Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1641

Post Master - Complainant(s)

Versus

Prakash Veer Singh - Opp.Party(s)

Dr U V Singh

19 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1641
( Date of Filing : 22 Sep 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Post Master
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Prakash Veer Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Jun 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1641/2010

चीफ पोस्‍ट मास्‍टर जनरल, यू.पी. सर्कल लखनऊ तथा एक अन्‍य

बनाम

प्रकाश वीर सिंह पुत्र श्री बनवीर सिंह

 

दिनांक : 19.06.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-37/2004, प्रकाश वीर सिंह बनाम पोस्‍ट मास्‍टर जनरल तथा एक अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, उन्‍नाव द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 5.7.2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री श्रीकृष्‍ण पाठक तथा प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सतीश कुमार त्रिपाठी को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.        विद्वान जिला आयोग ने परिवादी द्वारा जमा राशि को अदा करने के अलावा अंकन 10 हजार रूपये क्षतिपूर्ति एवं इस राशि पर 18 प्रतिशत ब्‍याज अदा करने का आदेश पारित किया है तथा परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 1000/-रू0 भी अदा करने का आदेश पारित किया है।

3.        परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी वन विभाग में कर्मचारी है और वर्ष 1997 में सोनभद्र में कार्यरत था। दिनांक 23.7.1997  को  दो राष्‍ट्रीय बचत पत्र 500-500 रूपये के क्रय किए

 

-2-

गए थे और अपना स्‍थायी पता उन्‍नाव लिखाया था। दिनांक 26.5.2003 को परिवादी ने एक प्रार्थना पत्र पोस्‍ट मास्‍टर दुदी जनपद सोनभद्र को पोस्‍ट मास्‍टर उन्‍नाव के माध्‍यम से भेजा था। दोनों राष्‍ट्रीय बचत पत्रों का भुगतान अंकन 15,000/-रू0 प्राप्‍त करने के लिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

4.        विपक्षी सं0-1 व 3 ने लिखित कथन में इस स्थिति से इंकार नहीं किया है, केवल यह उल्‍लेख किया है कि निर्धारित प्रपत्र भरकर पूर्ण विवरण के साथ आवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया है, इस आधार पर भुगतान नहीं हो सका।

5.        पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात विद्वान जिला आयोग ने यह निष्‍कर्ष दिया है कि पोस्‍ट मास्‍टर, उन्‍नाव के माध्‍यम से पोस्‍ट मास्‍टर दुदी, जनपद सोनभद्र को पत्र भेजे गए हैं, इसलिए पोस्‍ट मास्‍टर उन्‍नाव का यह वैधानिक कर्तव्‍य था कि सही प्रार्थना पत्र परिवादी से प्राप्‍त कर लेता, परन्‍तु उनके द्वारा इस कर्तव्‍य की पूर्ति नहीं की गई, इसलिए तकनीकी आधार पर परिवादी की जमा राशि न लौटाने की प्रक्रिया अवैधानिक है। तदनुसार राष्‍ट्रीय बचत पत्रों की राशि के भुगतान के साथ-साथ अंकन 10 हजार रूपये की क्षतिपूर्ति व इस राशि पर 18 प्रतिशत ब्‍याज अदा करने का आदेश पारित किया गया है।

6.        इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला आयोग, उन्‍नाव का निर्णय क्षेत्राधिकार विहीन है। स्‍वयं परिवादी ने निर्धारित प्रारूप पर आवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया तथा

 

-3-

राष्‍ट्रीय बचत पत्रों का विवरण उन्‍नाव ट्रांसफर नहीं हो सका, इसलिए उन्‍नाव से भुगतान नहीं हो सका। यह भी बहस की गई कि क्षतिपूर्ति अत्‍यधिक उच्‍च दर से निर्धारित की गई है तथा ब्‍याज दर भी अत्‍यधिक उच्‍च दर से निर्धारित की गई है।

7.        यह सही है कि परिवादी द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया गया, परन्‍तु इस संबंध में विद्वान जिला आयोग ने निष्‍कर्ष दिया है कि परिवादी ने पोस्‍ट मास्‍टर उन्‍नाव के माध्‍यम से दुदी जनपद सोनभद्र स्थित विभाग को अनेक पत्र प्रेषित किए गए थे, इसलिए उसी समय निर्धारित प्रारूप में भी आवेदन भरा लेना चाहिए था। यथार्थ में जब किसी प्रक्रिया की जानकारी किसी उपभोक्‍ता को नहीं है तब विभाग का यह दायित्‍व बनता है कि प्रक्रिया से उपभोक्‍ता को भिज्ञ कराया जाए, इसलिए तकनीकी आधार पर परिपक्‍व राशि को अदा न करने के कारण निश्चित रूप से परिवादी के प्रति सेवा में कमी कारित हुई है, इसलिए विद्वान जिला आयोग ने परिपक्‍वता राशि अदा करने का आदेश विधिसम्‍मत है, इस संबंध में उन्‍नाव पोस्‍ट मास्‍टर द्वारा दुदी जनपद सोनभद्र पोस्‍ट मास्‍टर से आवश्‍यक सूचनाए एवं दस्‍तावेज प्राप्‍त किए जा सकते थे तथा परिवादी को कार्यालय में बुलाकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भराया जा सकता था। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है, सिवाय क्षतिपूर्ति की राशि अंकन 10,000/-रू0 के स्‍थान पर अंकन 2,000/-रू0 एवं ब्‍याज दर 18 प्रतिशत के स्‍थान पर 06 प्रतिशत किया जाना न्‍यायोचित है। तदनुसार प्रस्‍तुत

 

-4-

अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

8.        प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 5.7.2010 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि क्षतिपूर्ति की राशि अंकन 10,000/-रू0 के स्‍थान पर अंकन 2,000/-रू0 एवं ब्‍याज दर 18 प्रतिशत के स्‍थान पर 06 प्रतिशत की जाती है। शेष निर्णय/आदेश यथावत् रहेगा।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0, 

    कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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