Madhya Pradesh

Seoni

CC/15/2014

RAJJU DEHERIYA - Complainant(s)

Versus

PRABANDHAK IFFCO TOCOYO GENERAL INSURANCE COMPANY - Opp.Party(s)

SANJU THAKRE

19 May 2014

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, सिवनी(म0प्र0)


                             प्रकरण क्रमांक -15.2014

                                       
समक्ष :-
अध्यक्ष - रवि कुमार नायक
सदस्य - श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत,

रज्जू, पिता खुब्बी डेहरिया, निवासी-
घंसौर रोड कालेज के सामने लखनादौन,
जिला सिवनी (म0प्र0)।.......................................आवेदकपरिवादी।


                :-विरूद्ध-: 
प्रबंधक महोदय, प्रबंधक मंडल कार्यालय
इफको टोकियो जनरल इंष्योरेंस कंपनी
षाखा कार्यालय नर्मदा रोड मितल गैस
एजेन्सी, जबलपुर (म0प्र0)।.......................................अनावेदकविपक्षी।  

 
                 :-आदेश-:
     (आज दिनांक- 19.05.2014 को पारित)

द्वारा-अध्यक्ष:-

(1)        परिवादी ने यह परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के तहत, उसके कामर्षियल वाहन-मैक्स कैब रजिस्ट्रेषन नंबर-एम0पी0 22टी 0481 जो अनावेदक बीमा कम्पनी द्वारा बीमित रहा है, उक्त वाहन की दिनांक-14.09.2013 को दुर्घटना में हुर्इ क्षति के संबंध में क्षतिपूर्ति बीमा क्लेम का भुगतान न करने को अनुचित व सेवा में कमी बताते हुये, क्षति राषि 30,000-रूपये व हर्जाना दिलाने के अनुतोश हेतु पेष किया है। 
(2)        यह स्वीकृत तथ्य है कि-परिवादी का उक्त वाहन अनावेदक के बीमा पालिसी क्रमांक-81320569 के माध्यम से दिनांक-19.09.2012 से दिनांक-18.09.2013 तक की अवधि के लिए बीमित रहा है। यह भी विवादित नहीं कि-दिनांक-14.09.2013 को उक्त वाहन पेड़ से टकरा जाने के कारण क्षतिग्रस्त हुआ था और परिवादी ने वाहन दुरूस्ती में खर्च हुर्इ राषि की क्षतिपूर्ति हेतु बीमा क्लेम पेष किया।
(3)        स्वीकृत तथ्यों के अलावा, परिवाद का सार यह है कि-दिनांक- 14.09.2013 को क्षतिग्रस्त हुये परिवादी के वाहन को सुधारने में लगभग 30,000-रूपये खर्च हुआ था, उक्त बाबद परिवादी द्वारा वाहन सुधारने में खर्च हुर्इ राषि दिलाने क्लेम पेष कर कहा गया था, जो कि-क्लेम राषि भुगतान में अनावेदक द्वारा टालामटौली की जा रही है, जो परिवादी के प्रति की गर्इ सेवा में कमी है। 
(4)        अनावेदक के जवाब का सार यह है कि-वाहन के क्षतिग्रस्त होने की सूचना परिवादी द्वारा दिये जाने पर वाहन की क्षति के बाबद सर्वेयर से सर्वे कराया गया था, सर्वेयर ने क्षति का आंकलन 9,365-रूपये किया था, सर्वेयर की रिपोर्ट पेष होने पर, बीमा पालिसी में उल्लेखित षर्त के आधार पर, यात्री वाहन में क्षति होने पर, कुल क्षति राषि में-से धारा-1 के आधीन 7,500-रूपये की कटौती, प्रावधान के अनुसार की गर्इ, षेश राषि 1865-रूपये का भुगतान परिवादी को चेक के माध्यम से किया गया था, जिसे परिवादी के द्वारा अस्वीकार कर दिया गया है और इस तथ्य को परिवादी के द्वारा, दिनांक-13.02.2014 को बीमा कम्पनी में दिये पत्र में भी स्वीकार किया गया है, जो कि-सर्वेयर रिपोर्ट व बीमा पालिसी में उलिलखित षर्तों के आधार पर भी 1865-रूपये की क्षति राषि का भुगतान कर, दावा आवेदन का निराकरण कर दिया गया है, बीमा कम्पनी द्वारा, परिवादी के प्रति-कोर्इ सेवा में कमी नहीं की गर्इ। अत: परिवाद निरस्त योग्य है।
(5)        मामले में निम्न विचारणीय प्रष्न यह हैं कि:-        
        (अ)    क्या अनावेदक द्वारा, परिवादी के बीमा क्लेम के
            उचित भुगतान बाबद परिवादी के प्रति-सेवा में
            कमी की गर्इ है?
        (ब)    सहायता एवं व्यय?
                -:सकारण निष्कर्ष:-
        विचारणीय प्रष्न क्रमांक-(अ) :-
(6)        परिवादी का उक्त वाहन कामर्षियल वाहन रहा है, टैक्सी के रूप में पंजीकृत रहा है और कामर्षियल वाहन के लिए ही बीमा पालिसी ली गर्इ थी, उक्त हेतु पर्यटकयान के संबंध में अनुज्ञा-पत्र व परमिट भी परिवादी द्वारा, परिवहन प्राधिकारी से प्राप्त किये थे, यह परिवादी की ओर से पेष प्रदर्ष सी-4 से सी-9 तक के वाहन के रजिस्ट्रेषन बीमा कबरनोट और पर्यटकयान के संबंध में अनुज्ञापत्र व परमिट तथा फिटनेष की पेष प्रतियों से भी स्पश्ट है। और दिनांक-16.09.2013 को वाहन पेड़ से टकरा जाने की क्षतिपूर्ति दुर्घटना के बाबद पुलिस को दी गर्इ लिखित सूचना की प्रति प्रदर्ष सी-1 भी पेष की गर्इ है और ये सब तथ्य स्वीकृत तथ्य हैं।
(7)        परिवादी की ओर से वाहन सुधार के खर्चइस्टीमेंट बाबद प्रदर्ष सी-11 से प्रदर्ष सी-15 तक के इस्टीमेंटबिल पेष किये गये हैं, जबकि- अनावेदक-पक्ष की ओर से पेष परिवादी के क्लेम फार्म की प्रति प्रदर्ष आर-3 पेष हुये हैं। और सर्वेयर द्वारा, वाहन क्षति के आंकलन द्वारा, फायनल सर्वे रिपोर्ट की प्रति प्रदर्ष आर-2 पेष की गर्इ है, जिसमें सर्वेयर द्वारा 11080- रूपये वाहन में रिप्लेस किये गये पार्टस व लेबर का मूल्य आंकलित किया गया, जिसमें से 865-रूपये बैटरी डिपरेषन, 500-रूपये एकिसस और 350-रूपये साल्वेज का मूल्य घटाते हुये, 9,365-रूपये भुगतान योग्य राषि आंकलित किया और परिवादी के उक्त वाहन के बीमा पालिसी की प्रति प्रदर्ष आर-1 और स्वयं परिवादी की ओर से पेष कबरनोट की प्रति प्रदर्ष सी-5 से यह स्पश्ट है कि-यात्री परिवहन यान के संबंध में पूर्ण या आंषिक क्षति बाबद 0.5 प्रतिषत (क्लेम राषि का) न्यूनतम 7,500-रूपये की कटौती की षर्त रही है। स्पश्ट है कि-बीमा पालिसी की उक्त षर्त के अनुसार ही, क्योंकि यात्री वाहन (टैक्सी) की दुर्घटना में क्षति के क्लेम का मामला रहा है, ऐसे में अनावेदक बीमा कम्पनी के द्वारा, बीमा षर्त के अनुसार, उक्त कटौती करते हुये, जो 1865-रूपये का परिवादी को भुगतान किया जा रहा था, वह किसी भी तरह अनुचित नहीं और परिवादी ने अपने परिवाद में इस तथ्य को छिपाया है कि-बीमा कम्पनी ने क्लेम भुगतान बाबद उसे 1865-रूपये का चेक भेजा था, जिसे परिवादी ने लेने से इंकार कर दिया। जबकि-स्वयं परिवादी की ओर से पेष प्रदर्ष सी-2 की अनावेदक को लिखे पत्र दिनांक-13.02.2014 की प्रति जो पेष की गर्इ है, उससे ही परिवादी की यह स्वीकारोकित स्पश्ट है कि-उसने उक्त राषि का चेक लेने से इंकार करते हुये, नो-क्लेम करने का निवेदन बीमा कम्पनी से किया, ऐसे में क्लेम राषि के भुगतान बाबद अनावेदक द्वारा, परिवादी के प्रति-कोर्इ सेवा में कमी नहीं की गर्इ है। तदानुसार विचारणीय प्रष्न क्रमांक-'अ को निश्कर्शित किया जाता है। 
        विचारणीय प्रष्न क्रमांक-(ब):-
(8)        विचारणीय प्रष्न क्रमांक-'अ के निश्कर्श के आधार पर, मामले में निम्न आदेष पारित किया जाता है:-
        (अ)    अनावेदक ने परिवादी के प्रति-कोर्इ सेवा में कमी नहीं
            किया, इसलिए परिवादी, अनावेदक से कोर्इ हर्जाना पाने
            का अधिकारी नहीं है।
        (ब)    पालिसी षर्तों के अनुसार देय रही राषि 1865-रूपये
            (अठारह सौ पैसठ रूपये) जिसका भुगतान लेने से                 परिवादी ने इंकार कर दिया था, वह राषि और आदेष             दिनांक से भुगतान की अवधि तक की उक्त राषि पर 9             प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से ब्याज अनावेदक,                 परिवादी को अदा करे।
        (स)    पक्षकार अपना-अपना कार्यवाही-व्यय वहन करेंगें।
        

   मैं सहमत हूँ।                              मेरे द्वारा लिखवाया गया।      

  

(श्री वीरेन्द्र सिंह राजपूत)                          (रवि कुमार नायक)
      सदस्य                                                अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद                           जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोषण फोरम,सिवनी                         प्रतितोषण फोरम,सिवनी            

              (म0प्र0)                                        (म0प्र0)

                        

 

 

 

        
            

 

 

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