Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/158/2011

Smt. Sunhari - Complainant(s)

Versus

Prathama Bank - Opp.Party(s)

03 Aug 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/158/2011
 
1. Smt. Sunhari
R/0 Harthala Sonakpur Tehsil & District Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Prathama Bank
Office- Ram Ganga Vihar Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   परिवादीगण ने इस परिवाद के माध्‍यम से अनुरोध किया है कि विपक्षी सं0-1 द्वारा जारी वसूली नोटिस दिनांकित 01/08/2011 मुवलिंग 47,334/- रूपया को निरस्‍त किया जाये। परिवाद व्‍यय, अधिवक्‍ता फीस एवं क्षतिपूर्ति आदि की मद में 1,22,000/- रूपया परिवादीगण ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि दिनांक 19/05/2007 को  परिवादीगण  ने 35,000/-रूपया का कृषि ऋण किसान क्रेडिट कार्ड के माध्‍यम से अपनी कृषि भूमि बन्‍धक रखकर विपक्षी सं0-1 से लिया था। यह ऋण परिवादीगण के ज्‍वांइट खाता सं0-पी0के0सी0सी0 44/7 में अन्‍तरित किया गया। स्‍वीकृत ऋण को परिवादीगण ने फसल बोने के लिए खाद, बीज में इस्‍तेमाल किया। केन्‍द सरकार ने ऐसे ऋण को माफ  कर दिया जिनकी अदायगी 31/12/2007 तक बाकी थी। चॅूंकि परिवादीगण को स्‍वीकृत ऋण  इस ऋण माफी योजना के अन्‍तर्गत आता था अत:  यह माफ हो गया। विपक्षी सं0-1 के कर्मचारी ने भी परिवादीगण को यह बताया था  कि उनका ऋण माफ हो गया है। बार-बार मांगने के बावजूद विपक्षीगण ने लोन समाप्ति की रसीद नहीं दी उन्‍होने कहा कि पुन: वसूली का नोटिस नहीं आयेगा।  इसके बावजूद 47340/- रूपये का वसूली नोटिस दिनांकित 01/08/2011 विपक्षीगण की ओर से परिवादी को मिला। परिवादीगण ने विपक्षी सं0-1 के प्रबन्‍धक से सम्‍पर्क किया और शिकायत की कि वसूली नोटिस गलत है इससे निरस्‍त किया जाये, किन्‍तु विपक्षीगण इसे निरस्‍त करने के लिए तैयार नहीं हैं। परिवादीगण के अनुसार परिवाद में अनुरोधित अनुतोष उन्‍हें दिलाऐ जाये।
  3.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/4 दाखिल  हुआ। प्रतिवाद पत्र में स्‍वीकार किया गया कि परिवादीगण को परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित ऋण स्‍वीकार किया गया था जिसे परिवादीगण के संयुक्‍त खाता में  अन्‍तरित किया गया। विपक्षीगण ने शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया। अतिरिक्‍त  कथनों में कहा गया कि परिवादीगण ने स्‍वीकृत ऋण सही तरह से उपयोग नहीं किया और ऋण खाता अनियमित हो गया। दिनांक 30/09/2011 को उनके विरूद्ध 49,931/- रूपया शेष हैं जो परिवादीगण अदा नहीं कर रहे हैं। ऋण माफी योजना के सन्‍दर्भ में कहा गया है कि केवल ऐसे ऋण दाताओं को राहत प्रदान की गई थी जिनकी किश्‍ते 31/12/2007 तक अतिदेय हो और 29 फरवरी, 2008 तक जिनकी अदायगी न हुई हो। परिवादीगण का ऋण उक्‍त परिधि में नहीं आता। अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि ऋण माफी से असन्‍तुष्‍ट होकर परिवादीगण ने कोई अभ्‍यावेदन भी नहीं दिया, उनके विरूद्ध वसूली की कार्यवाही विधि सम्‍वत तरीके से की जा रही है। विपक्षीगण के विरूद्ध परिवादीगण द्वारा लगाये गऐ आरोप असत्‍य हैं। विपक्षीगण ने विशेष व्‍यय सहित परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की। 
  4.   परिवाद के साथ परिवादीगण ने सूची कागज सं0-3/7 के माध्‍यम से  विपक्षीगण का जबाब नोटिस तथा उसकी ए0डी0, ऋण माफी से सम्‍बन्धित पम्‍फलैट, विपक्षी सं0-1 की ओर से प्राप्‍त वसूली नोटिस दिनांकित 01/08/2011, ऋण खाते की पासबुक के प्रथम पृष्‍ठ  की नकल, परिवादीगण द्वारा प्रथमा बैंक के मुख्‍य कार्यालय को प्रेषित शिकायत दिनांक 28/08/2009, ऋण  माफी के सम्‍बन्‍ध में प्रकाशित समाचार पत्रों की कटिंग, विपक्षीगण को भेजे गये नोटिस दिनांकित 02/09/2011 की नकल, इस नोटिस को भेजे जाने की डाकखाने की असल रसीद तथा परिवादीगण की किसान वहियों की फोटोप्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/7 लगायत 3/20 हैं।
  5.  परिवादीगण की ओर से परिवादी सं0-2 जगत सिंह ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र  कागज सं0-7/1 लगायत 7/4 दाखिल किया। विपक्षी सं0-1 की ओर से बीमा कम्‍पनी के वरिष्‍ठ शाखा प्रबन्‍धक श्री ए0के0 वर्मा ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/3 प्रस्‍तुत किया। इस शपथ पत्र के साथ कृषि माफी योजना, 2008 के नियम एवं शर्तो को संलग्‍नक के रूप में दाखिल किया गया, यह प्रपत्र कागज सं0- 8/4 लगायत 8/13 हैं।
  6.   किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।
  7.   हमने विपक्षीगण के विद्वान अधिवकता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादीगण की  ओर  से  बहस  हेतु कोई  उपस्थित नहीं हुऐ।
  8.   परिवाद कथनों में यह उल्‍लेख है कि परिवादीगण को कृषि कार्य हेतु 35,000/-  रूपया का ऋण दिनांक 19/05/2007 को स्‍वीकार हुआ था। परिवादीगण का यह  कहना है कि भारत सरकार की ऋणमाफी योजना में यधपि उनका ऋण माफ हो गया था इसके बावजूद विपक्षीगण ने ऋण समाप्‍त नहीं किया और वे निरन्‍तर ऋण  वसूली का परिवादीगण पर दबाव बना रहे हैं। यहॉं तक कि उन्‍होंने वसूली नोटिस भी परिवादीगण को भेजा है। परिवादगण के अनुसार विपक्षीगण के उक्‍त कृत्‍य विधि विरूद्ध हैं और सेवा में कमी की श्रेणी में आते हैं।
  9.   विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने तर्क के दौरान कहा कि परिवादीगण को स्‍वीकृत ऋण भारत सरकार की ऋणमाफी योजना के अधीन चॅूंकि नहीं आता  अत: परिवादीगण को ऋणमाफी योजना का लाभ नहीं दिया गया। वर्ष, 2008 में  जारी ऋणमाफी और राहत योजना की प्रति विपक्षीगण के साक्षी श्री ए0के0 वर्मा ने  अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र के साथ संलग्‍नक-1 के रूप में पत्रावली पर दाखिल की है।  यह संलग्‍नक-1 पत्रावली का कागज सं0-8/4 लगायत 8/13 है। पत्रावली में अवस्थित किसान वहियों की नकल कागज सं0-3/17 - 3/20 के अवलोकन से प्रकट है कि श्रीमती सुनहरी और जगत सिंह के पास क्रमश: 0.60 - 0.60  हेक्‍टेयर कृषि भूमि  है। ऋणमाफी योजना के क्‍लाज 3.5 के अनुसार दोनों परिवादीगण ‘’ मार्जिनल  फार्मर ‘’ हैं। योजना के क्‍लाज 4.1 के अनुसार ऋणमाफी हेतु केवल वे ऋणदाता अर्ह हैं जिनका ऋण दिनांक 31/03/2007 से पहले स्‍वीकार हुआ था और जो 31/12/2007 को ओवर डयू था। परिवादीगण द्वारा दाखिल ऋण खाते की पासबुक की नकल   कागज सं0-3/10 के अनुसार प्रश्‍नगत ऋण परिवादीगण को दिनांक 12/05/2007  को स्‍वीकार हुआ था। इस प्रकार प्रश्‍नगत ऋण भारत सरकार की ऋणमाफी एवं राहत योजना, 2008 से आच्‍छादित नहीं है। विपक्षीगण ने ऋणमाफी योजना का  परिवादीगण को लाभ न देकर कोई त्रुटि नहीं की है। परिवादीगण कोई अनुतोष पाने के अधिकारी नहीं है और परिवाद खारिज होने योग्‍य है। 

 

 

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

        सदस्‍य                 सदस्‍य             अध्‍यक्ष

   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद।   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     03.08.2015           03/08/2015         03.08.2015

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.08.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)     (पवन कुमार जैन)

        सदस्‍य                 सदस्‍य             अध्‍यक्ष

   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद।   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     03.08.2015           03/08/2015         03.08.2015

 

 

 

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.