Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/188/2010

Mohd. Shameem - Complainant(s)

Versus

Prathama Bank - Opp.Party(s)

22 Aug 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/188/2010
 
1. Mohd. Shameem
R/o Village & Post Kajipura, Tehsil & Distt. Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Prathama Bank
Branch Office Agwanpur Distt. Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 22 Aug 2016
Final Order / Judgement

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1. इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे फसल बीमा की धनराशि 1,00,000/-रूपया 12  प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित दिलाई जाय। परिवाद व्‍यय परिवादी ने अतिरिक्‍त  मांगा है।
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी की कृषि भूमि ग्राम मुस्‍तफापुर तहसील कांठ जिला मुरादाबाद में स्थित है। वह इस  जमीन से फसल पैदा करके अपना और अपने परिवार का भरणपोषण करता है। अच्‍छी फसल पैदा करने हेतु उसने विपक्षी सं0-1 से किसान क्रेडिट कार्ड के माध्‍यम से 50,000/-रूपया ऋण लिया था जिसका खाता सं0- पी0के0सी0सी0 20090228 है। अपनी कृषि भूमि में परिवादी ने  गन्‍ने और धान की फसल की बुवाई की जब फसल पक कर तैयार हुई  तो अचानक बाढ़ से सारी फसल बर्बाद हो गई। परिवादी का लगभग   1,00,000/- रूपया का नुकसान हुआ। परिवादी को विपक्षी सं0-1 ने यह नहीं बताया था कि उसकी फसल का बीमा कौन सी बीमा कम्‍पनी से उसने  कराया है अत: फसल चौपट होने की सूचना उसने विपक्षी सं0-1 को दी। विपक्षी सं0-1 ने दिनांक 19/9/2010 को परिवादी के खाते से बीमा प्रीमियम के रूप में 562/-रूपया काटकर भारत सरकार की राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना के अन्‍तर्गत विपक्षी सं0-2 को अदा किया था इसलिए दोनों  विपक्षीगण फसल के नुकसान की धनराशि अदा करने के लिए संयुक्‍त:   और पृथक-पृथक उत्‍तरदाई हैं। परिवादी के अनुसार उसने दिनांक  20/10/2010 के पत्र के माध्‍यम से फसल की बीमा राशि अदा करने का  अनुरोध विपक्षी सं0-1 से किया, किन्‍तु विपक्षी सं0-1 ने मदद करने से   साफ इन्‍कार कर दिया। उक्‍त कथनों के आधार पर परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद के साथ सूची कागज सं0-3/4 के माध्‍यम से परिवादी ने ऋण खाते की पासबुक, उप जिलाधिकारी कांठ तथा विपक्षी सं0-1 को  पृथक-पृथक भेजे गऐ पत्र दिनांकित 20/10/2010 और उन्‍हें भेजने की  डाकखाने की रसीदों की फोटो प्रतियों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली  के कागज सं0-3/5 लगायत 3/8 हैं।
  4. विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-8/1 लगायात 8/2 दाखिल हुआ जिसमें परिवादी के अनुरोध पर उसे 50,000/- रूपया का कृषि ऋण स्‍वीकार किया जाना और दिनांक 10/9/2009 को परिवादी के ऋण खाते से प्रीमियम राशि अंकन 562/-रूपया काटकर भारत सरकार की राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना के अन्‍तर्गत एग्रीकल्‍चरल इंश्‍योरेंश कम्‍पनी लखनऊ को भेजा जाना तो स्‍वीकार किया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। विशेष कथनों में कहा गया कि बीमा कम्‍पनी से  कोई क्‍लेम राशि आज तक उत्‍तरदाता विपक्षी सं0-1 को प्राप्‍त नहीं हुई, भविष्‍य में यदि कोई क्‍लेम राशि परिवादी के लिए उसे प्राप्‍त होती है तो  उक्‍त राशि परिवादी के खाते में जमा करा दी जायेगी। एग्रीकल्‍चरल  इंश्‍योरेंस कम्‍पनी को पक्षकार न बनाऐ जाने के कारण और परिवाद की  सुनवाई का क्षेत्राधिकार न होने के आधार पर परिवाद को विशेष व्‍यय  सहित खारिज किऐ जाने की विपक्षी सं0-1 ने प्रार्थना की।
  5. विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-13/1 लगायत   13/7 दाखिल हुआ जिसके समर्थन में विपक्षी सं0-2 के चीफ रीजनल  मैनेजर का शपथ पत्र भी दाखिल हुआ। प्रतिवाद पत्र में विपक्षी सं0-2   की ओर से कहा गया कि एग्रीकल्‍चरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी (जिसे सुविधा की  दृष्टि से आगे ए0आई0सी0 कहा गया है) के कार्यालय विभिन्‍न राज्‍यों   में है जिनमें एक कार्यालय हजरत गंज, लखनऊ में भी स्थित है। इसका कार्य उत्‍तर प्रदेश में राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना को लागू करना है।  एग्रीकल्‍चरल इंश्‍योरेंस की योजना केन्‍द्र सरकार द्वारा लागू की गई है जिसमें प्रदेशों का शामिल होना अनिवार्य नहीं है। उत्‍तर प्रदेश सरकार ने  वर्ष 2000 से खरीफ की फसल हेतु यह योजना प्रदेश में लागू की। वर्ष 2004 से प्रदेश सरकार ने न्‍याय पंचायतों को इंश्‍योरेंस यूनिट के रूप में  नोटिफाई किया। इस योजना के तहत ऐसे कृषक जो कृषि ऋण लेते हैं  वे योजना से स्‍वत: आच्‍छादित है। बीमा हेतु उनसे काफी कम दर पर  प्रीमियम लिया जाता है। फसल के नुकसान होने की दशा में उत्‍तरदाता  विपक्षी सं0-2 नोटिफाइड एरिया के आधार पर कम्‍पनसेशन का भुगतान  करती है और यह भुगतान नोडल बैंक को इस निर्देश के साथ किया जाता है कि कम्‍पनसेशन की राशि सम्‍बन्धित कृषक के खाते में क्रेडिट कर दें।  योजना के अनुसार किसी को भी अपना पृथक क्‍लेम प्रस्‍तुत करने की  आवश्‍यकता नहीं है। कम्‍पनसेशन इंश्‍योरेंस हेतु नोटिफाइड यूनिट के  अनुसार निर्धारित किया जाता है। योजना के अनुसार नोटिफाइड न्‍याय  पंचायत के सभी कृषक चाहें उनकी फसल का नुकसान हुआ हो अथवा नहीं, कम्‍पनसेशन पाने के अधिकारी है। प्रत्‍येक नोटिफाइड न्‍याय पंचायत  हेतु राज्‍य सरकार प्रत्‍येक सीजन के लिए गारन्‍टेड उपज निर्धारित  करती है यदि उस क्षेत्र में उपज गारन्‍टेड उपज से कम होती है तो  ए0आई0सी0 नुकसान की भरपाई करती है। विपक्षी सं0-2 की ओर से  अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं  हुआ उसका परिवाद पोषणीय नहीं है। विपक्षी सं0-1 नोडल बैंक है। विपक्षी  सं0-2 ने विपक्षी सं0-1 से परिवादी के सम्‍बन्‍ध में सूचनाऐं चाही थी  जिसके अनुक्रम में विपक्षी सं0-1 ने पत्र दिनांकित 20/6/2013 के माध्‍यम  से विपक्षी सं0-2 को बताया कि वर्ष 2009 में खरीफ सीजन के लिए धान की फसल तथा वर्ष 2009-10 में रबी सीजन हेतु गेहूँ की फसल के लिए परिवादी बीमित था और उसकी फसल न्‍याय पंचायत कुचावली के आधीन बीमित थीं। विपक्षी सं0-2 के अनुसार उक्‍त सीजन में न्‍याय पंचायत कुचावली के अधीन धान और गेहॅूं की फसल की पैदावार गारन्‍टेड  उपज से कम नहीं थी अत: कुचावली नयाय पंचायत में स्थित फसलों के लिए कोई क्‍लेम राशि देय नहीं पाई गई। विपक्षी सं0-2 के अनुसार योजना के तहत सेवायें देने में उसने किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की। उक्‍त  कथनों के आधार पर परिवाद को व्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की  गई।
  6. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-15/1 लगायत 15/3   दाखिल किया। विपक्षी सं0-1 की ओर से बैंक के वरिष्‍ठ शाखा प्रबन्‍धक श्री एल0पी0 सिंह ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-18/1 लगायत  18/3 दाखिल किया। विपक्षी सं0-2 की ओर से पृथक से साक्ष्‍य शपथ पत्र  दाखिल नहीं हुआ उनके प्रतिवाद पत्र के अभिकथन शपथ पत्र से समर्थित हैं। साक्ष्‍य में विपक्षी सं0-2 की ओर से राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना की  बुकलेट को दाखिल किया गया है जो पत्रावली का अभिलेख कागज सं0-20 है। इसके अतिरिक्‍त विपक्षी सं0-2 की ओर से मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा निगरानी सं0-2393-2394 वर्ष 2008, एग्रीकल्‍चरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेट बनाम नैन सिंह आदि में  पारित निर्णयादेश दिनांकित 22/4/2009 की प्रति को भी दाखिल किया  गया है।
  7. किसी भी पक्ष ने लिखित बहस दाखिल नहीं की।  
  8. हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के  तर्कों को  सुना और  पत्रावली का  अवलोकन किया।
  9. परिवादी के विद्वान अभिवक्‍ता ने परिवाद कथनों तथा परिवादी के  साक्ष्‍य शपथ पत्र में उल्लिखित सशपथ कथनों की ओर हमारा ध्‍यान  आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि अचानक बाढ़ आ जाने की वजह से  परिवादी की फसल बर्बाद हो जाने और विपक्षी सं0-1 को इसकी सूचना दे  दिऐ जाने के बावजूद परिवादी को फसल के नुकसान का कोई क्‍लेम  विपक्षीगण ने नहीं दिया। इस प्रकार उन्‍होंने सेवा में कमी की, उन्‍होंने   परिवादी द्वारा मांगे गऐ अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की। विपक्षीगण ने तर्कों का प्रतिवाद किया।
  10. परिवादी ने अपने परिवाद पत्र अथवा साक्ष्‍य शपथ पत्र में यह स्‍पष्‍ट   नहीं किया है कि उसने विपक्षी सं0-1 से कृषि ऋण किस वर्ष अथवा किस   तारीख को लिया था तथा उस ऋण के सापेक्ष उसकी कौन-कौन सी फसल   विपक्षी सं0-2 से बीमित थी। विपक्षी सं0-1 एवं विपक्षी सं0-2 के प्रतिवाद पत्रों के अवलोकन से प्रकट हुआ कि विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को  50,000/-रूपये का कृषि ऋण दिनांक 29/6/2009 को स्‍वीकृत किया था।   दिनांक 10/9/2009 को विपक्षी सं0-1 ने परिवादी के खाते से बीमा प्रीमियम की धनराशि अंकन 562/-रूपया काटकर भारत सरकार की  राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना के अन्‍तर्गत विपक्षी सं0-2 से परिवादी की  फसल का बीमा कराया था। विपक्षी सं0-2 के प्रतिवाद पत्र के पृष्‍ठ 13/5   के अनुसार इस बीमा के सापेक्ष परिवादी की खरीफ -2009 सीजन की धान की फसल तथा रबी-2009-2010 सीजन की गेहॅूं की फसल जो न्‍याय  पंचायत कुचावली ब्‍लाक छजलैट जिला मुरादाबाद में बोई गई थी, बीमित थी।
  11. मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई  दिल्‍ली द्वारा निगरानी संख्‍या-2393-2394 वर्ष 2008, एग्रीकल्‍चरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी  लिमिटेट बनाम नैन सिंह आदि में पारित निर्णयादेश दिनांकित 22/4/2009 में सभी जिला उपभोक्‍ता फोरमों को यह निर्देश दिऐ हैं कि ऐसे कृषि बीमा सम्‍बन्‍धी ऐसे मामलों का निस्‍तारण राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना के सम्‍बन्‍ध   में जारी स्‍कीम तथा उसकी शर्तों एवं प्रतिबन्‍धों के अनुसार किया जाय। मा0 राष्‍ट्रीय आयोग ने यह भी निर्देश दिऐ हैं कि ऐसे मामलों का  निस्‍तारण करने से पूर्व स्‍कीम की शर्तों एवं प्रतिबन्‍धों के सन्‍दर्भ में कृषि  मंत्रालय द्वारा दिऐ गऐ स्‍पष्‍टीकरणों तथा अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍नों  के उत्‍तर का भी भली-भॉति अवलोकन किया जाय।
  12. राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजना की बुकलेट पत्रावली में अभिलेख कागज सं0-20 के रूप में उपलब्‍ध हैं। इस बुकलेट में कुल 41 पृष्‍ठ हैं। इस बुकलेट के पृष्‍ठ-28 पर यह स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है कि यदि किसी क्षेत्र में   फसल की वास्‍तविक उपज Threshold उपज से अधिक है तो उस क्षेत्र के  किसानों को कृषि बीमा के अधीन कोई कम्‍पनसेशन देय नहीं होगा। बुकलेट  के पृष्‍ठ-29 पर यह उल्‍लेख है कि कृषि बीमा योजना के आच्‍छादित  किसान को फसल के नुकसान का कम्‍पनसेशन प्राप्‍त करने हेतु एग्रीकल्‍चरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी को पृथक से आवेदन करने की आवश्‍यकता नहीं होगी।
  13. पत्रावली में अवस्थित विवरण कागज सं0-22/47 के अनुसार खरीफ-2009 सीजन में न्‍याय पंचायत कुचावली, ब्‍लाक छजलैट, तहसील कांठ जिला मुरादाबाद में धान की फसल की वास्‍तविक उपज 23.65 किलोग्राम  प्रति हेक्‍टेयर थी। विपक्षी सं0-2 के रीजनल मैनेजर के प्रमाण पत्र कागज सं0-22/38 के अनुसार धान की यह उपज Threshold उपज अर्थात् 19.22  किलोग्राम प्रति हेक्‍टेयर से अधिक थी अत: ग्राम कुचावली न्‍याय पंचायत  के क्षेत्र में स्थित खरीफ वर्ष 2009 सीजन की धान की फसल के लिए क्‍लेम की कोई देयता नहीं बनती। वर्ष 2009-2010 रबी सीजन में चार्ट कागज संख्‍या- 22/37 के अनुसार न्‍याय पंचायत कुचावली, ब्‍लाक छजलैट,  तहसील कांठ, जिला मुरादाबाद क्षेत्र में गेहॅूं की फसल की वास्‍तविक उपज 32.51 किलोग्राम प्रति हेक्‍टेयर थी। रीजनल मैनेजर के प्रमाण पत्र कागज सं0-22/28 के अनुसार इस क्षेत्र में रबी 2009-2010 सीजन में गेहॅूं की फसल हेतु Threshold उपज 26.39 किलोग्राम प्रति हेक्‍टेयर निर्धारित थी और चॅूंकि वास्‍तविक उपज Threshold उपज से अधिक थी अत: इस सीजन में गेहॅूं की फसल के लिए क्‍लेम की कोई देयता नहीं बनती। उपरोक्‍त से प्रकट है कि बीमा अवधि में परिवादी की फसल हेतु बीमा राशि की कोई देयता नहीं बनती थी।
  14. परिवादी कोई क्‍लेम राशि पाने का अधिकारी नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्‍य है।
  15.  

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य             सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      22.08.2016           22.08.2016        22.08.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 22.08.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

      सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      22.08.2016          22.08.2016         22.08.2016

 

 

 

 

 

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