Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/192/2011

Shri Dheer Singh - Complainant(s)

Versus

Prathama Bank - Opp.Party(s)

09 Jun 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/192/2011
 
1. Shri Dheer Singh
Village Heerapur Thana Mundapanday Tehsil & Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Prathama Bank
Branch Office BheetKheda Thana Mundapanday Distt. Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे बीमित भैंस की क्‍लेम राशि अंकन 18000/- रूपया 18  प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाई जाय। परिवाद व्‍यय की मद में  5000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि वर्ष, 2008 में परिवादी ने विपक्षी सं0-1  से ऋण लेकर 18000/- रूपया में एक भैंस खरीदी थी वह भैंस नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी की सिविल लाइन्‍स, रामपुर शाखा से  दिनांक 05/3/2008 से 04/3/2011 तक की अवधि के लिए बीमित थी। भैंस का स्‍वास्‍थ्‍य  परीक्षण करने के उपरान्‍त मूढ़ापाण्‍डे के वैटरनरी चिकित्‍सक ने भैंस के कान में टैग सं0- 7308 लगाया था। बीमारी के कारण परिवादी की भैंस दिनांक 20/6/2009 को मर गई उसी दिन परिवादी ने विपक्षी को  सूचित किया। विपक्षी सं0-1 के शाखा प्रबन्‍धक ने उसी दिन भैंस का मुआयना  किया। वैटरनरी चिकित्‍सक ने भैंस का पोस्‍ट मार्टम किया। चिकित्‍सक  पोस्‍ट मार्टम करने के बाद भैंस का कान छल्‍ले सहित काटकर ले गऐ। विपक्षी सं0-1 ने विपक्षी सं0-2 को भैंस के मरने की बाबत सूचित कर दिया और दिनांक 22/6/2009 को छल्‍ले सहित भैंस का कान और अन्‍य  कागजात विपक्षी सं0-2 को उपलब्‍ध करा दिऐ। बार-बार अनुरोध करने के बाद भी विपक्षी सं0-2 ने परिवादी का क्‍लेम निस्‍तारित नहीं किया और  वे क्‍लेम को लम्बित रखे हुऐ हैं। विपक्षीगण के कृत्‍य सेवा में कमी हैं। परिवादी ने उपरोक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4  दाखिल किया।
  4.   परिवादी ने विपक्षी सं0-1 एवं विपक्षी सं0-2 को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांकित 30/5/2011 की नकल और नोटिस भेजे जाने की असल रसीदों को परिवाद के साथ दाखिल किया। सूची कागज सं0-3/7 के  माध्‍यम से परिवादी ने मृत भैंस का क्‍लेम फार्म, वैल्‍यूशन सर्टिकिेट, पोस्‍ट मार्टम रिपोर्ट तथा विपक्षी सं0-1 के शाखा प्रबन्‍धक द्वारा विपक्षी सं0-3  को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 22/6/2006 की नकलों को दाखिल किया, यह  प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/8 लगायत 3/11 हैं।
  5.   विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/3  दाखिल हुआ जिसमें उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 से ऋण लेकर परिवादी का अंकन 18000/- रूपया में भैंस खरीदा जाना, भैंस के कान में टैग संख्‍या-7308 डाला जाना, भैंस मरने की सूचना विपक्षी सं0-2 को दिया जाना और भैंस का विपक्षी सं0-3 से बीमित होना तो स्‍वीकार किया गया किन्‍तु  शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया  कि परिवादी ने भैंस के मरने की सूचना उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 को दी  थी जिस पर उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 ने पत्र दिनांकित 22/6/2009 द्वारा  परिवादी को क्‍लेम प्रपत्र उपलब्‍ध कराने के लिए लिखाविपक्षी सं0-2 को गया। क्‍लेम प्रपत्र   प्राप्‍त होने पर परिवादी ने समस्‍त औपचारिकताऐं पूरी करते हुऐ विपक्षी सं0-2 के कार्यालय में क्‍लेम प्रपत्र प्रस्‍तुत किऐ। परिवादी ने भैंस हेतु लिऐ  गऐ ऋण की धनराशि और ब्‍याज अदा नहीं किया है। उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 की ओर से यह कहते हुऐ कि उसके विरूद्ध परिवादी को कोई वाद  हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ विशेष व्‍यय सहित परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  6.   विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/5 प्रस्‍तुत किया गया जिसमें परिवाद कथनों से इन्‍कार करते हुऐ कहा गया कि परिवाद मिथ्‍या कथनों पर आधारित है जो इसी आधार पर खण्डित होने योग्‍य है। विशेष कथनों में कहा गया है कि परिवादी ने भैंस मरने जाने की कोई सूचना उत्‍तरदाता विपक्षीगण को नहीं दी। विपक्षी सं0-1 का यह कथन भी असत्‍य है कि उसने पत्र दिनांक 22/6/2009  द्वारा समस्‍त प्रपत्र और छल्‍ला सहित भैंस का कान विपक्षी सं0-3 को  उपलब्‍ध कराया हो तथा विपक्षी सं0-3 को भैंस के मरने की भी कोई सूचना दी हो। उत्‍तरदाता विपक्षीगण सं0-2 व 3 की ओर से अग्रेत्‍तर  कथन किया गया है कि परिवाद में उल्लिखित बीमा पालिसी सं0-382  द्वारा परिवादी की भैंस का बीमा नहीं किया गया बल्कि पालिसी सं0-382  के माध्‍यम से किसी सरदार सिंह पुत्र अनूप सिंह की भैंस का बीमा किया गया था जिसका छल्‍ला नम्‍बर-7308 न होकर 7340 था। विपक्षी सं0-1 ने पालिसी सं0-382 अथवा छल्‍ला नम्‍बर-7340 से सम्‍बनित कोई प्रपत्र उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-3 को कभी प्रेषित नहीं किऐ। परिवादी का यह  कथन भी असत्‍य है कि उसने क्‍लेम निस्‍तारण हेतु उत्‍तरदाता विपक्षीगण से कभी अनुरोध किया था। वास्‍तव में पालिसी सं0-382 द्वारा बीमित भैंस की मृत्‍यु नहीं हुई है। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 को अनावश्‍यक  पक्षकार बनाया गया है। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर और यह कहते हुऐ   कि उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-2 व 3 ने परिवादी को सेवा देने में कोई कमी  नहीं की, परिवाद को विशेष व्‍यय सहित खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई। प्रतिवाद पत्र के साथ बीमा पालिसी सं0-382 के बीमा प्रमाण पत्र की फोटो प्रति दाखिल की गई जिसमें किसी सरदार सिंह की भैंस का बीमा किया जाना दर्शाया गया है।
  7.   विपक्षीगण के प्रतिवाद पत्र दाखिल हो जाने के उपरान्‍त परिवादी ने  प्रार्थना पत्र कागज सं0-25 प्रस्‍तुत कर परिवाद में संशोधन की प्रार्थना की, परिवादी का प्रार्थना पत्र स्‍वीकार किया गया। इस संशोधन प्रार्थना पत्र के  माध्‍यम से परिवादी ने परिवाद के पैरा सं0-6 में उल्लिखित बीमा पालिसी का नम्‍बर 382 के स्‍थान पर 392 संशोधित किया।
  8.   परिवाद में संशोधन के उपरान्‍त विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से  अतिरिक्‍त प्रतिवाद पत्र कागज सं0-29 प्रस्‍तुत किया गया जिसमें कहा  गया कि परिवादी ने भैंस का कोई बीमा प्रमाण पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया ऐसी दशा में विपक्षी सं0-2 व 3 को यह स्‍वीकार नहीं हैं कि उन्‍होंने परिवादी की भैंस का बीमा किया है।
  9.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-21/1 लगायत 21/2 दाखिल किया।
  10.   विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से बीमा कम्‍पनी के सहायक मण्‍डलीय  प्रबन्‍धक श्री रमन ओबेराय का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-22/1 लगायत  22/3 दाखिल हुआ। उत्‍तरदाता विपक्षीगण सं0-2 व 3 की ओर से अतिरिक्‍त साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-31/1 लगायत 31/2 दाखिल भी हुआ।
  11.   विपक्षी सं0-1 की ओर से लिखित बहस दाखिल हुई। परिवादी, विपक्षी सं0-2 एवं विपक्षी सं0-3 की ओर से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
  12.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया। 
  13.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद में उल्लिखित कथनों को  दोहराते हुऐ तर्क दिया कि परिवादी की भैंस यधपि बीमा अवधि में मरी  थी और बीमा कम्‍पनी के समक्ष क्‍लेम प्रस्‍तुत कर दिया था इसके बावजूद परिवादी को विपक्षी सं0-2 व 3 ने क्‍लेम नहीं दिया और ऐसा करके उन्‍होंने सेवा में कमी की।
  14.   विपक्षी सं0-2 व 3 के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवादी के इस कथन  से इन्‍कार किया कि भैंस के मरने की कोई सूचना विपक्षी सं0-2 व 3 को  दी गई थी उन्‍होंने दिनांक 20/6/2009 को भैंस मर जाने के तथ्‍य से  भी इन्‍कार किया। विपक्षी सं0-2 व 3 के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद के पैरा सं0-5 में उल्लिखित कथनों से इन्‍कार करते हुऐ यह भी कहा कि  विपक्षी सं0-1 की ओर से विपक्षी सं0-3 को भैंस के मरने की कोई सूचना नहीं मिली और परिवादी का यह कहना भी गलत है कि दिनांक  22/6/2009 का विपक्षी सं0-1 ने समस्‍त प्रपत्र और कान का बीमर टैग सं0-7308 विपक्षी सं0-3 को उपलब्‍ध कराया हो। विपक्षी सं0-2 व  3                                                      के विद्वान अधिवक्‍ता ने अग्रेत्‍तर यह भी तर्क दिया कि परिवादी ने भैंस की कथित बीमा पालिसी सं0-392 से सम्‍बन्धित कोई क्‍लेम उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-2 व 3 के समक्ष प्रस्‍तुत नहीं किया। यहॉं तक कि परिवादी ने पालिसी की नकल तक परिवाद में दाखिल नहीं की उन्‍होंने उक्‍त तर्कों के आधार पर और यह कहते हुऐ कि बीमा पालिसी सं0-392  के आधार पर जब विपक्षीगण सं0-2 व 3 के समक्ष परिवादी कोई बीमा दावा ही प्रस्‍तुत नहीं किया तो दावे के भुगतान का कोई प्रश्‍न ही नहीं था परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  15.   प्रत्‍युत्‍तर में परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने पत्रावली में अवस्थित कागज सं0- 27 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और तर्क दिया कि  प्रश्‍नगत भैंस रीटेगिंग हुई थी ऐसी दशा में मूल पालिसी दाखिल किऐ  जाने का कोई औचित्‍य परिवादी के लिए नहीं था। उन्‍होंने विपक्षी सं0-2  व 3 की ओर से प्रस्‍तुत किऐ गऐ तर्कों का भी परिवाद किया।
  16.   पत्रावली में जो साक्ष्‍य सामग्री उपलब्‍ध हुई है उसके अवलोकन से हमें विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से दिऐ गऐ तर्कों में बल दिखाई देता है।
  17.   परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-21/1 लगायत 21/2  में कहीं भी यह कथन नहीं किया है कि उसने विपक्षी सं0-2 अथवा विपक्षी सं0-3 को भैंस के मरने की सूचना दी थी। साक्ष्‍य शपथ पत्र के पैरा सं0-4 में उसने यह तो कहा है कि  ‘’ शपथकर्ता द्वारा विपक्षी को सूचित कर दिया गया था और उसी दिन..........’’ किन्‍तु परिवादी स्‍पष्‍ट शब्‍दों में यह  कहने का साहस नहीं कर पाया कि उसने विपक्षी सं0-2 व 3 को भैंस के  मरने की सूचना दी थी। साक्ष्‍य शपथ पत्र के पैरा सं0-6 में परिवादी ने  कहा है कि पत्र दिनांक 22/6/2009 के माध्‍यम से विपक्षी सं0-1 ने भैंस के मरने की सूचना विपक्षी सं0-3 को दी थी और साथ में भैंस का बीमर  टैग सं0-7308 और समस्‍त कागजात भी विपक्षी सं0-3 को उपलब्‍ध करा  दिये थे किन्‍तु परिवादी अपने इन कथनों को प्रमाणित नहीं कर पाया।  विपक्षी सं0-1 की ओर से विपक्षी सं0-3 को कथित रूप से भेजे गऐ पत्र दिनांकित 22/6/2009 की फोटो प्रति पत्रावली का कागज सं0- 3/11 है।  इस पत्र के अनुसार परिवादी ने भैंस के मरने की सूचना विपक्षी सं0-1  को दी थी जिससे विपक्षी सं0-1 ने विपक्षी सं0-3 को अवगत कराते हुऐ परिवादी को क्‍लेम फार्म उपलब्‍ध कराने का अनुरोध किया था। इस पत्र में कहीं भी यह उल्‍लेख नहीं है कि विपक्षी सं0-1 ने भैंस का  बीमर टैग एवं अन्‍य प्रपत्र विपक्षी सं0-3 को भेजे थे। भरे हुऐ क्‍लेम फार्म की फोटो प्रति पत्रावली का कागज सं0-3/8 है। क्‍लेम फार्म दिनांक 22/8/2009 को भरा गया था। कहने का आशय यह है कि भैंस के मरने के लगभग 2 महीने बाद परिवादी ने यह क्‍लेम फार्म भरा था। दावा प्रस्‍तुत करने से पूर्व कभी भी भैंस के मरने की कोई सूचना बीमा कम्‍पनी को परिवादी द्वारा स्‍व स्‍तर से देना प्रमाणित नहीं है। यह भी प्रमाणित नहीं हो पाया है कि मृतक भैंस का बीमर टैग सं0-7308 किसी भी स्‍टेज पर बीमा कम्‍पनी को  उपलब्‍ध कराया गया था। बीमा कम्‍पनी को मृतक भैंस तथा घटनास्‍थल का मुआयना कराने का भी अवसर परिवादी ने उपलब्‍ध नहीं कराया। परिवादी की ओर से दाखिल कागज सं0-3/8 लगायत 3/10 के अनुसार मृत भैंस का मृत्‍यु प्रमाण पत्र सरकारी अस्‍पताल मूढ़ापांडे के वैटरनरी डाक्‍टर द्वारा दिया गया, मृत भैंस की वैल्‍यूशन और उसकी Carase का  मुआयना भी वैटरनरी डाक्‍टर द्वारा ही किया गया था। उक्‍त वैटरनरी डाक्‍टर बीमा कम्‍पनी के न तो प्रतिनिधि थे और न ही उन्‍होंने मृत भैंस की वैल्‍यूशन और उसका मुआयना इत्‍यादि बीमा कम्‍पनी के निर्देश पर  किया। कहने का आशय यह है कि बीमा कम्‍पनी जिससे परिवादी मृत  भैंस की बीमित राशि की मांग कर रहा है उसे समय रहते भैंस के मरने  की कोई सूचना नहीं दी गई और न ही उसे मृत भैंस के मुआयने का  कोई अवसर मिला, यहॉं तक कि भैंस के कान का बीमर टैग भी बीमा कम्‍पनी को उपलब्‍ध नहीं कराया गया। यहां यह भी उल्‍लेखनीय है कि  मृत भैंस की बीमा पालिसी की सं0-392 है। पूर्व में परिवाद पत्र में बीमा पालिसी की सं0-382 अंकित की गई थी 382 के स्‍थान पर संशोधन  द्वारा बीमा पालिसी की सं0-392 परिवादी की ओर से दिनांक 07/5/2015 को दिऐ गऐ संशोधन प्रार्थना पत्र के आधार पर अंकित हुई। परिवादी द्वारा बीमा दावा पालिसी सं0-382 के आधार पर प्रस्‍तुत किया गया। अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में भी परिवादी ने भैंस की बीमा पालिसी की सं0- 382 होना बताई। विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से प्रस्‍तुत साक्ष्‍य शपथ पत्र के अनुसार बीमा पालिसी सं0-382 किसी सरदार सिंह के नाम की है, यह परिवादी की बीमा पालिसी नहीं है। प्रकट है कि परिवादी ने अपनी भैंस की बीमा पालिसी सं0-392 के आधार पर कोई बीमा दावा विपक्षी सं0-2 व 3 के समक्ष प्रस्‍तुत नहीं किया। यहॉं तक कि बीमा पालिसी भी  उसने दाखिल नहीं की। जब परिवादी ने भैंस की बीमा पालिसी सं0-392 के आधार पर बीमा दावा प्रस्‍तुत नहीं किया, मृत भैंस के कान में  बीमर टैग बीमा कम्‍पनी को उपलब्‍ध नहीं कराया और बीमा कम्‍पनी को समय से सूचना नहीं दी जिससे मृत भैंस के मुआयने से बीमा कम्‍पनी वंचित हुई ऐसी दशा में परिवादी को परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने का कोई औचित्‍य नहीं बनता।
  18.   उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि  परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

 

 

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     09.06.2016           09.06.2016        09.06.2016

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 09.06.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      09.06.2016          09.06.2016         09.06.2016

 

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