न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश आयोग,कन्नौज।
उपस्थित..................... श्री जगन्नाथ मिश्रा,अध्यक्ष
सुश्री वन्दना मिश्रा,सदस्या
श्री लोकेष कुमार पुण्डीर
परिवाद संख्याः- 08/2022
सत्येन्द्र कुमार सिंह पुत्र बैजनाथ निवासी तिखवा थाना व जनपद कन्नौज।
..........परिवादी
बनाम
प्रबंधक श्री गौरी षंकर मोटर्स निवासी 117/एन./885 तुलसी नगर,काकादेव, कानपुर जिला कानपुर नगर । ...........विपक्षी
श्री जगन्नाथ मिश्रा, अध्यक्ष द्वारा उद्घोशित
नि र्ण य
1- परिवादी द्वारा यह परिवाद पत्र विपक्षी के विरूद्ध इस अनुतोश हेतु प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी द्वारा खरीदे गये स्कूटी के व्यय 75,000/-,विपक्षी से परिवादी को क्षतिपूर्ति के रूप में 1,79,700/-,हर्जा खर्चा मुव0 50,000/- एवं अन्य कोई अनुतोश हो,तो दिलवाया जावे।
2- परिवाद के संक्षेप में कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने डीलर षिप श्री गौरी षंकर मोटर्स से एक स्कूटी माॅडल नम्बर- च्त्।प्ैम् चेसिस नम्बर-डैॅठक्ळठब्ळज्ञ,इंजन नम्बर-ठक्ळ 113935 कलर ड।ज् ठस्न्म् पूर्ण रूप से सम्पूर्ण कागजात रजिस्ट्रेषन, इंष्योरेंस,हेलमेट सहित मुव0 75,000/- नगद देकर दिनांक 29-6-2020 को खरीदी थी । परिवादी को रजिस्टेªषन,इंष्योरेंस व स्कूटी की समस्त पार्ट्स, बैटरी इंजन आदि की एक साल की गारण्टी व वारण्टी सम्मिलित करते हुये आष्वासन दिया गया था । परिवादी स्कूटी का उपयोग व उपभोग अपनी आवष्यकतानुसार एजेन्सी के दिये गये दिषा निर्देषों के अनुसार करने लगा एवं समयानुसार सर्विसिंग आदि भी कराने लगा । स्कूटी क्रय के तीन माह पष्चात् स्कूटी में खराबी आ गयी जिसे लेकर परिवादी विपक्षी के डीलर को दिखाने गया जहां स्कूटी में मोटर रिपेरिंग सेन्टर प्लेट आदि का कार्य कराने को बोला गया जिसका खर्चा मु0 2,000/- लिया गया जो परिवादी ने चेक संख्या-718617 के माध्यम से अदा किया जो विपक्षी के चालान नं0-61 पर लगा हुआ है, 08 दिन बाद परिवादी की स्कूटी पुनः खराब हो गयी जिसे लेकर परिवादी पुनः विपक्षी से सम्पर्क साधा परिवादी को बताया गया कि अपनी स्कूटी कन्नौज में बी0एन0 इलेक्ट्रिक स्कूटर पर लेकर जाओ परिवादी को स्कूटी खरीदे हुये अभी मात्र तीन महीने हुये हैं जो कि पूर्णतः वारण्टी/गारण्टी से कवर है एवं परिवादी की स्कूटी को ठीक करने की जिम्मेदारी विपक्षी की है। परिवादी को धमकाया गया एंव कहा गया कि यदि ठीक कराना है तो बी0एन0 इलेक्ट्रानिक स्कूटर जाओ ंनही ंतो घर बैठों, हम कुछ नहीं करेंगे । परिवादी परेषान होकर बी0एन0 इलेक्ट्रानिक स्कूटर पर अपनी स्कूटी ठीक कराने गया जहां परिवादी से मुव0 4,100/- का बिल बनाया गया जिसे परिवादी मजबूरन 4,100/- नगद बिल संख्या-67 दिनांक 15/12/2020 को जमा किया। परिवादी को बताया गया कि पैसा बाद में वापस कर दिया जायेगा । परिवादी की स्कूटी गारण्टी-वारण्टी की अवधि में होने के बाद भी विपक्षी की जिम्मेदारी उसे ठीक करने की थी, किन्तु विपक्षी द्वारा मरम्मत कराने का व्यय परिवादी से मांगा जाता रहा एवं परिवादी को जिरह परेषान किया जाता रहा । विपक्षीगण द्वारा बताये गये
-2-
बी0एन0 इलेक्ट्रानिक स्कूटर्स के यहां एक बार ठीक कराने के बाद दो दिन बाद पुनः पूर्ण रूप से खराब हो गयी जो आज भी बी0एन0 इलेक्ट्रानिक स्कूटर्स तिर्वा रोड स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय तिर्वा रोड कन्नौज में खडी पडी है। परिवादी द्वारा विपक्षी से जब भी गाडी मरम्मत कराने की बात कहीं तो परिवादी को विपक्षी द्वारा दिनांक 17.12.2020 को धमकी व गाली गुप्ता देकर भाग जाने व गाडी को भूल जाने की धमकी दी गयी । परिवादी ने उक्त के सन्दर्भ में अधिवक्ता के माध्यम से विपक्षी को एक नोटिस दिनांक 29.10.21 को पंजीकृत डाक से प्रेशित किया लेकिन अभी तक विपक्षी द्वारा उत्तर नही दिया गया है। अतः परिवाद प्रस्तुत करने की आवष्यकता उत्पन्न हुई।
3- विपक्षी पर नोटिस की तामीला होने के बाद भी उसकी ओर से परिवाद के विरोध में कोई वादोत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया तत्पष्चात् परिवाद की कार्यवाही विपक्षी के विरूद्ध दिनांक 29-3-2023 को एक पक्षीय की गयी ।
4- परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के कथनों के समर्थन में अभिलेखीय साक्ष्य में आधार कार्ड की प्रतिलिपि कागज संख्या-3,चालान दिनांकित 29-6-2020 की प्रतिलिपि कागज संख्या-4,रजिस्ट्रेªशन प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि कागज संख्या-5,कूपन की प्रतिलिपि कागज संख्या-6 व 7,चालान की छायाप्रति कागज संख्या-8,पार्ट इनवाइस की प्रतिलिपि कागज संख्या-9 व 10,बीमा पाॅलिसी की प्रतिलिपि कागज संख्या-11,नोटिस की प्रतिलिपि कागज संख्या-12/1 ता 12/2 मय पंजीकृत डाक रसीद की प्रतिलिपियॅा दाखिल किये गये हैं।
5- परिवादी द्वारा षपथीय साक्ष्य के रूप में षपथ पत्र कागज संख्या-18/1 ता 18/2 एवं लिखित बहस कागज संख्या-19/1 ता 19/2 दाखिल की गयी है।
6- परिवादी के अधिवक्ता की बहस सुनी गयी एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
7- परिवादी का कथन है कि उसने दिनांक 29-6-2020 को एक स्कूटी 75,000/- में विपक्षी से खरीदी थी विपक्षी ने यह आष्वासन दिया था कि सभी वैधानिक औपचारिकतायें रजिस्टेªषन,इंष्योरेंस स्कूटी के समस्त पार्टस बैटरी इंजन आदि की एक साल की गारण्टी व वारण्टी है परन्तु क्रय करने के तीन माह बाद स्कूटी में खराबी आ गयी तब विपक्षी को स्कूटी दिखायी गयी विपक्षी ने मोटर रिपेरिंग सेण्टर प्लेट आदि का खर्चा रूपया 2,000/- बताया जिसे परिवादी ने भुगतान किया परन्तु 08 दिन बाद ही स्कूटी पुनः खराब हो गयी तब परिवादी ने पुनः विपक्षी को बताया तो विपक्षी ने कहा कि कन्नौज में वी0एन0 स्कूटर्स पर लेकर जाओ परिवादी वहां गया तो स्कूटी ठीक करने के लिये 4100/- का बिल बनाया गया जिसे परिवादी ने जमा किया और परिवादी को बताया गया कि यह पैसा परिवादी को वापस मिल जायेगा परन्तु इसके दो दिन बाद ही स्कूटी पुनः खराब हो गयी जो आज भी वी0एन0 इलेक्ट्रानिक स्कूटर्स तिर्वा रोड पर खडी है।
8- परिवादी ने अपने कथनों को साबित करने के लिये स्वंय का षपथ पत्र कागज संख्या-18/1 ता 18/2 दाखिल किया, तथा कागज संख्या-4 श्री गौरी षंकर मोटर्स की रसीद दाखिल की गयी जिसमें 75,000/-स्कूटी खरीदने का उल्लेख है। कागज संख्या-05 पंजीयन प्रमाण पत्र की छायाप्रति है। कागज
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संख्या-6 व 7 सर्विसिंग की स्लिप है । कागज संख्या-8 बिल रसीद है जिसमें 2,000/- परिवादी से 4.12.2020 को स्कूटी रिपेयर हेतु लिये गये है। कागज संख्या-9 छायाप्रति रसीद है जो वी0एन0 इलेक्ट्रानिक स्कूटर्स द्वारा जारी की गयी है जिसमें परिवादी से रू0 4100/- लिये गये हैं तथा 06 महीने की गारण्टी भी उल्लिखित है । कागज संख्या-08 जो कि विपक्षी द्वारा दी गयी रसीद है इसमें 2,000/- परिवादी द्वारा दिये जाना का उल्लेख है इस रसीद में यह 2,000/- एक्सीडेण्टल काॅलम के आगे लिखा गया है परन्तु गाडी के एक्सीडेण्ट होने का कोई उल्लेख नहीं है न ही परिवादी द्वारा गाडी का एक्सीडेण्ट होना बताया गया है कागज संख्या-9 वी0एन0 इलेक्ट्रानिक स्कूटर्स द्वारा दी गयी रसीद है जिसमें परिवादी से 41,00/- वसूल किये गये हैं तथा 6 महीने की गारण्टी भी लिखी है इन दस्तावेजों से यह साबित हो रहा है कि परिवादी की स्कूटी क्रय करने के 6 माह के अन्दर ही खराब हो गयी । 75,000/- का कोई सामान क्रय किया जाये और 06 माह भी न चले इससे यही निश्कर्श निकलता है कि स्कूटी में कोई न कोई खराबी अवष्य है स्कूटी की एक साल की गारण्टी बतायी गयी है एवं इस गारण्टी अवधि के अन्दर फ्री सर्विस न देना और उसके लिये परिवादी से पैसा वसूल करना विपक्षी द्वारा दी गयी सेवा में कमी के अन्र्तगत आता है ऐसी स्थिति में परिवादी को विपक्षी से 61,00/-(2000$4100) रूपया दिलाया जाना न्यायोचित होगा तथा वाद व्यय के रूप में 2,000/- व षारीरिक व मानसिक पीडा हेतु 2,500/-दिलाया जाना न्यायसंगत होगा । तद्नुसार परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेष
परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किया जाता है । विपक्षी को आदेषित किया जाता है कि वह निर्णय के तीस दिन के अन्दर परिवादी को रू0 6,100/- (छः हजार एक सौ रूपये) का भुगतान करें एवं इस धनराषि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान होने की तिथि तक 07 प्रतिषत साधारण वार्शिक ब्याज की दर से व्याज भी भुगतान करें तथा परिवाद व्यय हेतु 2,000/- एवं षारीरिक एवं मानसिक कश्ट हेतु 2,500/- का भुगतान भी उपरोक्त समयावधिन्र्तगत करें ।
(लोकेष कुमार पुण्डीर) (वन्दना मिश्रा) (जगन्नाथ मिश्र)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष,
जिला उप0वि0प्रति0आ0, जिला उप0वि0प्रति0आ0, जिला उप0वि0प्रति0आ0,
कन्नौज कन्नौज । कन्नौज।
09.10.2024 09.10.2024 09.1.2024
यह निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद्घोशित किया गया ।
(लोकेश कुमार पुण्डीर) (वन्दना मिश्रा) (जगन्नाथ मिश्र)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष,
जिला उप0वि0प्रति0आ0, जिला उप0वि0प्रति0आ0, जिला उप0वि0प्रति0आ0,
कन्नौज। कन्नौज । कन्नौज।
09.10.2024 09.102024 09.10.2024