Uttar Pradesh

StateCommission

A/1574/2016

Central Bank Of India - Complainant(s)

Versus

Prakash Narain - Opp.Party(s)

Zafar Aziz

07 Oct 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1574/2016
(Arisen out of Order Dated 15/07/2016 in Case No. Complaint Case No. C/143/2014 of District Auraiya)
 
1. Central Bank Of India
Auraiya
...........Appellant(s)
Versus
1. Prakash Narain
Auraiya
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary MEMBER
 HON'BLE MR. Sanjay Kumar MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 07 Oct 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील सं0- 1574/2016

                                   (मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, औरैया द्वारा परिवाद सं0- 243/2014 में पारित आदेश दि0 15.07.2016 के विरूद्ध)

सेन्‍ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा मिहौली, परगना, तहसील व जिला- औरैया द्वारा शाखा प्रबंधक।

                                                   …………..अपीलार्थी                                                   

बनाम   

 

प्रकाश नारायन वयस्‍क, पुत्र लज्‍जा राम, निवासी ग्राम व पोस्‍ट-करमपुर, परगना व जिला औरैया।

                                                                                       .....………..प्रत्‍यर्थी     

समक्ष:-                       

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

माननीय श्री राम चरन चौधरी, सदस्‍य।

माननीय श्री संजय कुमार, सदस्‍य। 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री जफर अजीज, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित :  श्री राम गोपाल, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक:-  07.10.2017

 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष  द्वारा उद्घोषित

                                                     

निर्णय

 

  परिवाद सं0- 243/2014 प्रकाश नारायण बनाम शाखा प्रबंधक सेन्‍ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा मिहौली व एक अन्‍य में जिला फोरम, औरैया द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 15.07.2016 के विरूद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

  आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

  परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध 52,436/-रू0 की वसूली हेतु स्‍वीकार किया जाता है इस धनराशि पर वादयोजन की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी देना होगा। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि उपरोक्‍तानुसार धनराशि निर्णय के एक माह में परिवादी को अदा करे।

  जिला फोरम के निर्णय और आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी सेन्‍ट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा मिहौली की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। 

  अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से उसके विद्वान अधिवक्‍ता श्री जफर अजीज और प्रत्‍यर्थी की ओर से उसके विद्वान अधिवक्‍ता श्री राम गोपाल उपस्थित आये हैं।

  हमने उभयपक्ष के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

  अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने उपरोक्‍त परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसका बचत खाता अपीलार्थी बैंक की शाखा मिहौली में है। उसने विभिन्‍न तिथियों में अपने खाते में धनराशि जमा की जिनकी मूल पर्ची उनके पास थी और जमा धनराशि की प्रविष्टि पासबुक में भी थी, परन्‍तु जब उसे अपीलार्थी बैंक की मिहौली शाखा में हुए घोटाले की जानकारी हुई तब वह अपीलार्थी बैंक की शाखा में गया तब उसके खाते से 1,00,000/-रू0 की धनराशि गायब होने की जानकारी हुई तो उसने बैंक से शिकायत की, परन्‍तु कोई सुनवाई नहीं हुई तो उसने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

  परिवाद के विपक्षीगण ने अपीलार्थी बैंक की ओर से लिखित कथन जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है और प्रत्‍यर्थी/परिवादी का खाता बैंक में होना स्‍वीकार किया है तथा यह कथन किया है कि गंगा प्रसाद कैशियर ने बैंक में हेराफेरी की है उनके विरूद्ध मुकदमा लम्बित है।

     लिखित कथन में विपक्षीगण की ओर से कहा गया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने बैंक में दि0 15.04.2013 व 10.01.2014 को पत्र दिये जिसमें स्‍पष्‍ट किया कि खाते में 61,536/-रू0 जमा थे गबन की वजह से 12,000/-रू0 शेष रहे। अत: उसने 49,536/-रू0 के भुगतान की मांग की। ऐसी स्थिति में परिवादी ने 1,00,000/-रू0 गायब होने की बात गलत कही है।

     जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह उल्‍लेख किया है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने दि0 10.01.2014 व 15.04.2013 को दिये आवेदन पत्र में 61,536/-रू0 जमा होने का उल्‍लेख किया है और 12,000/-रू0 अवशेष बताया है। इस प्रकार 49,536/-रू0 की उसे क्षति हुई है। अत: जिला फोरम ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी की यह धनराशि वापस करने हेतु बैंक को आदेशित किया है। इसके साथ ही जिला फोरम ने 2,000/-रू0 मानसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति एवं 1,000/-रू0 वाद व्‍यय प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिलाया है और उपरोक्‍त प्रकार से आदेश पारित किया है।

अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के विरूद्ध है।

     प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश उचित है।

     हमने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।

     अपीलार्थी बैंक, प्रत्‍यर्थी/परिवादी के खाते से कथित निकासी साबित नहीं कर सका है और यह दर्शित नहीं कर सका है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने यह धनराशि निकाली है। ऐसी स्थिति में जिला फोरम ने जो 49,536/-रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करने हेतु अपीलार्थी बैंक को आदेशित किया है वह उचित है। जिला फोरम ने जो 1,000/-रू0 वाद व्‍यय दिलाया है वह भी उचित है।

     जिला फोरम ने जो 2,000/-रू0 मानसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अपीलार्थी बैंक से दिलाया है वह उचित प्रतीत नहीं होता है अत: अपास्‍त किये जाने योग्‍य है।

     अत: उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मानसिक कष्‍ट हेतु क्षतिपूर्ति जो 2,000/-रू0 की धनराशि दिलायी गई है उसे अपास्‍त किया जाता है और जिला फोरम का आक्षेपित निर्णय और आदेश संशोधित करते हुए अपीलार्थी बैंक को निर्देशित किया जाता है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादी को 49,536/-रू0 वाद योजन की तिथि से अदायगी की तिथि तक उसी दर पर ब्‍याज सहित अदा करेगा, जिस दर से उसके इस खाते पर ब्‍याज देय है।

     अपीलार्थी/विपक्षी बैंक, प्रत्‍यर्थी/परिवादी को जिला फोरम द्वारा  दिलायी गई 1,000/-रू0 वाद व्‍यय की धनराशि भी अदा करेगा।

  अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

  धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।  

 

 

 

(न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)     (राम चरन चौधरी)      (संजय कुमार)                                         

                 अध्‍यक्ष                   सदस्‍य              सदस्‍य                    

                                         

 

शेर सिंह आशु0,

कोर्ट नं0-1

     

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Sanjay Kumar]
MEMBER

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