समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-57/2012 उपस्थित- श्री जनार्दन कुमार गोयल, अध्यक्ष,
डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य
रामस्वरू पुत्र श्री लोचन निवासी-ग्राम-अनघौरा परगना व तहसील- चरखारी व जनपद- महोबा
....परिवादी
बनाम
1.अधिशाषी अभियंता,विधुत वितरण खण्ड,महोबा जनपद-महोबा ।
2.जे0ई0नवनीत कुमार यादव,विधुत वितरण उपखण्ड,खरेला जिला-महोबा ।
3.श्री राधे रावत,कथित ठेकेदार विधुत विभाग क्षेत्र अनघौरा तहसील चरखारी जिला-महोबा
.....विपक्षीगण
निर्णय
श्री जनार्दन कुमार गोयल,अध्यक्ष द्वारा उदधोषित
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस आधार पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी ग्राम अनघौरा तहसील चरखारी जिला-महोबा का निवासी है और कनैक्शन सं0018277 का धारक व उपभोक्ता है । विपक्षी विभाग परिवादी के विधुत कनैक्शन में मीटर नहीं लगाया और काफी समय से बिल देना बंद कर दिया । परिवादी ने विधुत उपभोग अवधि 21.07.2011 से 21.09.2011 का 1431/-रू0 का बिल दिसम्बर,2011 को प्राप्त कराया गया जिसे परिवादी जमा नहीं कर पाया और फसल आने पर मार्च में संपूर्ण धनराशि सहित अदा करने की सोची लेकिन दि0 22.03.2012 को विपक्षी सं02 परिवादी के पास आया और बिल जमा करने को कहा तथा अनुचित धनराशि की मांग की और न देने पर नाराज होकर चले गये। परिवादी ने दि029.03.2012 को कैम्प में मार्च तक संशोधित बिल 2130/-रू0 जमा किया,जिससे विपक्षी सं02 व 3 नाराज हो गये और दि031.03.2012 को परिवादी की अनुपस्थिति में विधुत कनैक्शन काट दिया और कैबिल ले गये । परिवादी के नाती ने बिल व रसीद दिखाई कि दि029.03.2012 को समस्त बिल जमा हो चुका है लेकिन विपक्षीगण 2 व 3 ने कोई सुनवाई नहीं की । दि0 02.04.2012 को परिवादी विपक्षी सं01 के कार्यालय गया और जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई और उसको विधुत सप्लार्इ नहीं दिया गया,जिससे परिवादी बीमार पड गया । यह विपक्षी की घोर सेवा में त्रुटि है । अंत: यह परिवाद दि029.03.2012 के पश्चात के बिल की वसूली न करने एवं कनैक्शन जोडने तथा सेवा में त्रुटि व मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 50,000/-रू0 व 10,000/-रू0 परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया ।
विपक्षी सं01 व 2 ने जबावदावा प्रस्तुत किया और कथन किया कि परिवादी अनियमित रूप से विधुत बिल जमा करने का आदी है । परिवादी ने दि029.03.2012 को जनवरी,2012 तक के बिल का भुगतान किया है उसके बाद कोई धनराशि का भुगतान नहीं किया है । अवर अभियंता ने परिवादी से मिलकर बकाया धनराशि जमा करने का अनुरोध किया था लेकिन परिवादी के विधुत संयोजन को विच्छेदित नहीं किया । परिवादी ने स्वयं अपने कनैक्शन की विधुत कैबिल को हटा लिया और झूठे आधार पर अवर अभियंता की शिकायत में यह परिवाद प्रस्तुत किया है । विपक्षी द्वारा अवर अभियंता से संयोजन स्थल का निरीक्षण कराया गया था लेकिन घर पर ताला लगा था और उसने स्वयं विधुत कैबिल हटा लिया है । परिवादी किसी कत्ल के मामले में अभियुक्त है तथा कारावास में निरूद्ध है । परिवारी जन अन्यत्र कहीं चले गये और परिवादी ने स्वयं कनैक्शन हटा लिया । परिवादी के उपस्थित होने पर विधुत कैबिल देने पर कनैक्शन यथावत किया जायेगा । विपक्षी ने कनैक्शन विच्छेदित नहीं किया । विपक्षी की सेवा में कोई त्रुटि नहीं है । विपक्षी सं02 व 3 को अनावश्यक पक्षकार बनाया गया है ।
परिवादी ने विपक्षी सं02 का नाम संशोधित आदेश दि0.02.07.2013 द्वारा किया । विपक्षी सं03 के विरूद्ध आदेश दि0 07.08.2013 के द्वारा एकपक्षीय कार्यवाही की गई । त्या राया गया था लेकिन घर पर
परिवादी की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त रामस्वरूप,भागीरथ,सतीश कुमार के शपथ पत्र प्रस्तुत किये गये ।
विपक्षी सं01 की और से रमेश चंद्र,अधिशाषी अभियंता का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया।
पत्रावली का अवलोकन किया गया व पक्षकारों के अधिवक्ता गण के तर्क सुने गये ।
स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी विधुत संयोजन सं0 0318/018277 का धारक व उपभोक्ता है । परिवादी ने दि029.03.2012 को 2130/-रू0 जमा किया है । उसके पश्चात से कोई बिल की धनराशि जमा नहीं की ।
विवाद इस प्रश्न पर है कि परिवादी का कनैक्शन दि031.03.2012 को काटा गया अथवा नहीं । विपक्षी की और से इस तथ्य का स्पष्ट रूप से खण्डन किया गया है कि परिवादी का कोई कनैक्शन काटा नहीं गया बल्कि परिवादी ने स्वयं अपनी कैबिल हटा लिया । क्योंकि परिवादी हत्या का अभियुक्त है और उसके परिवारीजन कहीं अन्यत्र निवास कर रहे थे और विधुत बिल से बचने का प्रयास परिवादी द्वारा किया गया है ।
जबकि परिवादी ने दि029.03.2012 को कैम्प में 2130/-रू0 जमा किया था इसलिये दि031.03.2012 को उसका कनैक्शन काटे जाने का कोई कारण नहीं था । दि0 31.03.2012 को विधुत विभाग द्वारा कनैक्शन काटे जाने का पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं है । यदपि विपक्षी विधुत विभाग ने यह स्वीकार किया है कि परिवादी ने स्वयं ही अपनी कैबिल को उतारा है । यदि कैबिल उपलब्ध कराये जाने पर कनैक्शन पुन: जोडा जा सकता है । विपक्षी विधुत विभाग द्वारा कनैक्शन नहीं काटे जाने के कारण कोई परिवादी कोई लाभ पाने का अधिकारी नहीं है। परिवादी ने कनैक्शन काटे जाने की कोई शिकायत भी विधुत विभाग में नहीं की । दि0 02.04.2012 को जो जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिये जाने की बात कही गई है उसकी कोई प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं कराई गई है । तथा कथित 02.04.2012 के प्रार्थना पत्र की प्रतिलिपि पर किसी के हस्ताक्षर नहीं है । इसलिये इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है और विपक्षी विधुत विभाग की कोई सेवा में त्रुटि सिद्ध नहीं होती है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है । पक्षकार अपना-अपना परिवाद व्यय स्वयं वहन करेंगें ।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
10.02.2016 10.02.2016 10.02.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(डा0सिद्धेश्वर अवस्थी) (श्रीमती नीला मिश्रा) (जनार्दन कुमार गोयल)
सदस्य, सदस्या, अध्यक्ष,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
10.02.2016 10.02.2016 10.02.2016