जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जशपुर (छ0ग0)
प्रकरण क्रमांक :-CC/09/2015
प्रस्तुति दिनांक :- 19/05/2015
जुगेश्वर राम चक्रेश, पिता श्री चुन्दा राम चक्रेश,
उम्र 39 वर्श, जाति कुम्हार साकिन जोकारी
थाना एवं तहसील कुनकुरी,
जिला-जशपुर (छ.ग.) ..................परिवादी /आवेदक
( विरूद्ध )
प्रबंधक दि न्यू इण्डिया एन्योरेंस कंपनी लिमिटेड,
माइक्रो शाखा अम्बिका ट्रान्सपोर्ट
कैम्पस अम्बेडकर चौक बनारस रोड
अंबिकापुर जिला-सरगुजा (छ.ग.). .........विरोधी पक्षकार/अनावेदक
///आदेश///
( आज दिनांक 23/07/2016 को पारित)
1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक के विरूद्ध सेवा में कमी करने के आधार पर बीमित वाहन के मरम्मत में आ रहे खर्च 7,35,698/-रू., उक्त वाहन को क्रेन से उठाकर गैरेज तक पहुंचाने में हुए खर्च 18,000/-रू. तथा वादव्यय दिलाए जाने हेतु दिनांक 19.05.2015 को प्रस्तुत किया है।
2. प्रकरण में यह स्वीकृत तथ्य है किः-
1. परिवादी के स्वामित्व की वाहन टाटा सुमो गोल्ड जी एक्स जिसका पंजीयन क्रमांक सी.जी. 14 एम.सी. 0769 का अनावेदक बीमा कंपनी ने दिनांक 30.12.2013 से 29.12.2014 तक के लिए पॉलिसी क्रमांक 1262421 द्वारा बीमा किया था, जिसका ओव्हर नोट प्रिमियम राशि 31,253/-रू. प्राप्त किया था।
2. उक्त वाहन के दुर्घटना होने की सूचना अनावेदक बीमा कंपनी को दिनांक 10.04.2015 को दी गई थी।
3. अ. परिवाद के निराकरण के लिए आवश्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी/आवेदक का वाहन टाटा सुमो गोल्ड जी एक्स जिसका पंजीयन क्रमांक सी.जी. 14 एम.सी. 0769 है, अनावेदक बीमा कंपनी में दिनांक 30.12.2013 से 29.12.2014 तक के लिए पॉलिसी क्रमांक 1262421 में पूर्ण रूप से बीमित था। आवेदक के उक्त वाहन का बीमा वाहन के अंदर आठ यात्री एवं ड्रायव्हर का बीमा कराया था तथा उक्त बीमा के लिए वार्षिक बीमा का प्रिमियम 31,255/-रू. दिनांक 30.12.2013 को बीमा कंपनी लिमिटेड के पक्ष में अदा किया था।
ब. आवेदक के उक्त वाहन का चालन श्री राजू राम चक्रेश, पिता जुगेश्वर राम चक्रेश द्वारा चालन किये जाने के दरम्यान लोधमा पुलिया के समीप दिनांक 19.09.2014 को दुर्घटना ग्रस्त हो गया, जिससे वाहन में बैठे यात्री रामेश्वर एवं चालक राजू राम को चोटें आई थी। आवेदक अपने उक्त क्षतिग्रस्त वाहन को न्यायालय श्रीमान न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी कुनकुरी के आदेशानुसार प्राप्त कर मरम्मत किये जाने हेतु टाटा सर्विस सेंटर अम्बिकापुर में दिनांक 07.11.2014 को जमा कर दिया तथा उक्त वाहन में मरम्मत कार्य का प्राक्कलन तैयार कर इंश्योरेंस कंपनी को प्रस्तुत किया गया तब उक्त सर्विस सेंटर द्वारा उक्त वाहन का मरम्मत किए जाने पर होने वाले खर्च का विवरण एवं प्राक्कलन 7,35,698/-रू. का बिल प्रस्तुत किया गया। आवेदक द्वारा उक्त बिल न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से प्राप्त किये जाने का आवेदन वरिश्ठ मण्डल प्रबंधक मण्डल कार्यालय कोरबा को दिनांक 28.02.2015 को किया गया था, किंतु आज दिनांक तक उक्त बिल की राशि का भुगतान अनावेदक इंश्योरेंस कंपनी द्वारा नहीं किया गया है। अतः परिवादी/आवेदक ने यह परिवाद प्रस्तुत कर अनावेदक से बीमित वाहन के मरम्मत में आ रहे खर्च 7,35,698/-रू., उक्त वाहन को क्रेन से उठाकर गैरेज तक पहुंचाने में हुए खर्च 18,000/-रू. तथा वादव्यय दिलाए जाने की प्रार्थना किया है।
4. अनावेदक ने स्वीकृत तथ्य को छोड़ शेष तथ्यों से इंकार करते हुए कथन किया है कि आवेदन के समर्थन में प्रस्तुत बीमा पालिसी के सत्यापन के पश्चात ही वर्णित अभिवचन का जवाब स्पश्ट दिया जाना संभव है। भौतिक सत्यापन के अभाव में अस्वीकार है। आवेदक द्वारा प्रस्तुत बीमा से संबंधित दस्तावेज कव्हर नोट है और उक्त कव्हर नोट मात्र 15 दिनों के लिए वैध होता है। आवेदक ने बीमा पालिसी प्रस्तुत नहीं किया है। आवेदक ने दुर्घटना सूचना संबंधित बीमा कंपनी को 24 घंटे के भीतर नहीं दिया है, बल्कि 7 माह विलम्ब से दिया गया है। यदि वाहन अम्बिकापुर कार्यालय से बीमित था तो दुर्घटना की सूचना अम्बिकापुर कार्यालय को दिया जाना चाहिए था और दावा फार्म भी अम्बिकापुर कार्यालय को ही विधि सम्यक् रूप से दिया जाकर तथा वाहन मरम्मत के लिए दि न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड अम्बिकापुर के ओदशानुसार अधिकृत सर्वेयर से सर्वे कराने के पश्चात् वाहन का मरम्मत कराया जाना चाहिए था। परिवादी अपनी सुविधा के अनुसार वाहन का मरम्मत कराया है जिसके लिए अनावेदक दायित्वाधीन नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद अनावेदक के विरूद्ध निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया है। 5. परिवाद पर उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिशीलन किया गया है ।
6. विचारणीय प्रश्न यह है कि :-
1. क्या अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार ने परिवादी/आवेदक के विरूद्ध सेवा में कमी की है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रश्न क्रमांक 1 का सकारण निष्कर्ष :-
7. परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का तथा तेजू राम का शपथ पत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक-1, वाहन का बीमा पॉलिसी प्रपत्र दस्तावेज क्रमांक-2, चालक राजू राम का चालन अनुज्ञप्ति दस्तावेज क्रमांक 3, प्रथम सूचना रिपोर्ट दस्तावेज क्रमांक 4ए एवं 4 बी, अंतिम प्रतिवेदन दस्तावेज क्रमांक 5, सम्पत्ति जप्ति पत्रक दस्तावेज क्रमांक 6 ए एवं 6 बी, वाहन मुलाहिजा दस्तावेज क्रमांक 7, प्रोफार्मा इनव्हाइस दस्तावेज क्र्रमांक 8, वाहन दुर्घटना की सूचना द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड दस्तावेज क्रमांक 9,10, टाटा मोटर्स का जाब स्लीप दस्तावेज क्रमांक 11, बबन क्रेन सर्विस का रसीद दस्तावेज क्रमांक 11 ए एवं 11 बी, राजेश कुमार गुप्ता की रसीद दस्तावेज क्रमांक 11 सी, द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को क्षति पूर्ति राशि दिए जाने का आवेदन दस्तावेज क्रमांक 12, प्रस्तुत किया है।
8. अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत किया है।
9. परिवादी/आवेदक ने उसके स्वामित्व की वाहन टाटा सुमो गोल्ड जी एक्स, पंजीयन क्रमांक सी.जी. 14 एम.सी. 0769 अनावेदक बीमा कंपनी में दिनांक 30.12.2013 से 29.12.2014 तक के लिए पॉलिसी क्रमांक 1262421 द्वारा बीमित होना बताया है, परिवाद के समर्थन में अपना शपथ पत्र प्रस्तुत किया है तथा सूची अनुसार दस्तावेज में वाहन का पंजीयन प्रमाण दस्तावेज क्रमांक 3 तथा 1 प्रस्तुत किया है। बीमा का कव्हर नोट क्रमांक 1262421 दिनांक 30.12.2013 दस्तावेज क्रमांक 2 प्रस्तुत किया है, उक्त दस्तावेजी प्रमाण से वाहन क्रमांक सी.जी. 14 एम.सी. 0769, जिसका चेचिस नंबर MAT446603D9K21749 तथा इंजन नंबर KWY652161 आर.टी.ओ. जशपुर द्वारा परिवादी के नाम पर पंजीयन किया गया है तथा उक्त वाहन अनावेदक बीमा कंपनी में दिनांक 30.12.2013 से 29.12.2014 तक के लिए बीमा हेतु पालिसी का कव्हर नोट जारी किया गया है।
10. अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से तर्क किया गया है कि परिवादी ने केवल कव्हर नोट प्रस्तुत किया है। बीमा पालिसी मूल या प्रतिलिपि प्रस्तुत नहीं किया गया है। कव्हर नोट की वैधता 15 दिन के लिए होती है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत कव्हर नोट दस्तावेज क्रमांक 2 में उल्लेखित है। इस तरह बीमा पालिसी प्रस्तुत नहीं करने से परिवादी की वाहन विधिक रूप से बीमित थी प्रमाणित नहीं है।
11. परिवादी ने परिवाद के समर्थन में शपथ पत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज क्रमांक 2 पालिसी क्रमांक 1262421 का कव्हर नोट प्रस्तुत किया है, उक्त कव्हरनोट की सत्यता के संबंध में अनावेदक बीमा कंपनी ने कोई आक्षेप नहीं किया है। परिवादी ने उक्त कव्हर नोट ही प्रस्तुत किया है, जिससे अनावेदक द्वारा वाहन का बीमा हेतु नगद 31,255/-रूपये प्राप्त किया गया है। परिवादी के स्वामित्व के वाहन का बीमा कराने के लिए दिनांक 30.12.2013 को उक्त कव्हर नोट जारी करना प्रमाणित है।
12. अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से जारी उक्त कव्हर नोट को रद्द कर दिया गया है या स्थगित कर दिया गया है, इस आशय का न तो कोई अभिवचन किया गया है न ही कोई प्रमाण प्रस्तुत किया गया है। वाहन का बीमा हेतु नगद 31,255/-रू. प्राप्त किया गया है। मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 145 में यथा परिभाषित बीमा प्रमाण पत्र में जारी उक्त कव्हर नोट भी सम्मिलित है। इस प्रकार अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी के वाहन का दस्तावेज क्रमांक 2 कव्हर नोट जारी कर बीमा हेतु प्रमाण पत्र जारी किया है प्राथमिक रूप से प्रमाणित है, जिसका वैधानिक रूप से खण्डन बीमा कंपनी की ओर से नहीं किया गया है।
13. उपरोक्त अनुसार अनावेदक बीमा कंपनी ने जवाब की कंडिका 2 में परिवादी की ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र में तथा उसे बीमा पालिसी को सत्यापित कराया जाना अभिवचन किया है, किंतु अनावेदक बीमा कंपनी ने दस्तावेज क्रमांक 2 कव्हर नोट की वैधानिकता के संबंध में, उसकी सत्यता के सबंध में कोई आक्षेप नहीं किया है, कि उनके द्वारा उक्त बीमा का कव्हर नोट जारी नहीं किया है।
14. किसी वाहन का बीमा के संबंध में कव्हर नोट जारी करने के बाद वैधानिक अवधि में बीमा पालिसी या बीमा प्रामाण पत्र जारी करने का दायित्व बीमा कंपनी होता है। अनावेदक बीमा कंपनी ने पालिसी क्रमांक 1262421 की पालिसी परिवादी के स्वामित्व का जारी ही नहीं किया गया था ऐसा न तो अभिवचन है न ही कोई प्रमाण प्रस्तुत किया है।
15. इस प्रकार अभिलेख गत सामग्री से हम पाते हैं कि परिवादी के स्वामित्व की वाहन जिसका पंजीयन क्रमांक 14 एम.सी. 0769, है का अनावेदक द न्यु इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में पालिसी क्रमांक 1262421 द्वारा दिनांक 30.12.2013 से 29.12.2014 तक के लिए बीमित थी।
16. शपथ पत्र से सर्मिर्थत परिवाद में बताया गया है कि परिवादी के स्वामित्व की वाहन का चालन राजू राम चक्रेश द्वारा किए जाने के दौरान दिनांक 19.0.9.2014 को लोधमा पुलिया के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। परिवादी ने उक्त दुर्घटना के संबंध में थाना कुनकुरी में लिखित प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 121/14 दिनांक 19.09.2014 दस्तावेज क्रमांक 4 तथा पुलिस थाना कुनकुरी द्वारा विवरण में संकलित सामग्री दस्तावेज क्रमांक 6 एवं दस्तावेज क्रमांक 5 प्रस्तुत किया है, से परिवादी ने अपने के स्वामित्व की वाहन का दिनांक 19.09.2014 को अर्थात बीमा अवधि में दुर्घटना होना प्रमाणित किया है।
17. परिवादी ने दुर्घटना के समर्थन में वाहन का राजू राम द्वारा चालन किया जा रहा था बताया गया है तथा उसके चालन अनुज्ञप्ति की फोटोप्रति दस्तोवज क्रमांक 3 प्रस्तुत किया है। दस्तावेज क्रमांक 3 में राजु राम को एल.
एम.व्ही. वाहन चालन के लिए वैध एवं प्रभावशील चालन अनुज्ञप्ति दिनांक 24.03.2014 से 23.03.2014 तक के लिए जानी होना उल्लेखित है। उक्त चालन अनुज्ञप्ति की सत्यता वैध एवं प्रभावशीलता के संबंध में अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा आक्षेप नहीं किया गया है, फलस्वरूप परिवादी के स्वामित्व की वाहन को राजू राम वैध एवं प्रभावशील चालन अनुप्ति के तहत दुर्घटना के समय चालन किया जा रहा था, परिवादी ने प्रमाणित किया है।
18. परिवादी ने दुर्घटना में उसके स्वामित्व की वाहन को क्षति होना बताया है, जिसका इस्टीमेट दस्तावेज क्रमांक 8 प्रस्तुत किया है दस्तावेज क्रमांक 8 द्वारा वाहन की मरम्मत के लिए सामन के मद में 6,33,569./-रू. एवं लेबर चार्ज 1,02,129./-रू. 60 पैसे कुल 7,35,698/-रू. 60 पैसे के खर्च होने का इस्टीमेट प्रस्तुत किया है।
19. परिवादी ने अपने स्वामित्व के वाहन दुर्घटना होने पश्चात् कुनकुरी के न्यायालय से वाहन सुपुर्दनामे में लेकर टाटा सर्विस सेंटर अम्बिकापुर में दिनांक 07.11.2014 को जमा किया था। वाहन के मरम्मत के प्राक्कलन देकर बीमा कंपनी द्वारा मरम्मत का खर्च नहीं दिया गया है, खर्च प्राप्त नहीं होने से परिवादी द्वारा परिवाद किया जाना बताया गया है।
20. अनावेदक बीमा कंपनी ने जवाब के आधार पर तर्क किया है कि परिवादी ने अनावेदक के समक्ष वाहन दुर्घटना बीमा का कोई दावा नहीं किया है। दुर्घटना की सूचना दुर्घटना के बाद विलंब से दिनांक 10.04.2015 को किया है, जो परिवादी के दस्तावेज क्रमांक 12 से भी स्पश्ट है। इस प्रकार विधिवत बीमा दावा नहीं किया जाना तथा विलंब से सूचना दिए जाने के आधार पर अनावेदक बीमा कंपनी की कोई दायित्वाधीन नहीं बनती है, से उसके विरूद्ध परिवाद निरस्त करने का निवेदन किया गया है।
21. परिवादी ने सूची अनुसार दस्तावेज क्रमांक 8,9,11 एवं 12 से बीमा कंपनी को दुर्घटना की सूचना दिया जाना तथा वाहन मरम्मत का प्राक्कलन तैयार कर दिया जाना बताया है। दस्तावेज क्रमांक 9 एवं 12 से अनावेदक बीमा कंपनी को परिवादी ने अपने स्वामित्व के वाहन की दुर्घटना होने की सूचना दिया था प्रमाणित होता है।
22.अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी की ओर से दस्तावेज क्रमांक 9 एवं 12 से सूचना दिए जाने के पश्चात् उनके द्वारा क्या कार्यवाही की गई इसके संबंध में कोई तथ्य नहीं बताया है। अनावेदक बीमा कंपनी ने दुर्घटना की क्षति का सर्वेयर द्वारा आंकलन कराया था या परिवादी की ओर से प्रोफार्मा इनव्हाइस दस्तावेज क्रमांक 8 गलत प्रोफार्मा होने के संबंध में कोई तथ्य प्रगट नहीं किया है।
23. परिवाद की सामग्री से प्रमाणित है कि परिवादी के स्वामित्व की वाहन की बीमित अवधि में दिनांक 19.09.2014 को दुर्घटनाग्रस्त हुई। वाहन बीमित होने से क्षतिपूर्ति का वैधानिक दायित्व बीमाकर्ता की रही है।
24. परिवादी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज क्रमांक 2 मोटर वाहन कव्हर नोट में बीमित वाहन का मूल्य का आंकलन 7,53,859 तथा उसके नीचे 7,16,166/-रू. किया जाना उल्लेखित है। जिससे स्पष्ट है कि 7,16,166/-रू. तक की क्षति को अनावेदक बीमा कंपनी ने दस्तावेज क्रमांक 2 के माध्यम से आच्छादित किया था, जिसके लिए परिवादी से 31,253/-रू. का प्रिमियम प्राप्त किया था।
25. दुर्घटना में क्षतिग्रस्त वाहन के मरम्मत के वास्तविक खर्च या बीमित वाहन का बीमाकर्ता/बीमा धारक द्वारा आंकलित मूल्य उसमें जो भी कम हो का भुगमान किया जाना चाहिए। प्रकरण में दस्तावेज क्रमांक 2 द्वारा 7,16,166/-रू.वाहन का मूल्य आंकलित किया गया है तथा प्रोफार्मा इनवाइस दस्तावेज क्रमांक 8 में कुल 7,35,698/-रू. का इस्टीमेट बताया गया है, जिससे दस्तावेज क्रमांक 2 कव्हरनोट में उल्लेखित राशि 7,16,166/-रू. तक जो मरम्मत का वास्तविक खर्च होगा परिवादी बीमा कंपनी से नियमानुसार प्राप्त करने का अधिकारी है।
26. उपरोक्त अनुसार अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार ने परिवादी को उसके स्वामित्व की वाहन बीमित होते हुए बीमा अवधि में दुर्घटना में हुई क्षति के मरम्मत हेतु कोई खर्च न देना, परिवादी द्वारा वाहन दुर्घटना की सूचना दिए जाने के बाद भी अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, जैसा कि अभिलेख की सामग्री से स्पश्ट है, हम पाते हैं कि अनावेदक ने परिवादी के विरूद्ध सेवा में कमी किया है।
27. परिवादी ने अपने वाहन मरम्मत का खर्च 7,35,698/-रू., उक्त वाहन को क्रेन से उठाकर गैरेज तक पहुंचाने में हुए खर्च 18,000/-रू. ब्याज सहित दिलाए जाने का निवेदन किया है, जिसके विरूद्ध अनावेदक बीमा कंपनी ने परिवादी को कोई राशि वाहन के मरम्मत का खर्च हेतु या वाहन को क्रेन में उठाने का खर्च प्रदान नहीं किया है, अतः अनावेदक के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद स्वीकार करने योग्य पाते हुए स्वीकार करते हैं तथा निम्नलिखित निर्देश देते हैं :-
अ. परिवादी के स्वामित्व की वाहन टाटा सुमो गोल्ड जी एक्स जिसका पंजीयन क्रमांक सी.जी. 14 एम.सी. 0769 के मरम्मत का वास्तविक खर्च जो, अनावेदक द्वारा जारी कव्हरनोट दस्तावेज क्रमांक 2 में उल्लेखित राशि 7,16,166/-रू. (सात लाख सोलह हजार एक सौ छैसठ रूपये)से जो भी कम हो का भुगतान 30 दिन के भीतर करेगा।
ब. अनावेदक बीमा कंपनी, परिवादी को क्षतिग्रस्त वाहन को सर्विस सेंटर पहुंचाने का खर्च 18,000/-रू. (अट्ठारह हजार रूपये) का भुगतान 30 दिन के भीतर करेगा।
स. अनावेदक बीमा कंपनी, परिवादी को परिवाद का व्यय 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) का भुगतान 30 दिन के भीतर करेगा।
(श्रीमती अनामिका नन्दे) (संजय कुमार सोनी) (बी0पी0पाण्डेय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रति. जिला उपभोक्ता विवाद प्रति. जिला उपभोक्ता विवाद प्रति.
फोरम जशपुर (छ0ग0) फोरम जशपुर ़(छ.ग.) फोरम जापुर (छ0ग0)