Uttar Pradesh

StateCommission

A/2007/332

Oriental Bank Of Commerce - Complainant(s)

Versus

Prabhat Maheshwari - Opp.Party(s)

P K Tiwari

06 Aug 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2007/332
( Date of Filing : 19 Feb 2007 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Oriental Bank Of Commerce
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Prabhat Maheshwari
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 06 Aug 2024
Final Order / Judgement

                                              (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-332/2007

(जिला आयोग, इटावा/औरैया द्वारा परिवाद संख्‍या-427/1999 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.01.2007 के विरूद्ध)

                                    

ओरियण्‍टल बैंक आफ कामर्स (समायोजित) पंजाब नेशनल बैंक, दि माल रोड, कानपुर, द्वारा ब्रांच मैनेजर।

अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1

बनाम

1.    प्रभात कुमार माहेश्‍वरी पुत्र राम चन्‍दर माहेश्‍वरी, निवासी कस्‍बा लखना, परगना भरथना, थाना लखना, जिला इटावा।

2.    स्‍टेट बैंक आफ इंडिया, ब्रांच लखना, जिला इटावा द्वारा मैनेजर।

3.    रिजनल मैनेजर, स्‍टेट बैंक आफ इंडिया, सिविल लाइन्‍स, कानपुर।

       प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2 त 3

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित        : श्री पी.के. तिवारी

प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी सं0-2 व 3 की ओर से उपस्थित     : श्री अंशुमाली सूद।

दिनांक:   06.08.2024

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-427/1999, प्रभात कुमार माहेश्‍वरी बनाम ओरियन्‍टल बैंक आफ कामर्स तथा दो अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, इटावा/औरैया द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.01.2007 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है।

2.         विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते हुए बैंक ड्राफ्ट की कीमत अंकन 6,000/-रू0 8 प्रतिशत के साथ अदा करने के लिए विपक्षी सं0-1 को आदेशित किया गया है।

3.         इस निर्णय/आदेश को ओरियण्‍टल बैंक आफ कामर्स, जिसका समायोजन पंजाब नेशनल बैंक में हो चुका है, के द्वारा चुनौती दी गई है।

4.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने शेयर खरीदने के लिए अंकन 6,000/-रू0 का बैंक ड्राफ्ट विपक्षी सं0-3 की शाखा से बनवाया था, परन्‍तु आज तक परिवादी को शेयर आवंटन सर्टिफिकेट प्राप्‍त नहीं हुए और न ही धनराशि वापस प्राप्‍त हुई। शिकायती पत्र भेजने के बावजूद भी विपक्षी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। परिवादी द्वारा SEBI को भी शिकायती पत्र भेजा गया। विपक्षी सं0-3 द्वाररा बताया गया कि उनके बैंक में कोई ड्राफ्ट प्राप्‍त नहीं हुआ, इसके पश्‍चात अधिवक्‍ता के माध्‍यम से पंजीकृत नोटिस दिनांक 28.8.1997 को भेजा गया, परन्‍तु कोई जवाब नहीं मिला। दिनांक 4.10.1999 को पुन: एक नोटिस भेजा गया, परन्‍तु इस पत्र का भी कोई परिणाम नहीं निकला, इसलिए शेयर सर्टिफिकेट और विकल्‍प में ड्राफ्ट की राशि अंकन 6,000/-रू0 मय 24 प्रतिशत ब्‍याज प्राप्‍त करने के लिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

5.         विपक्षी सं0-3 ने अंकन 6,000/-रू0 का बैंक ड्राफ्ट बनवाना स्‍वीकार किया, परन्‍तु उनके स्‍तर से किसी प्रकार की सेवा में कमी से इंकार किया है।

6.         विपक्षी सं0-1 का कथन है कि परिवादी ने बैंक ड्राफ्ट दिनांक 28.11.1994 को पंजीकृत डाक के माध्‍यम परिवादी को वापस कर दिया गया है, इसलिए उनके विरूद्ध कोई मामला नहीं बनता।

7.         पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात विद्वान जिला आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि विपक्षी सं0-1 के समक्ष ड्राफ्ट जमा किया गया, परन्‍तु उनके द्वारा शेयर प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया और न ही परिवादी को बैंक ड्राफ्ट या उसकी धनराशि वापस प्राप्‍त हुई, इसलिए विपक्षी सं0-1 को उत्‍तरदायी ठहराते हुए बैंक ड्राफ्ट की राशि अंकन 6,000/-रू0 8 प्रतिशत ब्‍याज के साथ भुगतान करने हेतु आदेशित किया गया।

8.         इस निर्णय/आदेश के विरूद्ध विपक्षी सं0-1, बैंक द्वारा अपील इन आधारों पर प्रस्‍तुत की गई है कि प्रत्‍यर्थी सं0-1 अपीलार्थी का उपभोक्‍ता नहीं है। अपीलार्थी द्वारा कोई धन प्राप्‍त नहीं किया गया, इसलिए उनके द्वारा भुगतान करने का कोई आधार नहीं है। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है। विपक्षी सं0-3 ने इस तथ्‍य को स्‍वीकार किया है कि परिवादी द्वारा अंकन 6,000/-रू0 का ड्राफ्ट बनवाया गया था। परिवादी ने सशपथ बयान दिया है कि यह ड्राफ्ट ओरियण्‍टल बैंक आफ कामर्स (समायोजित) पंजाब नेशनल बैंक को सुपुर्द किया गया है तथा 100 इक्‍वटी शेयर खरीदने का प्रस्‍ताव दिया गया था, परन्‍तु न तो शेयर परिवादी को दिए गए और न ही धनराशि वापस लौटाई गई। अपीलार्थी का यह कथन कि अंकन 6,000/-रू0 का ड्राफ्ट परिवादी को वापस लौटा दिया गया है, परन्‍तु वापस लौटाने का कोई सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है, इसलिए अंकन 6,000/-रू0 की राशि के संबंध में जो आदेश दिया गया है, उसमें हस्‍तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

9.         प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                         (सुशील कुमार)

  सदस्‍य                                सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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