समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-158/2015 उपस्थित-डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य,
श्रीमती जानकी देवी पत्नी श्री रमेश चंद्र त्रिपाठी निवासिनी-मुहल्ला-गांधीनगर,आल्हा चौक के पीछे वाली गली में महोबा परगना व तहसील व जिला-महोबा ......परिवादी
बनाम
1.अधिशाषी अभियंता,विधुत विभाग,दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम लि0महोबा जनपद महोबा। 2.उपखण्ड अधिकारी,विधुत,दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम लि0 शक्ति भवन महोबा 2437221 यू0पी0ई0डी0डी0,महोबा जिला-महोबा ।
3.अवर अभियंता,विधुत,दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम लि0महोबा द्वारा उपखण्ड अधिकारी, विधुत दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम लि0 शक्ति भवन,महोबा ....विपक्षीगण
निर्णय
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी,सदस्य,द्वारा उदधोषित
परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादिनी मुहाल-गांधीनगर का निवासी है और विधुत कनैक्शनधारक है । परिवादिनी का विधुत कनैक्शन नं0580/41 व मीटर सं0 एम0ई09603 है तथा परिवादिनी नियमित विधुत बिलों का भुगतान करती आ रही है । परिवादिनी का विधुत कनैक्शन बिल न जमा होने के कारण काट दिया गया और कहा गया कि बिल जमा होने पर जोड दिया जायेगा । बिल निकलवाकर देखा गया तो पाया गया कि बिल आई0डी0एफ0 का था और मीटर रीडिंग से अधिक मु027,665/-रू0 का था,जबकि मीटर चल रहा था,जिसे परिवादिनी ने दि0 31.07.2015 को जमा कर दिया । मीटर रीडिंग में 2545 बता रहा है और बिल में जुलाई,2015 में 4588 रीडिंग दर्शाई गई जो गलत है । इस संबंध में परिवादिनी द्वारा शिकायत की गई,जिस पर एस0डी0ओ0 द्वारा अवर अभियंता से जांच करवाई गई परन्तु रिपोर्ट आने के बाद भी उसका बिल संशोधित नहीं किया गया और उसे बार-बार गलत बिल दिया जा रहा है । परिवादिनी ने इसे विपक्षीगण की सेवा में त्रुटि बताते हुये प्रार्थना की कि विपक्षीगण द्वारा उससे अधिक ली गई धनराशि ब्याज सहित वापस कराई जाये तथा गलत बिल को संशोधित कराया जाये तथा मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय विपक्षीगण से दिलाया जाये ।
विपक्षीगण को जरिये रजिस्ट्री नोटिस भेजी गयी,जो लौटकर कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई । विपक्षीगण की और से विधुत विभाग के अधिवक्ता उपस्थित आये और उनके द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया और जबाबदावा हेतु समय की मांग की गई । परन्तु उनके द्वारा जबाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया और दि028.04.2016 को विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से चलने हेतु आदेश पारित किया गया ।
परिवादिनी ने अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त श्रीमती जानकी देवी परिवादिनी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया है ।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व परिवादिनी के अधिवक्ता के एकपक्षीय तर्क सुने गये ।
परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत अभिलेखीय साक्ष्य एवं शपथ पत्र से यह स्पष्ट है कि परिवादिनी मुहाल- गांधीनगर, आल्हा चौक के पीछे वाली गली की निवासिनी है और उसके मकान में विधुत कनैक्शन सं0580/41 स्थापित है,जिसमें मीटर सं0एम0ई09603 लगा हुआ है तथा परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत विधुत बिल कागज सं08ग जिसमें प्रीवियस रीडिंग 4588 अंकित है तथा करेंट रीडिंग भी 4588 अंकित है एवं मीटर रीडिंग रिमार्क में ए0डी0एफ0 अंकित है,जिससे यह स्पष्ट है यह बिल बिना किसी रीडिंग लिये जारी किया गया है,जो 27,665/-रू0 का है,जिसे परिवादिनी द्वारा जमा किया गया,जिसकी रसीद कागज सं07ग है तथा यह विधुत बिल 31.07.2015 तक का है । कागज सं09ग/1 परिवादिनी का प्रार्थना पत्र है,जो एस0डी0ओ0 को संबोधित है तथा इसमें नीचे की और श्री एम0पी0सिहं,अवर अभियंता को मीटर रीडिंग चेक करने हेतु निर्देशित किया गया है । साथ ही उसके बगल में अंकित है कि उपभोक्ता के मीटर में वर्तमान में रीडिंग 2575 है तथा इसके नीचे राजकुमार,संविदाकर्मी एवं एक किसी अन्य कर्मचारी/अधिकारी के हस्ताक्षर हैं । साथ ही मीटर सीलिंग प्रमाण पत्र कागज सं010ग जो मीटर मकान के बाहर लगाने के समय तैयार की गई,जिसमें मीटर रीडिंग 2329 दर्शाई गई है । यह रिपोर्ट दि030.07.2015 की है ।
इस प्रकार यह स्पष्ट है कि बिल कागज सं08ग जो 27,665/-रू0 का है और इसके बकाया के आधार पर परिवादिनी का विधुत कनैक्शन काट दिया गया । वह गलत है तथा बिना रीडिंग लिये भेजा गया था । क्योकि सीलिंग प्रमाण पत्र कागज सं0 10ग में दि030.07.2015 को मीटर रीडिंग 2329 है और 31.07.2015 को विधुत बिल कागज सं08ग में मीटर रीडिंग प्रीवियस 4588 दर्शाई गई है । साथ परिवादिनी के प्रार्थना पत्र पर विपक्षी द्वारा जांच कराने पर यह पाया गया कि परिवादिनी के मीटर की रीडिंग दि0 27.10.2015 को 2575 बताई गई है । अंत: यह पूर्णत: स्पष्ट है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को बिना रीडिंग लिये फर्जी तरीके से बिल भेजे जा रहे थे और उन्हीं बिलों के आधार पर उससे धनराशि जमा करने के लिये बाध्य किया गया,जिससे परिवादिनी को मानसिक व आर्थिक क्षति पहुंची तथा यह विपक्षीगण की सेवा में त्रुटि है ।
अंत: फोरम की राय में परिवादिनी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है तथा विपक्षीगण को आदेशित किया जाये कि वे परिवादिनी द्वारा जमा धनराशि मु027,665/-रू0 एवं 4000/-रू0 का समायोजन परिवादिनी के आगामी बिलों में करे तथा परिवादिनी को नियमानुसार मीटर रीडिंग के अनुसार प्रतिमाह बिल प्रदान करे । साथ परिवादिनी मानसिक तथा आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में मु05,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 विपक्षीगण से प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी,जिसे विपक्षीगण परिवादिनी के भविष्य के बिलों की धनराशि में समायोजित करेंगें ।
आदेश
परिवादिनी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे इस निर्णय दिनांक से एक माह के अंदर परिवादिनी द्वारा जमा धनराशि मु027,665/-रू0 एवं 4000/-रू0 का समायोजन परिवादिनी के आगामी बिलों में करे तथा परिवादिनी को नियमानुसार मीटर रीडिंग के अनुसार प्रतिमाह बिल प्रदान करे । साथ परिवादिनी मानसिक तथा आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में मु05,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 विपक्षीगण से प्राप्त करने की अधिकारिणी होगी,जिसे विपक्षीगण परिवादिनी के भविष्य के बिलों की धनराशि में समायोजित करेंगें । यदि उपरोक्त समायोजन के उपरांत परिवादिनी पर विपक्षी विधुत विभाग की कोई धनराशि बकाया रहती है तो उसे परिवादिनी निर्धारित समयांतर्गत जमा करेगी ।
श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
16.05.2016 16.05.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
16.05.2016 16.05.2016