समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-105/2013 डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य,
महेश तिवारी पुत्र श्री शंकरलाल तिवारी प्रो0/मालिक,चित्रकूट ग्रेनाइट क्रेशर डहर्रा चौकी निवासी-कस्बा-कबरई स्टेट बैंक के पास तहसील व जिला-महोबा ......परिवादी
बनाम
प्रभुनाथ प्रसाद पुत्र श्री रघुपति राम प्रो0/मालिक पी0सी0सी0 ग्रेनाइट कंपनी गंज हाल निवासी- पी0सी0सी0 कंपनी क्रेशर ग्राम-गंज तहसील व जिला-महोबा ....विपक्षी
निर्णय
डा0सिद्धेश्वर अवस्थी,सदस्य,द्वारा उदधोषित
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी चित्रकूट ग्रेनाइट क्रेशर,डहर्रा का प्रोपराइटर/मालिक है तथा परिवादी इस क्रेशर के माध्यम से अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करता है । विपक्षी ने परिवादी की उक्त क्रेशर को अप्रैल,2011 से एक वर्ष की अवधि अर्थात अप्रैल,2012 तक के लिये 1,50,000/-रू0 मासिक किराये पर लिया था । परिवादी ने माह-अप्रैल,2011 में अपनी उक्त क्रेशर बतौर किराये पर विपक्षी को हस्तगत कर दी और विपक्षी काबिज होकर उसे चलाकर लाभ प्राप्त करता रहा। विपक्षी ने परिवादी को बतौर किराया चेक सं0901247 मु04,00,000/-रू0 दि0 08.06.2011 को दी गई जिसमें विपक्षी का खाता सं0 05400002100189020 लिखा है । परिवादी ने इस चेक को अपनी फर्म चित्रकूट ग्रेनाइट के खाता संख्या: 30784370384 में पंजाब नेशनल बैंक, शाखा-महोबा में क्लियरेंस हेतु लगाई । परन्तु उक्त चेक की धनराशि परिवादी के खाते में नहीं आई तो परिवादी ने बैंक से जानकारी की तो पता चला कि जारीकर्ता द्वारा भुगतान रूकवा दिया है। इस पर परिवादी ने विपक्षी से संपर्क किया तो उसके द्वारा बताया गया कि पैसा की कमी है इसलिये भुगतान रूकवाया गया है यथाशीघ्र आपको किराये की धनराशि भुगतान कर दी जायेगी। परिवादी ने इस संबंध में कई बार विपक्षी से भुगतान हेतु निवेदन किया और भुगतान न मिलने पर अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस दिया गया लेकिन विपक्षी द्वारा परिवादी को उक्त धनराशि का भुगतान नहीं किया गया । परिवादी ने विपक्षी के इस कृत्य को सेवा में त्रुटि बताते हुये यह परिवाद मा0 फोरम के समक्ष इस प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया गया कि परिवादी को विपक्षी से चेक की धनराशि 4,00,000/-रू0 मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित एवं मानसिक कष्ट हेतु 50,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय दिलाया जाये ।
विपक्षी को जरिये रजिस्ट्री नोटिस भेजा गया,जिस पर टिप्पणी लिखकर वापस आया कि प्राप्तकर्ता अनिश्चित काल से बाहर है । अंत: प्रेषक को वापस की जाती है । पुन: नीचे टिप्पणी अंकित है कि ताला बंद मिला । जरिये अख़बार नोटिस प्रकाशित कराया गया,जो शामिल पत्रावली है । परन्तु विपक्षी की और से कोई उपस्थित नहीं आया । अंत में दि0 03.02.2016 को विपक्षी की अनुपस्थिति में परिवाद की कार्यवाही विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से चलने का आदेश पारित किया गया ।
परिवादी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त परिवाद पत्र के साथ परिवादी महेश तिवारी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व परिवादी के अधिवक्ता के एकपक्षीय तर्क सुने गये। विपक्षीगण की ओर से सुनवाई में कोई उपस्थित नहीं हुआ।
परिवादी द्वारा प्रस्तुत अभिलेखीय साक्ष्य चेक की छायाप्रति,चेक जमा रसीद, बैंक द्वारा दी गई सूचना एवं परिवादी के अधिवक्ता द्वारा विपक्षी को प्रेषित नोटिस की छायाप्रति से यह स्पष्ट है कि विपक्षी ने परिवादी को मु04,00,000/-रू0 की चेक प्रदान की,जिसे परिवादी ने अपने पंजाब नेशनल बैंक के खाते में जमा किया,जिसके भुगतान को परिवादी ने स्वयं रूकवा दिया जो विपक्षी की सेवा में त्रुटि व व्यापारिक कदाचरण की श्रेणी में आता है । अत: परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षी स्वीकार किये जाने योग्य है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद खिलाफ विपक्षी एकपक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है कि विपक्षी परिवादी को आज इस निर्णय की दिनांक से एक माह के अंदर चेक की धनराशि 4,00,000/-रू0 परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से वास्तविक अदायगी की तिथि तक 9 प्रतिशत ब्याज सहित प्रदान करें । इसके अलावा मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 5,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 विपक्षी सं02 परिवादी को प्रदान करे ।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
27.05.2016 27.05.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्य, सदस्या,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
27.05.2016 27.05.2016