जिला फोरम उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, झुन्झुनू (राजस्थान)
परिवाद संख्या - 547/13
समक्ष:- 1. श्री सुखपाल बुन्देल, अध्यक्ष।
2. श्रीमती शबाना फारूकी, सदस्या।
3. श्री अजय कुमार मिश्रा, सदस्य।
श्रीराम सैनी पुत्र बद्रीप्रसाद सैनी उम्र 40 साल जाति माली निवासी ख्वास का बाग, बैनाड़ रोड़ जयपुर (राज0) जरिए मुख्तियार आम श्री कालूराम सैनी पुत्र स्व. मांगीलाल सैनी जाति माली उम्र 58 साल निवासी सामोद रोड, गोविंद देवजी का रड़ा तन ग्राम सामोद तहसील चैमू जिला जयपुर हाल निवासी पपुरना (ढाणी सावन वाला) पोस्ट पपुरना तहसील खेतड़ी जिला झुंझुनू (राज0) - परिवादी
बनाम
प्रबंधक, श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कम्पनी लि0 प्रथम तल, बडा मार्केट, शान्ति मैरिज गार्डन के सामने डी.सी.एम. जयपुर शाखा कार्यालय शाखा प्रबंधक जी.बी. मोदी स्कूल के सामने स्टेषन रोड़, झुंझुनू तहसील व जिला झुंझुनू (राज0) - विपक्षी
परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1. श्री विजय ओला एवं श्री विक्रम दूलर अधिवक्ता-परिवादी की ओर से।
2. श्री इन्दुभूषण शर्मा, अधिवक्ता - विपक्षी की ओर से।
- निर्णय - दिनांकः 15.04.2015
परिवादी ने यह परिवाद पत्र मंच के समक्ष पेष किया, जिसे दिनांक 07.10.2013 को संस्थित किया गया।
विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने अपने वाहन ट्रक नम्बर आर.जे. 14 जी.ए. 8216 पर विपक्षी कम्पनी के जयपुर कार्यालय से एग्रीमेंट नं0 जे.ए.आई.पी. 40104040003 के तहत दिनांक 05.04.2011 को 2,87,457/-रूपये फाइनेंस करवाया। परिवादी को उक्त फाइनेंस राषि 31 किष्तों में जमा करवानी थी लेकिन परिवादी ने दिनांक 20.03.2013 को समय से पूर्व ही सम्पूर्ण फाईनेंस की बकाया राषि मय ब्याज जमा करवादी । परिवादी द्वारा अपने वाहन के लिये अनापति प्रमाण पत्र (छव्ब्) के लिये कम्पनी में सम्पर्क किया तो छव्ब् 15 दिन में देने का कहा । विपक्षी से बार-बार सम्पर्क करने पर भी परिवादी को वाहन की छव्ब् नहीं दी गई।
अन्त में विद्धान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार करने एंव विपक्षी से एन.ओ.सी. ( छव्ब्) दिलवाया जाने का निवेदन किया।
विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी जयपुर का निवासी है तथा परिवादी एवं विपक्षी कम्पनी के मध्य ऋणी एवं ऋणदाता के संबंध हैं जो ऋण अनुबंधों की शर्तो के अधीन गर्वन होते हैं। परिवादी ने ट्रक नम्बर आर.जे. 14 जी.ए. 8216 पर ऋण विपक्षी के शाखा कार्यालय, जयपुर से प्राप्त किया था तथा ऋण अनुबंध भी जयपुर में ही निष्पादित किया गया है । परिवादी द्वारा समस्त ऋण किष्तों की अदायगी भी विपक्षी के जयपुर स्थित कार्यालय में की गई है। इसलिए परिवादी का विपक्षी झुंझुनू कार्यालय से कोई संबंध नहीं रहा है । हस्तगत परिवाद पत्र की सुनवाई हेतु श्रवणाधिकार व क्षेत्राधिकार इस मंच को प्राप्त नहीं है तथा विपक्षी के झुंझुनू कार्यालय द्वारा उक्त वाहन की एन.ओ.सी. जारी करना संभव नहीं है।
विद्धान अधिवक्ता विपक्षी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि परिवादी ने श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कम्पनी लि0 शाखा जयपुर से एक अन्य वाहन ट्रक नम्बर आर0जे0 14 जी.ए. 3567 पर भी ऋण राषि प्राप्त कर ऋण अनुबंध निष्पादित किया हुआ है जिसमें भी परिवादी ने ऋण अनुबंध की शर्तो का खण्डन करते हुए किष्तों की अदायगी विपक्षी को नहीं की है तथा 54,840/-रूपये बकाया है । इसके अलावा एक वाहन एच.आर. 47-1196 जो कि प्रभूदयाल यादव के नाम से पंजीकृत है, में भी परिवादी ने वाहन स्वामी की जमानत प्रस्तुत कर उक्त वाहन की समस्त बकाया राषि भुगताने हेतु जमानतनामा विपक्षी के पक्ष में निष्पादित किया हुआ है, जिसमें भी विपक्षी का 2,88,783/-रूपये बकाया है जिसके भुगतान हेतु ऋणी एवं जमानती का संयुक्त दायित्व है।
अन्त में विद्धान् अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया।
उभयपक्ष के तर्को पर विचार कर पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया।
प्रस्तुत प्रकरण में स्वंय परिवादी श्रीराम सैनी जयपुर का रहने वाला है तथा परिवाद जरिए मुख्तियार आम श्री कालूराम सैनी पेष किया गया है, वह भी जयपुर जिले का ही रहने वाला है। परिवादी ने परिवाद पत्र में मुख्तियार आम श्री कालूराम सैनी निवासी सामोद रोड, गोविंद देवजी का रड़ा तन ग्राम सामोद तहसील चैमू जिला जयपुर हाल - निवासी पपुरना (ढाणी सावन वाला) पोस्ट पपुरना तहसील खेतड़ी जिला झुंझुनू का बताया है लेकिन हाल निवास के संबंध में परिवादी ने कोई दस्तावेज पेष नहीं किया है जिससे यह जाहिर हो कि मुख्तियार आम श्री कालूराम झुंझुनू जिले का रहने वाला हो। इसके अतिरिक्त पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्पष्ट हुआ है कि परिवादी ने ट्रक नम्बर आर.जे. 14 जी.ए. 8216 पर ऋण विपक्षी कार्यालय, जयपुर से ही दिनांक 05.04.2011 को 2,87,457/-रूपये प्राप्त किया था तथा ऋण अनुबंध भी जयपुर में ही निष्पादित किया गया है। परिवादी द्वारा ऋण किष्तों की अदायगी भी जयपुर शाखा में ही की गई है। परिवादी का विपक्षी झुंझुनू शाखा से कोई संबंध नहीं रहा है तथा झुंझुनू में कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ है बल्कि परिवादी को वाद कारण भी जयपुर में ही उत्पन्न हुआ है। ऐसी स्थिति में हस्तगत परिवाद की सुनवाई हेतु अधिकारिता इस मंच को प्राप्त नहीं है। परिवादी ने ऐसा कोई दस्तावेज पेष नहीं किया है जिसके आधार पर इस मंच को परिवाद की सुनवाई हेतु अधिकारिता प्राप्त है। हमारे इस मत की पुष्टि माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा 2014 (1) सी.पी.जे पेज 302 (छब्) में क्षेत्राधिकारिता के संबंध में दिये गये विनिष्चय से भी होती है। अतः उक्त न्यायिक विनिष्चय की रोषनी में यह परिवाद क्षेत्राधिकारिता के अभाव में इस मंच के समक्ष चलने योग्य नहीं है। चूंकि यह परिवाद इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
अतः परिवादी का परिवाद पत्र निरस्त किए जाने योग्य होने से खारिज किया जाता है ।
निर्णय आज दिनांक 15.04.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया।