''राष्ट्रीय लोक अदालत''
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
परिवाद संख्या-21/2018
शिव शंकर सक्सेना बनाम प्रबन्ध निदेशक, मेसर्स एम0आई0 बिल्डर्स लि0
दिनांक: 11.02.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद आज ''राष्ट्रीय लोक अदालत'' के सम्मुख प्रस्तुत किया गया।
परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री योगेन्द्र कुमार तिवारी एवं विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री मनु दीक्षित उपस्थित हैं। उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया।
परिवादी द्वारा सम्पूर्ण जमा धनराशि विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी को प्राप्त करायी जा चुकी है, जिसमें कि टैक्स के अन्तर्गत काटी जाने वाली धनराशि भी वापस की जा चुकी है, साथ ही अर्नेस्ट मनी के अन्तर्गत कुल मूल्य की देय 10 प्रतिशत धनराशि भी वापस की गयी है, जैसा कि पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता द्व्य द्वारा अवगत कराया गया।
विवाद मात्र परिवादी द्वारा विभिन्न तिथियों में वर्ष 2014 से वर्ष 2016 के मध्य जमा धनराशि पर अर्जित ब्याज को विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी को वापस किये जाने का है, जिस पर पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता द्व्य को विस्तार से पूर्व में भी सुना गया तथा पुन: आज सुना गया। प्रस्तुत परिवाद आज ''राष्ट्रीय लोक अदालत'' में अन्तिम रूप से निस्तारण हेतु सूचीबद्ध किया गया।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी द्वारा जमा धनराशि पर जमा की तिथि से भुगतान की तिथि पर गणना करने के अनुसार परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा उल्लिखित देय धनराशि लगभग 15,00,000/-रू0 अवगत
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करायी गयी, जिसके विरूद्ध विपक्षी कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि वास्तव में विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी द्वारा जमा धनराशि में से अर्नेस्ट मनी की धनराशि काटकर बाकी की धनराशि वापस किया जाना पक्षकारों के मध्य हुए समझौते में उल्लिखित किया गया है।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत परिवाद अन्तिम रूप से निम्न आदेशानुसार निस्तारित किया जाता है, अर्थात् विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादी को ब्याज के अन्तर्गत देय धनराशि के रूप में एकमुश्त धनराशि 12,00,000/-रू0 (बारह लाख रूपया मात्र) एक माह की अवधि में प्राप्त करायी जावेगी। यदि उल्लिखित अवधि में उक्त धनराशि को प्राप्त नहीं कराया जावेगा तब परिवादी को विपक्षी कम्पनी द्वारा उपरोक्त देय धनराशि 12,00,000/-रू0 (बारह लाख रूपया मात्र) पर 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की देयता भी आज की तिथि से प्रारम्भ हो जायेगी।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1