जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 10.07.2018
अंतिम सुनवाई की तिथि 29.04.2023
निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि 20.05.2023
परिवाद संख्याः 84/2018
1. बब्लू वर्मा पुत्र रोशन लाल वर्मा
2. ननकू पुत्र राम लाल
3. धर्मेन्द्र पुत्र प्रमोद कुमार
समस्त निवासीगण ग्राम खलसापुर पोस्ट दनापुर शुक्ल तहसील सिरौली गौसपुर थाना बदोसराय जिला-बाराबंकी।
द्वारा-श्री अशोक कुमार, अधिवक्ता
श्री नवीन चन्द्र वर्मा, अधिवक्ता
बनाम
प्रदीप कुमार वर्मा पुत्र सत्यनाम प्रोपराइटर एम/एस एग्री क्लीनिक एण्ड एग्री बिजनेस सेन्टर महमूदाबाद चैराहा तहसील सिरौली गौसपुर पोस्ट महमूदाबाद जिला-बाराबंकी।
समक्षः-
माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष
माननीय श्रीमती मीना सिंह, सदस्य
माननीय डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
उपस्थितः परिवादीगण की ओर से -श्री अशोक कुमार, एडवोकेट
विपक्षी की ओर से-कोई नहीं
द्वारा- डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद, परिवादीगण द्वारा विपक्षी के विरूद्व उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 धारा-12 के अन्तर्गत प्रस्तुत कर विपक्षी से परिवादी सं0-01 को रू0 1,20,000/-,परिवादी सं0-02 को रू0 60,000/-तथा परिवादी सं0-03 को रू0 20,000/- फसल में हुई क्षतिपूर्ति मय ब्याज तथा मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति हेतु रू0 5,000/-एवं अधिवक्ता शुल्क व वाद व्यय के रूप में रू0 5,000/- दिलाये जाने का अनुतोष चाहा है।
परिवादीगण ने परिवाद में यह अभिकथन किया है कि परिवादी सं0-01 बब्लू ने दिनांक 24.04.2018, परिवादी सं0-02 ननकू ने दिनांक 25.04.2018 व परिवादी सं0-03 धर्मेन्द्र ने दिनांक 26.04.2018 को विपक्षी की दवा की दुकान से पिपरमिन्ट के खेत में खरपतवार नष्ट करने के लिये दवा ली थी। दवा बेचते समय विपक्षी ने परिवादी को पूरा आश्वासन दिया था कि इस दवा के इस्तेमाल से पिपरमिन्ट के खेत का सारा खरपतवार खत्म हो जायेगा। विपक्षी खेत पर जाकर स्वयं अपने सामने दवा डलवाया था। विपक्षी द्वारा दी गई दवा का इस्तेमाल करने पर परिवादीजनों की पिपरमिन्ट की फसल में खरपतवार नष्ट होने के बजाय परिवादीजनो की सारी पिपरमिन्ट की फसल ही नष्ट हो गयी। परिवादीजनों ने जब विपक्षी से अपनी फसल के नष्ट होने की शिकायत की तो विपक्षी ने परिवादीजनों को रू0 10,000/-प्रति बीघा के हिसाब से क्षतिपूर्ति देने का वादा किया। परिवादी सं0-01 बब्लू वर्मा की 12 बीघा, परिवादी सं0-02 ननकू की 6 बीघा व परिवादी सं0-3 धर्मेन्द्र की 2 बीघा खेत की पिपरमिन्ट की फसल नष्ट हो गई जिसके कारण परिवादी सं0-01 बब्लू वर्मा को रू0 1,20,000/-, परिवादी सं0-02 ननकू को रू0 60,000/-व परिवादी सं0-03 धर्मेन्द्र को रू0 20,000/-देने की बात विपक्षी ने की थी। परिवादीजनो को एक माह बीत जाने के बाद भी जब विपक्षी ने कोई पैसा नहीं दिया तो परिवादीजन पुनः विपक्षी के पास गये। विपक्षी ने पैसा देने से इंकार कर दिया। विपक्षी के उक्त कृत्य से परिवादी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अतः परिवादीजन ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।
परिवादीगण के तरफ से दिनांक 24.04.2018, 25.04.2018 व 26.04.2018 को दवा क्रय करने के रसीद की छाया प्रति दाखिल की गई है। नष्ट हुये फसल का दो रंगीन छाया चित्र भी परिवादीगण द्वारा दाखिल किया गया है।
विपक्षी को पर्याप्त समय दिये जाने के बावजूद वादोत्तर दाखिल नहीं किया गया। तद्नुसार परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व दिनांक 23.08.2022 को एकपक्षीय रूप से अग्रसर हुआ।
परिवादीगण द्वारा लिखित बहस दाखिल की गयी है।
सुनवाई के लिये नियत तिथि को परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुये। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। विद्वान अधिवक्ता परिवादीगण के तर्को को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का परिशीलन किया गया।
पत्रावली पर उपलब्ध रसीदों से परिवादीगण द्वारा विपक्षी से खर पतवार नाशक दवा दिनांक 24.04.2018, 25.04.2018 व 26.04.2018 को क्रय किया जाना प्रमाणित है। परिवादीगण द्वारा दिनांक 27.10.2021 को दाखिल किये गये रंगीन छाया चित्रो से यह भली भाँति प्रमाणित होता है कि उक्त दवाओं को विपक्षी ने स्वयं अपने सामने खेतों में डलवाया था किन्तु फसल नष्ट हो गई तथा विपक्षी द्वारा परिवादी को इस संबंध में कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी गई।
परिवादी ने जन सुनवाई शिकायत संख्या-40017618051708 भी दाखिल किया है जिसमे मेन्था की फसल नष्ट कर देने के संबंध में परिवादी बब्लू वर्मा द्वारा की गई शिकायत के संबंध में टिप्पणी अंकित करते हुये कहा गया है कि ‘‘शिकायतकर्ता की शिकायत के क्रम में पूर्व में विभाग द्वारा मे0 एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस सेन्टर महमूदाबाद के यहाॅ छापा डालकर नमूने ग्रहित किये गये तथा उन्हें प्रयोगशाला भेजा गया। परीक्षणोपरान्त दुकान का कीटनाशक लाइसेन्स भी निरस्त कर दिया गया।
उपरोक्त से स्पष्ट है कि विपक्षी प्रदीप कुमार वर्मा पुत्र सत्यनाम प्रोपराइटर एम/एस एग्री क्लीनिक एण्ड एग्री बिजनेस सेन्टर महमूदाबाद चैराहा तहसील सिरौली गौसपुर पोस्ट महमूदाबाद जिला-बाराबंकी द्वारा मानक से अत्यंत निम्न स्तर की दवाओं की बिक्री की जा रही थी। सही दवाओं की बिक्री नहीं की जा रही थी जिसके कारण परिवादीगण की फसले क्षतिग्रस्त हो गई। विपक्षी द्वारा मानक से अत्यंत निम्न स्तर की कृषि दवाओं की परिवादीगण को बिक्री का कृत्य सेवा में त्रुटि है अतः विपक्षी, परिवादीगण को क्षतिपूर्ति देने के लिये दायित्वाधीन है। तद्नुसार परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
चूँकि परिवादी संख्या-01 ने रू0 400/-की दवा, परिवादी संख्या-02 ने रू0 300/-की दवा तथा परिवादी संख्या-03 ने रू0 100/-की दवा विपक्षी से क्रय की है इस लिये प्रकरण के तथ्य एवं साक्ष्य के दृष्टिगत में क्रमशः रू0 40,000/-, रू0 30,000/-तथा रू0 10,000/-की क्षतिपूर्ति दिलाया जाना न्यायोचित होगा। साथ ही मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हेतु प्रत्येक परिवादी को रू0 2,000/-तथा वाद व्यय के रूप में कुल रू0 2,000/-दिलाया जाना भी उचित होगा।
आदेश
परिवाद संख्या-84/2018 स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी संख्या-01 बब्लू वर्मा को रू0 40,000/-, परिवादी संख्या-02 ननकू पुत्र श्री रामलाल को रू0 30,000/-एवं परिवादी संख्या-03 घर्मेन्द्र पुत्र प्रमोद कुमार को रू0 10,000/-पैंतालिस दिवस के अंदर छः प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित परिवाद योजित करने की तिथि 10.07.2018 से अदायगी की तिथि तक भुगतान करें। विपक्षी प्रत्येक परिवादी को मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति हेतु रू0 2,000/-तथा वाद व्यय हेतु रू0 2,000/-भी पैतालिस दिन में अदा करेगें।
(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (मीना सिंह) (संजय खरे)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
यह निर्णय आज दिनांक को आयोग के अध्यक्ष एंव सदस्य द्वारा खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (मीना सिंह) (संजय खरे)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
दिनांक 20.05.2023