(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1939/2009
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड
बनाम
प्रताप शंकर श्रीवास्तव, आयु लगभग 44 वर्ष पुत्र श्री राम भरोसे श्रीवास्तव
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :10.01.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-29/2005, प्रताप शंकर श्रीवास्तव बनाम यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड में विद्वान जिला आयोग, गोण्डा द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 26.09.2009 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर बल देने के लिए कोई उपस्थित नहीं है। अत: स्वयं पीठ द्वारा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार टाटा ट्रक सं0 यू0पी0 43 बी-4692 का बीमा विपक्षी बीमा कम्पनी से दिनांक 14.03.2002 से 13.03.2003 की अवधि तक कराया था। बीमित अवधि के दौरान दिनांक 13.06.2002 को पेड़ से टकराने के कारण बीमित वाहन क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी सूचना बीमा कम्पनी को दी गयी और प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। विपक्षी द्वारा श्री भानु प्रताप श्रीवास्तव को सर्वेयर नियुक्त किया गया। गाड़ी को टोचन कर मरम्मत करने के लिए गोण्डा लाया, जहां पर 1,32,258/-रू0 खर्च हुआ, परंतु बीमा कम्पनी द्वारा बीमा क्लेम अदा नहीं किया गया। जिला उपभोक्ता मंच ने साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात यह निष्कर्ष दिया कि परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति की जो राशि बतायी गयी उसमें 25 प्रतिशत कटौती के पश्चात का 99,194/-रू0 09 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश देना उचित है। कम्पनी के सर्वेयर द्वारा अंकन 1,32,258/-रू0 की क्षतिपूर्ति का निर्धारण किया था, परंतु कोई कटौती नहीं की गयी। अत: जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3