राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-1713/2009
(जिला उपभोक्ता आयोग, रामपुर द्वारा परिवाद सं0-54/2007 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 31-08-2009 के विरूद्ध)
यूनियन आफ इण्डिया द्वारा सैक्रेटरी डिपार्टमेण्ट आफ पोस्ट एण्ड टेलीग्राफ, नई दिल्ली व दो अन्य
...........अपीलार्थीगण/विपक्षीगण।
बनाम
प्रधानाचार्य राजकीय कन्या इण्टर कालेज, रामपुर।
............ प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : डॉ0 यू0वी0 सिंह विद्वान अधिवक्ता के
कनिष्ठ सहायक अधिवक्ता श्री श्रीकृष्ण पाठक।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
दिनांक : 19-06-2024.
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
जिला उपभोक्ता आयोग, रामपुर द्वारा परिवाद सं0-54/2007 प्रधानाचार्य राजकीय कन्या इण्टर कालेज, रामपुर बनाम यूनियन आफ इण्डिया व अन्य में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 31-08-2009 के विरूद्ध योजित अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त कथनों/अभिकथनों/प्रलेखीय साक्ष्य तथा प्रश्नगत निर्णय व आदेश का सम्यक् रूप से परिशीलन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
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विद्वान जिला आयोग ने टी0डी0 एकाउण्ट पर ब्याज अदा करने का आदेश पारित किया है, जिसे इस आधार पर चुनौती दी गई है कि अपीलार्थी को तत्समय ज्ञात नहीं था कि टी0डी0 एकाउण्ट पर ब्याज देय है। इस सम्बन्ध में दिल्ली से सूचना मांगी गई, परन्तु इसी बीच उपभोक्ता परिवाद प्रस्तुत कर दिया गया। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का मुख्य रूप से तर्क भी यही है।
विधि की अज्ञानता आम आदमी के लिए क्षम्य नहीं होती है, जबकि प्रस्तुत केस में अपीलार्थी के कर्तव्यों का प्रबन्ध करने वाला व्यक्ति केवल शिक्षित ही नहीं होता है, बल्कि विशेष योग्यता के पश्चात् पद धारण करता है।
विद्वान जिला आयोग द्वारा पक्षकारों के साक्ष्यों पर विचार करने के उपरान्त ही निर्णय दिया गया है, जिसको पीठ के अभिमत में अपास्त करने के लिए कोई उचित आधार नहीं है, सिवाय इसके कि विद्वान जिला आयोग द्वारा आदेशित क्षतिपूर्ति की धनराशि 25,000/- रू0 जो अत्यधिक निर्धारित की गई है, उसको कम करके 5,000/- रू0 कर दिया जाए तथा परिपक्वता धनराशि पर 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से जो ब्याज अदा करने का आदेश दिया गया है, उसे संशोधित करते हुए 09 प्रतिशत किया जाना उचित प्रतीत होता है।
तदनुसार विद्वान जिला आयोग का प्रश्नगत निर्णय/आदेश संशोधित करते हुए वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
वर्तमान अपील, आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग, रामपुर द्वारा परिवाद सं0-54/2007 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 31-08-2009 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा आदेशित क्षतिपूर्ति की धनराशि 25,000/-
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रू0 के स्थान पर 5,000/- रू0 अदा की जाए तथा परिपक्वता की धनराशि पर 15 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज के स्थान पर मात्र 09 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज देय होगा। निर्णय के शेष भाग की पुष्टि की जाती है।
अपील व्यय उभय पक्ष पर।
अपीलार्थी द्वारा यदि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत कोई धनराशि जमा की गई हो तो वह सम्पूर्ण धनराशि मय अर्जित ब्याज के सम्बन्धित जिला आयोग को विधि अनुसार शीघ्रातिशीघ्र प्रेषित कर दी जाए ताकि विद्वान जिला आयोग द्वारा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश के सन्दर्भ में उक्त धनराशि का विधि अनुसार निस्तारण किया जा सके।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
दिनांक : 19-06-2024.
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-1,
कोर्ट नं.-2.