Uttar Pradesh

Mahoba

70/2014

RANI - Complainant(s)

Versus

POWER CORPORATION - Opp.Party(s)

AJAY SINGH

24 Dec 2014

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 70/2014
 
1. RANI
MAHOBA
...........Complainant(s)
Versus
1. POWER CORPORATION
MAHOBA
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. NEELA MISHRA MEMBER
 
For the Complainant:AJAY SINGH, Advocate
For the Opp. Party: ANURAG SHIVHARE, Advocate
ORDER

समक्ष न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा

परिवाद सं0-70/2014                        उपस्थित-     डा0 सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी, सदस्‍य,

                                                       श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्‍य,

रानी पत्‍नी स्‍व0छुटटन कहार निवासिनी-ग्राम-कहरा थाना-खन्‍ना जिला-महोबा      ......परिवादी                                 

बनाम

दक्षिणांचल विधुत वितरण निगम लि0 द्वारा अधिशाषी अभियंता विधुत वितरण खण्‍ड,महोबा

                                                                     ... विपक्षी

निर्णय

श्रीमती नीला मिश्रा,सदस्‍य,द्वारा उदधोषित

      परिवादिनी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्‍तुत किया गया है कि परिवादिनी ग्राम-कहरा तहसील व जिला-महोबा की क‍म पढी लिखी,गरीब,मजदूर व विधवा महिला है । परिवादिनी के छोटे-छोटे बच्‍चे हैं । परिवादिनी स्‍वयं मजदूरी कर के अपने बच्‍चों का भरण पोषण करती है । परिवादिनी ने अपने बच्‍चों की दूघ की जरूरत को पूरा करने के लिये एक 04 ली0दूध एक टाइम में देने वाली भैंस ले रखी थी,जिसकी कीमत 80,000/-रू0 थी । दिनांक:23.03.2014 को प्रात: 10 बजे परिवादिनी अपनी करीब 06 वर्षीय जबान भैंस खेतों की और चराने ले जा रही थी और जैसे ही परिवादिनी भैंस को लेकर गांव के ही जवाहर सिंह के दरवाजे के पास पहुंची तभी अचानक विधुत तार टूट कर भैंस के ऊपर गिर गया जिससे मौके पर ही भैंस की मृत्‍यु हो गई । भैंस मृत्‍यु के समय 03 माह की गर्भवती थी । विपक्षी को दूरभाष से सूचना दी गई जिससे तारों की सप्‍लाई रोक दी गई । भैंस का पोस्‍टमार्टम कराया गया । ग्राम-कहरा के विधुत तार काफी पुराने व जीर्ण शीर्ण हालत में थे । परिवादिनी की क्षतिपूर्ति का दायित्‍व विपक्षी का है । विधुत लाइन का समुचित रख रखाव नहीं किया गया जिससे जनधन व पशु हानि हुई । अंत: यह परिवाद भैंस की कीमत 80,000/-रू0,उसके गर्भ में मृत तीन माह के बच्‍चे की क्षतिपूर्ति 10,000/-रू0 एवं इस धनराशि पर 18 प्रतिशत की दर से ब्‍याज तथा मानसिक क्षतिपूर्ति व परिवाद व्‍यय हेतु प्रस्‍तुत किया गया ।

      विपक्षी की और से जबाबदावा प्रस्‍तुत किया गया और कथन किया गया कि परिवादी ने भैंस की कीमत की कोई रसीद प्रस्‍तुत नहीं की । परिवादिनी भैंस के दूध के विक्रय का कार्य करती है,जो वाणिज्यिक कार्य है । दुर्घटना के समय परिवादिनी की भैंस कल्‍टीवेटर से बंधी थी। भैंस की मृत्‍यु विपक्षी की लापरवाही व अनुरक्षण की कमी के कारण तार टूटने से नहीं हुई । बल्कि इंसुलेटर व तार के बीच पक्षी आ जाने से इंसुलेटर बर्स्‍ट हो गया और तार टूट गया । दुर्घटना विपक्षी की कमी के कारण नहीं हुआ । विपक्षी ने कोई सेवा में त्रुटि नहीं की गई । परिवादिनी विपक्षी की उपभोक्‍ता नहीं है और न ही कनैक्‍शनधारक है । परिवाद पोषणीय नहीं है। परिवादिनी वाणिज्यिक प्रयोग हेतु भैंस रखे थी । परिवाद पोषणीय नहीं है । प्राकृतिक दुर्घटना अथवा अन्‍यथा दुर्घटना कारित होने पर विपक्षी का उत्‍तरदायित्‍व नहीं है । विपक्षी विधुत विभाग के जांच करने पर पाया गया कि घटना अनुरक्षण व रख रखाव की कमी के कारण नहीं हुई । भैंस की मृत्‍यु सार्वजनिक स्‍थल में पक्षी के तार व इंसुलेटर के मध्‍य आने से हुई । परिवादिनी कोई क्षतिपूर्ति पाने की अधिकारी नहीं है ।  

      परिवादिनी ने अभिलेखीय साक्ष्‍य के अतिरिक्‍त परिवादिनी रानी व जवाहर सिंह के शपथ पत्र प्रस्‍तुत किये गये हैं ।

विपक्षी की और से अभिलेखीय साक्ष्‍य के अतिरिक्‍त नेकीराम अधिशाषी अभियंता एवं रामकरन यादव अवर अभियंता के शपथ पत्र प्रस्‍तुत किये गये हैं ।

      पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्‍ता के तर्क सुने गये ।

यह स्‍वीकृत तथ्‍य है कि दि0 23.03.2014 को परिवादिनी की भैंस की मृत्‍यु विधुत तार गिरने से हुई ।

विपक्षी की और से तर्क दिया गया कि परिवादिनी विपक्षी की उपभोक्‍ता नहीं है और परिवादिनी के सापेक्ष विपक्षी सेवा प्रदाता नहीं है । स्‍वीकृत रूप से यह ऐसा प्रकरण नहीं है कि जहां परिवादिनी विधुत कनैक्‍शन धारक हो और उसके परिसर में विधुत लाइन का तार गिरने से कोई दुर्घटना हुई हो । बल्कि दुर्घटना सार्वजनिक स्‍थल/रास्‍ते में हुई है । विपक्षी का यह भी केस है कि पक्षी के इंसुलेटर और तार के बीच आ जाने के कारण अर्थ के संपर्क में आने से इंसुलेटर बर्स्‍ट हो गया और तार टूट गया । यह दुर्घटना प्राकृतिक कारण से हुई और विपक्षी की अनुरक्षण की कमी अथवा सेवा में त्रुटि के कारण नहीं हुर्इ । इस प्रकार का प्रकरण कि जहां पर सार्वजनिक स्‍थल पर इस प्रकार की कोई दुर्घटना होती है तो उसमें क्षतिपूर्ति फैटल एक्‍ट के अंतर्गत जिलाधिकारी द्वारा प्रदान की जाती है । क्‍योंकि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत मात्र वह परिवाद पोषणीय होते हैं,जो उपभोक्‍ता सेवा प्रदाता के मध्‍य में हों और सेवा प्रदाता की किसी सेवा में कमी अथवा व्‍यापारिक कदाचरण के कारण उपभोक्‍ता को कोई क्षति हुई हो ।

परिवादिनी की और से पार्ट-2 2013 सी0पी0जे0 पेज 186 एन0सी0 गंगा पाटिल प्रभाकर पाटिल बनाम एक्‍ज्‍यूकेटिव इंजीनियर में प्रतिपादित सिद्धांत की और हमारा ध्‍यान आकर्षित किया गया है । इस विधि व्‍यवस्‍था के अवलोकन से यह विदित होता है कि मा0राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,नई दिल्‍ली द्वारा इस विषय पर विचार नहीं किया गया है कि विवाद उपभोक्‍ता व सेवा प्रदाता के मध्‍य है या नहीं । यदपि आपत्ति जबाबदावा में विपक्षी द्वारा उठाई गई थी लेकिन जिला उपभोक्‍ता फोरम तथा राज्‍य आयोग ने भी इस प्रश्‍न पर कोई विचार नहीं किया । बल्कि मात्र क्षतिपूर्ति की मात्रा पर सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है इसलिये इस व्‍यवस्‍था का परिवादिनी को कोई लाभ नहीं मिल सकता । वैसे भी विपक्षी ने फोरम स्‍तर पर ही क्षतिपूर्ति की धनराशि देने का आश्‍वासन दिया था । इस आधार पर उपभोक्‍ता व सेवा प्रदाता के प्रश्‍न पर विचार ही नहीं किया गया ।

वर्तमान केस में परिवादिनी उपभोक्‍ता नहीं । दुर्घटना सार्वजनिक स्‍थल पर हुई है इसलिये परिवादिनी फैटल एक्‍ट के अंतर्गत दीवानी न्‍यायालय अथवा विधुत नियामक बोर्ड इत्‍यादि में कार्यवाही कर सकती है । वर्तमान परिवाद उपभोक्‍ता विवाद न होने के कारण पोषणीय नहीं है। अंत: निरस्‍त किये जाने योग्‍य है ।    

                                    आदेश     

      परिवादिनी का परिवाद निरस्‍त किया जाता है । पक्षकार अपना अपना परिवाद व्‍यय स्‍वयं वहन करें ।

 

(श्रीमती नीला मिश्रा)                                           (डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी)      

    सदस्‍या,                                                        सदस्‍य,                     

 जिला फोरम,महोबा।                                            जिला फोरम,महोबा।             

  16.05.2016                                                    16.05.2016                  

यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।

 

(श्रीमती नीला मिश्रा)                                           (डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी)      

    सदस्‍या,                                                        सदस्‍य,                     

 जिला फोरम,महोबा।                                            जिला फोरम,महोबा।             

  16.05.2016                                                    16.05.2016  

           

 
 
[HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MRS. NEELA MISHRA]
MEMBER

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