राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ
पुनरीक्षण संख्या 76/2022
मौखिक
श्रीराम ट्रान्सपोर्ट फाइनेन्स कम्पनी लिमिटेड द्धारा शाखा प्रबंधक श्री राम ट्रान्सपोर्ट फाइनेन्स कम्पनी लि0 प्रथम तल, अशोक काम्पलेक्स काम्पलेक्स प्लाट संख्या-59 सर्कुलर रोड, हरदोई।
...........पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम
प्रमोद कुमार सिंह पुत्र श्री बाबू राम निवासी ग्राम भागवत नगर ममरेजपुर पोस्ट-बेनीगंज जिला- हरदोई।
............विपक्षी/परिवादी
समक्ष:-
मा० न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
विद्धान अधिवक्ता पुनरीक्षणकर्ता: श्री विजय कुमार यादव
विद्धान अधिवक्ता विपक्षी :- सुश्री मीनू रावत
दिनांक 07.03.2024
मा० न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित।
निर्णय
पत्रावली प्रस्तुत हुई। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री विजय कुमार यादव तथा विपक्षी की विद्धान अधिवक्ता सुश्री मीनू रावत उपस्थित है।
प्रस्तुत पुनरीक्षण जिला आयोग, हरदोई द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक- 21.04.2022 जो निम्नानुसार है, को रिकाल किए जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है :-
‘’ पत्रावली पेश हुई।
पक्षकारों में परिवादी उपस्थित। विपक्षी की तरफ से न तो कोई उपस्थित है और न ही किसी प्रकार का कोई स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है। पत्रावली वास्ते वादोत्तर नियत है। वादोत्तर हेतु विपक्षी को आज के लिये अंतिम अवसर प्रदत्त किया गया है परन्तु विपक्षी की अनुपस्थिति एवं किसी प्रकार का वादोत्तर वगैरह दाखिल नहीं किये जाने के कारण परिवादी का वाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से अग्रसारित किया जाता है।
पत्रावली वास्ते एकपक्षीय साक्ष्य दिनांक 25.05.2022 को पेश हो।‘’
मेरे द्धारा उभय पक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुना गया तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा पारित प्रश्नगत आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
चूंकि जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत परिवाद में पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी द्धारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा-38 के अन्तर्गत निर्धारित समयावधि में लिखित कथन दाखिल नहीं किया गया है। अत: जिला उपभोक्ता आयोग, हरदोई द्धारा पारित प्रश्नगत आदेश विधिसम्मत है, जिसमें कोई हस्तक्षेप अपेक्षित नहीं है।
तद्नुसार प्रस्तुत पुनरीक्षण खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत पुनरीक्षण खारिज किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
रंजीत , पी0 ए0
कोर्ट सं0-1