तारीख
हुक्म
परिवाद संख्या 258/15
हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
ललितकुमार बनाम 1. शाखा प्रबंधक सेण्ट्रल बैंक आफ इण्डिया गुढागोडजी तहसील
उदयपुरवाटी जिला झुंझुनू।
2. चोला मण्डलम मैसर्स जनरल इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड द्वितीय फलोर
लक्ष्मी विला इ.52 चितरंजन मार्ग, जयपुर - 302001
नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए
12.04.2016
16.0
परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
परिवादी की ओर से वकील श्री मदन सिंह गिल उपस्थित। विपक्षी संख्या 1 की ओर से वकील श्री श्रवण सिंह एवं विपक्षी संख्या 2 की ओर से वकील श्री भगवान सिंह शेखावत उपस्थित। उभयपक्ष की बहस सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।
विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी के पिता एक काष्तकार पेषा व्यक्ति हैं तथा उन्होने विपक्षी संख्या 1 के यहां दिनांक 15.03.2013 को एक हजार रूपये जमा करवाकर अपना खाता संख्या 3243408909 खुलवाया। राज्य सरकार ने किसानेां को तीन लाख रूपये तक के ऋण स्वीकृत किये थे, जो बैंक के मार्फत वितरित किये। विपक्षी संख्या 1 ने दिनांक 25.03.2013 को परिवादी के पिता के खाते में तीन लाख रूपये ट्रांसफर कर लिये। परिवादी एवं परिवादी के पिता ने विपक्षी संख्या 2 बीमा कम्पनी से जोइंट हैल्थ इन्ष्योरेंस बीमा के लिये विपक्षी संख्या 1 के जरिये आवेदन किया तथा विपक्षी संख्या 1 ने दिनांक 2011.2013 को परिवादी के पिता के खाते से विपक्षी संख्या 2 को 3320/-रूपये बीमा राषि ट्रांसफर की तथा सभी औपचारिकता पूर्ण होने के बाद विपक्षी संख्या 2 ने दिनांक 21.11.2013 को परिवादी के पिता को स्वास्थ्य इंष्योरंस पालिसी संख्या 2856/00127673/000/00 जारी की, जिसमें परिवादी को नोमिनी नियुक्त किया। विपक्षी संख्या 1 ने दिनांक 25.11.2014 को उक्त पािलसी के नवीनीकरण राषि 3320/-रूपये ट्रांसफर किये तथा उक्त पालिसी दिनांक 28.11.2014 से 27.11.2015 तक पुनः रिन्युवल करदी गई। इस प्रकार परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है।
विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि परिवादी के पिता दिनांक 07.11.2014 को बीमार हो गये तथा इलाज के दौरान दिनांक 03.01.2015 को देहांत हो गया। परिवादी के पिता के इलाज पर 3,49,750/-रूपये अस्पताल में खर्च हुये तथा 4,77,193 रूपये दवाईयों पर खर्च हुये। परिवादी ने अपने पिता की बिमारी के संबंध में दिनांक 07.01.2015 एवं
14.07.2015 को विपक्षी संख्या 2 को सूचना दी तथा परिवादी ने अपने पिता के इलाज के कागजात, मृत्यु प्रमाण पत्र व बैंक स्टेटमेंट तथा असल पालिसी एवं नवीनिकृत पालिसी आदि दस्तावेजात पेष कर विपक्षी संख्या 2 से बीमा राषि की मांग की परन्तु विपक्षीगण ने परिवादी को आज तक बीमा क्लेम राषि का भुगतान नहीं किया है। विपक्षीगण का उक्त कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है।
अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बीमा पालिसी के अनुसार परिवादी को विपक्षीगण से बीमा क्लेम राषि 2,00,000/-रूपये मय ब्याज व हर्जा खर्चा दिलाने का निवेदन कियृा है।
विद्धान अधिवक्ता विपक्षी संख्या 1 की ओर से अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान परिवाद पत्र की धारा 1 लगायत 6 एवं 9 लगायत 12, तथा 15 व 16 स्वीकार करते हुये धारा 7,8 व 13 को जानकारी के अभाव में अस्वीकार करते हुये विपक्षी संख्या 1 को गलत पक्षकार बनाये जाने का कथन किया है तथा विपक्षी संख्या1 से कोई सिद्धि नहीं चाही गई है।
विद्धान अधिवक्ता विपक्षी संख्या 2 ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि बीमा पालिसी शर्तो के अधीन जारी की जाती है तथा शर्तो का उल्लंघन या बीमा प्रस्ताव के समय किसी भी तरह के तथ्यों को छुपाने पर बीमा कम्पनी की कोई जिम्मेदारी आयद नहीं होती है। परिवादी द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेज पर बीमा कम्पनी द्वारा जांच करवाई गई है, जिसके अनुसार बीमा पालिसी करवाते समय बीमारी से संबंधित तथ्य छुपाये गये तथा बीमाधारी के 25 वर्ष पुरानी बीमारी होने के बावजूद उक्त तथ्य बीमा प्रस्ताव के समय छुपाये, इस कारण बीमाधारी का क्लेम सही खारिज किया जाकर सूचना परिवादी को दिनांक 17.04.2015 को दी जा चुकी है। विपक्षी संख्या 2 बीमा कम्पनी का कोई शाखा कार्यालय झुंझुनू जिले में नहीं है। इस परिवाद पत्र को सुनवाई का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं है।
अन्त में विद्वान् अधिवक्ता विपक्षी बीमा कम्पनी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया।
उभयपक्ष के तर्को पर विचार किया गया। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।
परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध हैल्थ इंष्योरेंस बीमा क्लेम क्षतिपूर्ति राषि प्राप्त करने के लिये यह परिवाद प्रस्तुत किया है। विपक्षी संख्या 2 चोला मण्डलम,
जनरल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड का कोई ब्रांच कार्यालय झुंझुनू जिले में स्थित नहीं है। परिवादी द्वारा पक्षकार के रूप में बनाये गये विपक्षी संख्या 2 द्वारा जारी पालिसी कवरनोट भी जयपुर ब्रांच द्वारा जारी किया गया है।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में क्रम संख्या 2 पर विपक्षी का कार्यालय, जयपुर में स्थित होना अंकित किया जाकर ही परिवाद पत्र पेष किया गया है तथा जयपुर कार्यालय की ओर से ही विद्वान् अधिवक्ता उपस्थित आये हैं। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 1 बैंक केा पक्षकार बनाया गया है, जिससे चाहे गये अनुतोष का संबंध नहीं है। इस प्रकार जिला झुंझुनू में उक्त कम्पनी का कोई ब्रांच कार्यालय नहीं होने से इस परिवाद पत्र की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला उपभोक्ता मंच, झुंझुनू को नहीं है।
न्यायदृष्टांत 2010 डी.एन.जे. (एस.सी.) पेज 186 - सोनी सर्जिकल बनाम नेषनल इंष्योरेंस कम्पनी लि0 के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यह सिद्धांत प्रतिपादित किया है कि विपक्षी बीमा कम्पनी का कार्यालय/ब्रांच आफिस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं होने से परिवाद चलने योग्य नहीं है।
उक्त न्यायदृष्टांत में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो सिद्धांत प्रतिपादित किये हैं, उनसे हम पूर्णतया सहमत हैं।
अतः उक्त न्यायदृष्टांत की रोषनी में परिवादी का परिवाद पत्र इस मंच के क्षेत्राधिकार में नहीं होने से चलने योग्य नहीं है, जो निरस्त किया जाता है। परिवादी क्षेत्राधिकारिता वाले मंच में अपना परिवाद पेष करने हेतु स्वतंत्र है। परिवादपत्र की प्रति के साथ आदेषिकायें रखी जाकर मूल परिवाद मय दस्तावेजात के परिवादी को लौटा दिया जावे।
आदेश आज दिनांक 12.04.2016 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया।
पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।