जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, सिवनी(म0प्र0)
प्रकरण क्रमांक -29-2013 प्रस्तुति दिनांक-04.03.2013
समक्ष :-
अध्यक्ष - रवि कुमार नायक
सदस्य - श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत,
अजय राकेष भारती, आत्मज राजेन्द्र
भारती, निवासी-वार्ड क्रमांक-3 मुख्य
मार्ग बरघाट, तहसील बरघाट, जिला
सिवनी (म0प्र0)।...........................................आवेदकपरिवादी।
:-विरूद्ध-:
प्रबंधक, फ्रंटियर ए.एस. बजाज प्राधिकृत
डीलर, बजाज आटो लिमिटेड, जबलपुर
रोड ज्यारतनाका के पास सिवनी, तहसील
व जिला सिवनी (म0प्र0)।..............................अनावेदकविपक्षी।
:-आदेश-:
(आज दिनांक- 20/05/2013 को पारित)
द्वारा-अध्यक्ष:-
(1) परिवादी ने यह परिवाद, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के तहत, अनावेदक से दिनांक-10.02.2013 को खरीदे गये वाहन-मोटरसार्इकिल, बजाज प्लेटिना 100 सी.सी. के साथ विज्ञापन में दिये गये आफर के अनुसार, मोबार्इल-सेट कीमती 1600-रूपये प्रदान न किये जाने को व्यवसायिक-दुराचरण व अनुचित प्रथा बताते हुये, मोबार्इल-सेट व हर्जाना दिलाने के अनुतोश हेतु पेष किया है।
(2) यह स्वीकृत तथ्य है कि-अनावेदक के द्वारा, माह फरवरी- 2013 में समाचार-पत्र में विज्ञापन के द्वारा यह आफर दिया गया था कि-बजाज प्लेटिना 100 सी.सी. मोटरसार्इकिल कीमती 39,731-रूपये में खरीदे जाने पर हर खरीद में मोबार्इल फ्री में दिया जायेगा। यह भी स्वीकृत तथ्य है कि-दिनांक-10.02.2013 को परिवादी ने अनावेदक से उक्त वाहन-मोटरसार्इकिल 39,731-रूपये मूल्य भुगतान कर, क्रय किया था। और यह भी विवादित नहीं है कि-परिवादी को अनावेदक के द्वारा, मोबार्इल-सेट नहीं दिया गया। और यह भी स्वीकृत तथ्य है कि- दिनांक-21.02.2013 को परिवादी ने जरिये अधिवक्ता रजिस्टर्ड-डाक से नोटिस अनावेदक को भेजा था, जिसका कोर्इ जवाब अनावेदक के द्वारा नहीं दिया गया।
(3) स्वीकृत तथ्यों के अलावा, परिवाद का सार यह है कि- परिवादी द्वारा, अनावेदक से मोटरसार्इकिल खरीदे जाने पर, उसे मोटरसार्इकिल के साथ में जो स्कीम के तहत फ्री मोबार्इल दिया जाना था, वह नहीं दिया गया और मांग किये जाने पर एक-दो दिन में देने का वचन दिया था, परिवादी मोबार्इल-सेट हेतु अनेक बार अनावेदक के षोरूम में गया, तो अनावेदक ने यह कहकर मना कर दिया कि-विक्रय दिनांक-10.02.2013 को कोर्इ स्कीम नहीं थी। तब परिवादी ने दिनांक-21.02.2013 को जरिये अधिवक्ता रजिस्टर्ड-डाक से नोटिस भी अनावेदक को भेजा था, फिर भी अनावेदक के द्वारा, 1600-रूपये का मोबार्इल-सेट व हर्जाना की राषि नहीं दी गर्इ।
(4) अनावेदक क्रमांक-1 के जवाब का सार यह है कि- मोटरसार्इकिल की हर खरीद के साथ मोबार्इल-सेट उपहार में देने की योजना थी, लेकिन 1600-रूपये मूल्य का मोबार्इल-सेट दिये जाने की कोर्इ योजना नहीं थी, जो कि-दिनांक-10.02.2013 को मोटरसार्इकिल क्रय करने के बाद, दूसरे दिन दिनांक-11.02.2013 को परिवादी ने अनावेदक के षोरूम में आकर निवेदन किया था कि-वाहन खरीदी पर उपहार स्वरूप दिया जा रहा मोबार्इल-सेट उसे नहीं चाहिये और इसके ऐवज में परिवादी को नगद राषि चाहिये, तो परिवादी के निवेदन पर, पेमेन्ट व्हाउचर नंबर-5807 के माध्यम से मोबार्इल-सेट के विरूद्ध नगद राषि रिफण्ड प्रदान की गर्इ थी, जो कि-व्हाउचर की प्रति पेष की जा रही है और अब परिवादी द्वारा मनगढ़ंत तरीके से 1600-रूपये मोबार्इल-सेट की मांग की जा रही है, जबकि-विज्ञापन में हर खरीद पर मोबार्इल फ्री प्रदान करना ही लेख है और 1600-रूपये मूल्य का मोबार्इल-सेट प्रदान करना लेख नहीं है, जो कि-1600-रूपये बचत का आफर वाहन को बजाज फायनेंस से फायेनेंस कराने पर था, परिवादी ने स्वयं आकर मोबार्इल-सेट के बदले नगद भुगतान प्राप्त किया है और यदि आवेदक को फिर भी मोबार्इल-सेट उपहार में चाहिये, तो वह मोबार्इल के बदले नगद प्राप्त राषि संस्था में जमा करे, तो पन्द्रह दिन के अंदर उसे उपहार में दिये जाने वाला मोबार्इल प्रदान कर दिया जायेगा।
(5) मामले में निम्न विचारणीय प्रष्न यह हैं कि:-
(अ) क्या अनावेदक ने विज्ञापन में दिये गये आफर
के अनुसार, परिवादी को मोबार्इल प्रदान न कर,
परिवादी के प्रति-अनुचित व्यापार प्रथा को
अपनाया है?
(ब) सहायता एवं व्यय?
-:सकारण निष्कर्ष:-
विचारणीय प्रष्न क्रमांक-(अ) :-
(6) परिवादी की ओर से पेष प्रदर्ष सी-1 का डिलेवरी मैमो और प्रदर्ष सी-2 की खरीदी की भुगतान रसीद स्वीकृत दस्तावेज हैं, जो इस स्वीकृत तथ्य को भी दर्षाते हैं कि-परिवादी ने दिनांक-10.02.2013 को नगद भुगतान कर, मोटरसार्इकिल खरीदा था और प्रदर्ष सी-3 व सी-6 अनावेदक के द्वारा प्रसारित किये गये विज्ञापन हैं, जिनमें मोटरसार्इकिल की प्रत्येक खरीदी के साथ मोबार्इल फ्री होने की योजना बतार्इ गर्इ है। (7) अनावेदक की ओर से पेष जवाब और मैनेजर के षपथ- पत्र में जो यह कथन किया गया है कि-मोबार्इल के बदले परिवादी ने दिनांक-11.02.2013 को नगद राषि प्राप्त कर ली थी, इस संबंध में प्रदर्ष आर-1 का मूल पेमेन्ट व्हाउचर व उसकी प्रतियां अनावेदक-पक्ष की ओर से पेष की गर्इं हैं, जिसमें 531-रूपये कैष रिफण्ड, मोबार्इल स्कीम के बदले परिवादी को दिया जाना उल्लेख है और प्राप्तकत्र्ता के रूप में परिवादी के हस्ताक्षर भी प्रदर्ष आर-1 में हैं और अनावेदक की ओर से परिवाद का जवाब व साक्ष्य का षपथ-पत्र पेष हो जाने के बावजूद, परिवादी की ओर से प्रदर्ष आर-1 में दर्षित राषि 531- रूपये प्राप्त कर लिये जाने के तथ्य का षपथ-पत्र पर कोर्इ खण्डन नहीं किया गया। और ऐसी राषि प्राप्त न होना परिवादी की ओर से अधिवक्ता द्वारा तर्क में भले ही व्यक्त किया गया है, पर स्वयं परिवादी की ओर से पेष प्रदर्ष सी-1 की डिलेवरी मैमो के ग्राहक वाली प्रति में रिमार्क के कालम में उक्त व्हाउचर क्रमांक-5807 और उक्त व्हाउचर में दर्षित राषि 531-रूपये का स्पश्ट उल्लेख है।
(8) स्पश्ट है कि-परिवादी ने उक्त फ्री मोबार्इल योजना के बदले 531-रूपये का रिफण्ड अनावेदक से प्राप्त किया था और इस तथ्य को जानबूझकर छिपाते हुये, यह परिवाद पेष किया है।
(9) प्रदर्ष सी-6 के विज्ञापन में व प्रदर्ष सी-3 के दुकान के योजना बाबद बैनर में कहीं ऐसा स्पश्ट उल्लेख नहीं है कि-जो योजना के तहत मोबार्इल, प्रत्येक खरीदी में उपहार के रूप में फ्री दिया जा रहा है, वह 1600-रूपये मूल्य का है, तो प्रदर्ष सी-6 के विज्ञापन में जो बचार्इये 1600-रूपये अलग से लेख है, उसे मोबार्इल का मूल्य समझकर परिवादी भ्रमित हुआ हो, ऐसा किसी भी तरह माने-जाने योग्य नहीं, अन्यथा परिवादी फ्री मोबार्इल योजना के बदले 531-रूपये कैष रिफण्ड लेने कतर्इ सहमत नहीं होता।
(10) ऐसे में जबकि-परिवादी जब फ्री मोबार्इल योजना के बदले 531-रूपये कैष रिफण्ड, सहमत होकर प्राप्त किया और उसकी ऐसी सहमति परिवादी के प्रति किये गये किसी छल, असम्यक या उत्पीड़न का परिणाम रहा हो, ऐसा परिवाद का मामला नहीं है, तो अनावेदक द्वारा, परिवादी के प्रति-कोर्इ अनुचित व्यापार-प्रथा अपनाया जाना या सेवा में कोर्इ कमी किया जाना स्थापित नहीं पाया जाता है। तदानुसार विचारणीय प्रष्न क्रमांक-'अ को निश्कर्शित किया जाता है।
विचारणीय प्रष्न क्रमांक-(ब):-
(11) विचारणीय प्रष्न क्रमांक-'अ के निश्कर्श के आधार पर, मामले में निम्न आदेष पारित किया जाता है:-
(अ) प्रस्तुत परिवाद स्वीकार योग्य न होने से निरस्त
किया जाता है। पक्षकार अपना-अपना कार्यवाही
वहन करेंगे।
(ब) लेकिन, क्योंकि अनावेदक सहमत है, इसलिए
परिवादी, अनावेदक की षर्तों के अनुसार, रिफण्ड
में प्राप्त की गर्इ राषि 531-रूपये (पांच सौ
इकतिस रूपये) एक माह के अंदर अनावेदक को
वापस करे, तो ऐसी राषि प्रापित के एक माह के
अंदर अनावेदक, योजना के तहत जो मोबार्इल
अन्य ग्राहकों को दिये गये हैं, वैसा ही मोबार्इल
परिवादी को प्रदान करे।
मैं सहमत हूँ। मेरे द्वारा लिखवाया गया।
(श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत) (रवि कुमार नायक)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोषण फोरम,सिवनी प्रतितोषण फोरम,सिवनी
(म0प्र0) (म0प्र0)