नं0-361591 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जनाना अस्पताल रोड फैजाबाद के माध्यम से मु0 40,000=00 का भुगतान किया और इसके साथ ही साथ प्रतिमाह सितम्बर 2003 से लेकर फरवरी 2004 तक निरन्तर किश्तों के रूप में मु0 81,420=00 का भुगतान किया। इस प्रकार परिवादी ने कुल मिलाकर मु0 1,36,420=00 का भुगतान विपक्षीगण को कर दिया है। परिवादी को विपक्षी सं0-1 द्वारा जो वाहन शो रूम से दिया गया था उस वाहन का चेचिस टूटा था, जिसकी सूचना परिवादी ने वाहन का कब्जा पाने के पश्चात् तुरन्त ही विपक्षीगण को दिया है और विपक्षी सं0-1 से यह निवेदन किया कि विपक्षी सं0-1 परिवादी को सही चेचिस वाला नया वाहन बदलकर उसे दे दें। परिवादी की शिकायत के बावजूद भी विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को दिया गया टूटा चेचिस वाला वाहन को बदलकर सही चेचिस वाला नया वाहन नहीं दिया गया, बल्कि विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को यह आश्वासन दिया गया कि परिवादी की शिकायत विपक्षी सं0-2 के पास भेज दिया गया है और विपक्षी सं0-2 के यहाॅं से नया वाहन आने पर बदल दिया जायेगा। विपक्षीगण द्वारा अप्रैल 2004 तक बदलकर नया वाहन न दिये जाने पर परिवादी ने दि0 15.04.2004 को वाहन उपरोक्त को विपक्षी सं0-1 के शो रूम पर खड़ा कर दिया और विपक्षी सं0-1 से यह भी कहा कि यदि एक माह के अन्दर वाहन उपरोक्त को बदल कर नया वाहन न दिया गया तो वह अपना मु0 1,36,420=00 वापस ले लेगा। विपक्षीगण ने आज तक परिवादी को न तो नया वाहन दिया और न ही परिवादी का पैसा ही वापस किया। 

    विपक्षी सं0-1 ने अपने जवाबदावे में परिवादी के परिवाद से इन्कार किया है और विशेष कथन में यह कहा है कि परिवादी ने एक व्यवसायिक वाहन टाटा 207/डी.आई. मु0 3,99,570=00 में विपक्षी के शोरूम से अगस्त 2003 में खरीदा, जिसका चेचिस नं0-374415 जी.डब्लू.जेड. 401043 और सम्भागीय परिवहन कार्यालय में व्यवसायिक वाहन के रूप में रजिस्ट्रेशन नंबर-यू.पी.42टी.843 के रूप में पंजीकृत है। 


                   (  3  )

परिवादी ने उक्त वाहन व्यवसायिक उद्देश्य से हायर परचेज द्वारा खरीदा था और उसका उपयोग व्यवसायिक कार्यो में हो रहा था। उक्त कारणों से चूॅंकि परिवादी ने प्रश्नगत वाहन व्यवसायिक उद्देश्य से खरीदा था इस कारण परिवाद उपभोक्ता संरक्षण फोरम में चलने योग्य नहीं है। प्रश्नगत वाहन खरीदने के बाद परिवादी दि0 18.09.03, 20.10.03, 20.11.03, 25.11.03,18.03.04 को प्रश्नगत वाहन सर्विसिंग के लिए विपक्षी के वर्कशाप पर लेकर आया और उसने जाब कार्ड पर जो भी शिकायत दर्ज कराया उन्हें उसे विपक्षी द्वारा ठीक कराया गया। इन तिथियों पर परिवादी ने कभी भी प्रश्नगत वाहन में चेचिस में किसी प्रकार की खराबी या उसके टूटे होने की कोई भी शिकायत नहीं की और न ही जाॅब कार्ड में अंकित कराया। परिवादी ने दि0 18.03.2004 को प्रश्नगत वाहन में ।ेेलण् थ्तंउम ज्ञपज तथा  ।ेेलण् च्ंबापदह चेचिस की सुरक्षा हेतु लगवाया ताकि प्रश्नगत वाहन में ओवर लोडिंग होने पर भी प्रश्नगत वाहन की चेचिस सुरक्षित रहे और उस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। जहाॅं तक विपक्षी को ज्ञात हुआ है कि परिवादी विपक्षी सं0-2 के किश्तों की अदायगी नहीं कर रहा था, उसके जिम्मे काफी बकाया हो गया था। इस कारण विपक्षी सं0-2 ने प्रश्नगत वाहन खींच कर अपने कब्जे में कर लिया। 

    विपक्षी सं0-2 ने अपने जवाबदावे में कहा है कि इस न्यायालय को सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवादी ने विद्वेषभाव से गलत वाद कारण दर्शित करके विपक्षी को परेशान करने की नीयत से यह झूठा परिवाद योजित किया है।

    मैं पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलोकन किया। परिवादी ने विपक्षी सं0-2 टाटा फाइनेन्स लिमिटेड से वाहन माडल टाटा 207/91 एग्रीमेण्ट नं0-803370 माह अगस्त 2003 में मु0 3,57,000=00 पर फाइनेन्स कराया तथा विपक्षी सं0-1 के शो रूम से वाहन जिसका इंजन व चेचिस नं0-374415 जी.डबलू.जेड. 401043 है, का पंजीकरण आर.टी.ओ. कार्यालय से कराया, जिसका पंजीकरण संख्या-यू0पी0 42 टी. 1843 है। परिवादी बेरोजगार व्यक्ति है इसलिए रोजी रोटी कमाने के उद्देश्य से उक्त वाहन निकलवाया था। परिवादी ने दि0 11.08.2003 को मु0 3,000=00, दि0 18.08.2003 को मु0 5,000=00, दि0 19.08.2003 को मु0 5,000=00 तथा दि0 22.08.2003 को मु0 2,000=00 कुल मिलाकर मु0 15,000=00 तथा दि0 30.08.2003 को चेक नं0-361591 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक जनाना अस्पताल रोड फैजाबाद के माध्यम से मु0 40,000=00  का  भुगतान  किया और इसके साथ ही साथ प्रतिमाह सितम्बर 2003 से 


                    (  4  )

लेकर फरवरी 2004 तक निरन्तर किश्तों के रूप में मु0 81,420=00 का भुगतान किया। इस प्रकार परिवादी ने कुल मिलाकर मु0 1,36,420=00 का भुगतान विपक्षीगण को कर दिया है। विपक्षी सं0-1 के द्वारा जो वाहन परिवादी को दिया गया उसकी चेचिस टूटी थी। चेचिस टूटी होने के कारण परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से सही चेचिस वाला नया वाहन बदल कर देने के लिए कहा था, लेकिन विपक्षीगण ने न तो नया वाहन दिया और न ही मु0 1,36,420=00 वापस किया। पत्रावली के साक्ष्य के अनुसार परिवादी ने एग्रीमेन्ट के शर्तो के अनुसार विपक्षी सं0-2 से लिये गये लोन को पूर्ण रूप से भुगतान नहीं किया, इसलिए विपक्षी सं0-2 परिवादी के यहाॅं से वाहन खींच कर अपने कब्जे में कर लिया। वाहन के चेचिस टूटी होने के सम्बन्ध में परिवादी ने कोई ऐसा साक्ष्य दाखिल नहीं किया कि जो वाहन विपक्षी सं0-1 के यहाॅं से दिया गया, उसका चेचिस टूटी हुई थी। दस्तावेजी साक्ष्य से इसकी पुष्टि नहीं होती। जाॅब कार्ड के अनुसार भी कोई चेचिस टूटे होने का जिक्र भी नहीं किया गया है। विपक्षी सं0-1 ने अपने जवाबदावे में कहा है कि जाॅब कार्ड में कोई शिकायत भी दर्ज नहीं करायी। परिवादी ने दि0 18.03.2004 को प्रश्नगत वाहन में ।ेेलण् थ्तंउम ज्ञपज तथा  ।ेेलण् च्ंबापदह चेचिस की सुरक्षा हेतु लगवाया ताकि प्रश्नगत वाहन में ओवर लोडिंग होने पर भी प्रश्नगत वाहन की चेचिस सुरक्षित रहे और उस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इस प्रकार परिवाद में किये गये अभिकथन परिवादी के साक्ष्य से साबित नहीं होते है। चेचिस टूटी नहीं पायी गयी। परिवादी ने एग्रीमेन्ट के शर्तो के अनुसार विपक्षी सं0-2 के पैसे का भुगतान नहीं किया, जिससे विपक्षी सं0-2 परिवादी का वाहन खिंचवा करके ले गया। इस प्रकार परिवादी अपना परिवाद सिद्ध करने में असफल रहा है। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।

 

     आदेश

        परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। 

           (विष्णु उपाध्याय)           (माया देवी शाक्य)            ( चन्द्र पाल )            
               सदस्य                    सदस्या                   अध्यक्ष   

 

                        (  5  )
    
    
                    
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 17.08.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।


           (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)              ( चन्द्र पाल )
                सदस्य                 सदस्या                      अध्यक्ष

 


                                            

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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