राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-239/2020
(जिला उपभोक्ता आयोग, गाजीपुर द्धारा परिवाद सं0-47/2017 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 29-02-2020 के विरूद्ध)
रामकेर पुत्र स्व0 शोभित निवासी ग्राम गौसाबाद परगना व तहसील व जिला गाजीपुर (उ0प्र0)।
........... अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम
1. प्रबन्धक/प्रभारी अधिकारी टाटा मोटर्स फाइनेंस लि0, शाखा रजदेपुर (रौजा) थाना कोतवाली सदर जनपद गाजीपुर।
2. मैनेजर/इन्चार्ज आफिसर (टाटा मोटर्स फाइनेंस लि0) बिल्डिंग ए, द्वितीय तल लोढ़ा-1, थिंक टेक्नो कैम्पस आफिस पोखरण रोड-2, थाणे (वेस्ट) 400607 (महाराष्ट्र)।
……..प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री आर0डी0 क्रान्ति विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक :- 19-01-2023.
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादी द्वारा इस आयोग के सम्मुख उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा-15 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता आयोग, गाजीपुर द्धारा परिवाद सं0-47/2017 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 29-02-2020 के विरूद्ध योजित की गई है। विद्वान जिला आयोग द्वारा उक्त आदेश दिनांक 29-02-2020 द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति में अदम पैरवी में परिवाद खारिज किया गया।
उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील योजित की गई।
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मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आर0डी0 क्रान्ति को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं प्रश्नगत आदेश का सम्यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस न्यायालय का ध्यान उक्त आदेश दिनांक 29-02-2020 की ओर आकृष्ट करते हुए कथन किया गया कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादी के अनुपस्थित रहने के कारण परिवाद अदम पैरवी में दिनांक 29-02-2020 को खारिज कर दिया गया जबकि परिवादी के अधिवक्ता पूर्व निश्चित तिथियों पर विद्वान जिला आयोग के सम्मुख उपस्थित होते रहे। परिवादी ने जानबूझकर कोई गलती नहीं की।
मेरे द्वारा उपरोक्त आदेश दिनांक 29-02-2020 का सम्यक रूप से परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त यह पाया गया कि अपीलार्थी/परिवादी द्वारा परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख वर्ष 2017 में योजित किया गया जो एक पक्षीय रूप से उपरोक्त आदेश दिनांक 29-02-2020 द्वारा परिवादी की अनुपस्थिति के कारण अदम पैरवी में खारिज किया गया। मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायहित में मेरे विचार से परिवादी को सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना उपयुक्त प्रतीत होता है। तद्नुसार बिना किसी गुणदोष पर विचार किए हुए प्रस्तुत अपील अन्तिम रूप से निर्णीत करते हुए प्रकरण सम्बन्धित जिला आयोग को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्य है।
तद्नुसार अपील स्वीकार की जाती है और जिला उपभोक्ता आयोग, गाजीपुर द्धारा परिवाद सं0-47/2017 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 29-02-2020 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण प्रतिप्रेषित करते हुए विद्वान जिला आयोग से आग्रह किया जाता है कि उक्त परिवाद को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए परिवाद के दोनों पक्षकारों को साक्ष्य एवं सुनवाई का विधि अनुसार समुचित अवसर प्रदान करते हुए यथा सम्भव 06 माह की अवधि में परिवाद सं0-47/2017 को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जावे। किसी भी पक्षकार को बिना किसी उपयुक्त कारण के स्थगन की
अनुमति न प्रदान की जावे।
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इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि अपीलार्थी/परिवादी अथवा उसके अधिवक्ता द्वारा दिनांक 10-02-2023 को अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग गाजीपुर के सम्मुख प्रस्तुत की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1.
कोर्ट नं0-1.