(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1366/2011
(जिला उपभोक्ता आयोग, फिरोजाबाद द्वारा परिवाद संख्या-192/2009 में पारित निणय/आदेश दिनांक 3.6.2011 के विरूद्ध)
बजाज एलायन्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, जी.ई. प्लाजा एयरपोर्ट रोड, यर्वदा पूणे, द्वारा ब्रांच आफिस बजाज एलायन्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लि0, 4, शाहनजफ रोड, हजरतगंज, लखनऊ (यू.पी.) द्वारा आफिस इन चार्ज।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
प्रशान्त अग्रवाल पुत्र श्री आनन्द प्रकाश अग्रवाल, निवासी 13, कैण्ट, बरेली, यू.पी. 243001 ।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दिनेश कुमार एवं श्री
आनन्द भार्गव।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री ओ.पी. दुवेल।
दिनांक: 02.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-192/2009, प्रशान्त अग्रवाल बनाम मैसर्स बजाज एलायन्स लाइफ इंश्योरेंस कं0लि0 में विद्वान जिला आयोग, फिरोजाबाद द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 3.6.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए मेडीक्लेम धनराशि अंकन 58,700/-रू0 तथा क्षतिपूर्ति के रूप में अंकन 5,000/-रू0 एवं वाद व्यय के रूप में अंकन 1,000/-रू0 अदा करने के लिए बीमा कंपनी को आदेशित किया है।
3. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्वारा हेल्थ प्लान बीमा पालिसी अंकन 2,00,000/-रू0 मूल्य की प्राप्त की गई थी, जो दिनांक 11.7.2008 से प्रभावी थी। दिनांक 19.7.2008 को परिवादी दिल्ली गया, जहां जीने से उतरते समय पैर फिसल गया और परिवादी को गंभीर चोटें आयीं। परिवादी को तत्काल डा0 एच.एन. अगवाल के पास उपचार के लिए भेजा गया, जहां से एम.आर. सेन्टर ग्रीन पार्क के लिए रेफर कर दिया गया। दिनांक 21.7.2008 को आगरा में एक्स-रे कराया गया, इसके बाद सर गंगा राम हॉस्पिटल, दिल्ली ले जाया गया। दिनांक 26.7.2008 को परिवादी का आपरेशन हुआ और दो दिन बाद डिसचार्ज कर दिया गया। बीमा कंपनी को दिनांक 6.8.2008 को दुर्घटना की सूचना दे दी गई थी तथा वांछित दस्तावेज भी उपलब्ध करा दिए गए थे, परन्तु क्लेम अदा नहीं किया गया।
4. बीमा कंपनी का कथन है कि मरीज बीमा पालिसी लेने के पहले से ही बीमार था। सीढियों से गिरने के कारण यह चोटें नहीं आ सकतीं। बीमा पालिसी में जोखिम दिनांक 19.7.2008 से प्रारम्भ हुआ है और उसी दिन दुर्घटना घटित हुई है, इसलिए परिवाद दुर्भावनावश प्रस्तुत किया हुआ प्रतीत होता है।
5. पक्षकारों की साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विद्वान जिला आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि पालिसी दिनांक 11.7.2008 से प्रभावी थी और यह भी निष्कर्ष दिया गया कि सीढियों से गिरने के कारण चोटे आना संभव है। तदनुसार इलाज के रूप में खर्च राशि की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया।
6. इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि बीमा पालिसी लेने के 8 दिन बाद पश्चात दिनांक 19.7.2008 को दुर्घटना के कारण घायल होना बताया गया। यह दुर्घटना 30 दिन के अंदर कारित हुई है, इसलिए बीमा पालिसी की शर्त के अनुसार बीमा क्लेम देय नहीं है। बीमा पालिसी की शर्त संख्या-7 की ओर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता ने इस पीठ का ध्यान आकृष्ठ किया, जिसमें उल्लेख है कि पालिसी प्रारम्भ होने के 30 दिन के अंदर यदि कोई मेडिकल खर्च हुआ है तब बीमा कंपनी उसकी अदायगी के लिए उत्तरदायी नहीं है। इसी प्रकार शर्त संख्या-10 के अनुसार यदि बीमा पालिसी प्राप्त करते समय मरीज पूर्व से बीमार था, उस स्थिति में भी बीमा क्लेम देय नहीं है। यह भी बहस की गई कि बीमा पालिसी के अनुसार केवल रू0 16,511.85 पैसे की देनदारी बनती है। अंकन 58,700/-रू0 अदा करने का आदेश अनुचित है।
7. बीमा पालिसी प्राप्त करने के पूर्व इलाज कराने का कोई सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है, इसलिए यह तर्क स्थापित नहीं माना जा सकता कि बीमाधारक द्वारा पूर्व से मौजूद बीमारी के तथ्य को छिपाया गया। बीमा पालिसी की प्रति पत्रावली पर मौजूद है, इसकी शर्त संख्या-7 के अनुसार यदि पालिसी प्राप्त करने के 30 दिन के अंदर किसी बीमारी का इलाज कराया जाता है या अस्पताल में धन खर्च होता है या दवाओं को क्रय करने में धन खर्च होता है तब बीमा कंपनी इसकी अदायगी के लिए उत्तरदायी नहीं है। यानी बीमा पालिसी लेने के पश्चात बीमा क्लेम प्राप्त करने के लिए अधिकृत होने हेतु वेटिंग पीरियड 30 दिन का है। इस 30 दिन के पश्चात ही बीमा पालिसी के अंतर्गत बीमा क्लेम प्रस्तुत किया जा सकता है। परिवाद पत्र में वर्णित तथ्यों के अनुसार बीमा पालिसी दिनांक 11.7.2008 से प्रभावी थी और दिनांक 19.7.2008 को ही परिवादी को चोटें कारित हुईं, जिसका 30 दिन के अंदर ही इलाज कराया गया, इसलिए बीमा पालिसी की शर्त संख्या-7 के अनुसार बीमा क्लेम अपवर्जित है। तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
8. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 03.06.2011 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद खारिज किया जाता है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दिनांक 02.07.2024
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2