समक्ष न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा
परिवाद सं0-40/2014 उपस्थित- डा0 सिद्धेश्वर अवस्थी, सदस्य,
श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्य,
चुन्नालाल पुत्र श्री हरसहाय नामदेव निवासी-मुहाल-किशोरगंज कस्बा-कुलपहाड परगना व तहसील-कुलपहाड जिला-महोबा ......परिवादी
बनाम
1.अधिशाषी अभियंता,दक्षिणांचल विधुत वितरण खण्ड,महोबा जिला-महोबा ।
2.अवर अभियंता,क्षेत्र कुलपहाड,विधुत वितरण खण्ड,महोबा जिला-महोबा ....... विपक्षीगण
निर्णय
श्रीमती नीला मिश्रा,सदस्या,द्वारा उदधोषित
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी मुहाल-किशोरगंज कस्बा-कुलपहाड जिला-महोबा का निवासी हैं और विधुत कनैक्शनधारक एवं विपक्षी का उपभोक्ता है । परिवादी ने विपक्षी से एक विधुत कनैक्शन सं0 एम0बी01/033283 एक किलोवाट का लिया था । परिवादी अपने इस कनैक्शन का विधिवत उपयोग करने लगा और नियमित रूप से उसके बिलों का भुगतान करने लगा । माह-जून,2011 में परिवादी के नाम एक अलग विधुत कनैक्शन सं0 033777 का बिल सं04002465 मु06821/-रू0 का भेजा गया । यह दोनों बिल आई0डी0एफ0 व एक ही मीटर संख्या के हैं । परिवादी ने इसकी शिकायत विपक्षी से की तो उनके द्वारा कहा गया कि आप विधुत कनैक्शन सं0 033283 के विधुत बिल को जमा कर दे,दूसरा कनैक्शन सं0 033777 का बिल स्वत: निरस्त कर दिया जायेगा । इस पर परिवादी ने कनैक्शन संख्या 033283 के बिलों का भुगतान करना प्रारम्भ कर दिया और अन्य दूसरे कनैक्शन के बिल निरस्त करने की प्रार्थना करता रहा। परन्तु विपक्षी द्वारा दूसरे कनैक्शन सं0 033777 का बिल निरस्त नहीं किया गया । परिवादी ने इसकी शिकायत तहसील दिवस आदि में भी की । परन्तु विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई । इससे परिवादी को मानसिक व आर्थिक क्षति हो रही है । परिवादी ने इसे विपक्षी की सेवा में त्रुटि व व्यापारिक कदाचरण बताते हुये प्रार्थना की कि परिवादी को विधुत कनैक्शन सं0 033283 के बिल जो उसके द्वारा पूर्व में जमा किये गये हैं,को मीटर रीडिंग के आधार पर संशोधित किया जाये तथा उसके द्वारा पूर्व जमा अधिक धनराशि का समायोजन किया जाये तथा मीटर रीडिंग के आधार पर उसे बिल प्रदान किये जाये और दूसरा कनैक्शन सं0 033777 के बिल निरस्त किये जायें एवं परिवादी को विपक्षी से मानसिक व आर्थिक क्षति तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये ।
विपक्षीगण को दि026.03.2014 को नोटिस भेजे गये जो वापस कार्यालय में अप्राप्त है। विपक्षी सं01 के पैरोकार द्वारा कई बार उपस्थित होकर जबाबदावा प्रस्तुत किये जाने हेतु स्थगन प्रार्थना पत्र दिये गये । अंत में जब काफी समय तक विपक्षीगण द्वारा जबाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया तो दिनांक: 12.05.2016 को विपक्षीगण के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय चलने हेतु आदेश पारित किया गया ।
परिवादीगण की और से अभिलेखीय साक्ष्य के अतिरिक्त परिवादी चुन्ना लाल का शपथ पत्र परिवाद पत्र के साथ प्रस्तुत किया गया हैं ।
विपक्षी की और से कोई अभिलेखीय साक्ष्य अथवा शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया हैं ।
पत्रावली का अवलोकन किया बहस की तिथि को परिवादी के अधिवक्ता के एकपक्षीय तर्क सुने गये ।
परिवादी की और से प्रस्तुत अभिलेखीय साक्ष्य एवं शपथ पत्र से यह स्पष्ट है कि परिवादी मुहाल-किशोरगंज कस्बा-कुलपहाड जिला-महोबा का निवासी हैं और विधुत कनैक्शनधारक एवं विपक्षी का उपभोक्ता है । परिवादी ने विपक्षी से एक विधुत कनैक्शन सं0 एम0बी01/033283 एक किलोवाट का लिया था । परिवादी अपने इस कनैक्शन का विधिवत उपयोग करने लगा और नियमित रूप से उसके बिलों का भुगतान करने लगा । माह-जून,2011 में परिवादी के नाम एक अलग विधुत कनैक्शन सं0 033777 का बिल सं04002465 मु06821/-रू0 का भेजा गया । यह दोनों बिल आई0डी0एफ0 व एक ही मीटर संख्या के हैं । परिवादी ने इसकी शिकायत विपक्षी से की तो उनके द्वारा कहा गया कि आप विधुत कनैक्शन सं0 033283 के विधुत बिल को जमा कर दे,दूसरा कनैक्शन सं0 033777 का बिल स्वत: निरस्त कर दिया जायेगा । इस पर परिवादी ने कनैक्शन संख्या 033283 के बिलों का भुगतान करना प्रारम्भ कर दिया और अन्य दूसरे कनैक्शन के बिल निरस्त करने की प्रार्थना करता रहा। परन्तु विपक्षी द्वारा दूसरे कनैक्शन सं0 033777 का बिल निरस्त नहीं किया गया । परिवादी ने इसकी शिकायत तहसील दिवस आदि में भी की । परन्तु विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई ।
अभिलेख कागज सं07ग/1 व 7ग/2 जो परिवादी के नाम कनैक्शन सं0 033777 का बिल है तथा कागज सं07ग/3 व 7ग/4 कनैक्शन सं0 033283 के बिल है । इससे स्पष्ट है कि परिवादी को दो विधुत कनैक्शन संख्याओं के विधुत बिल भेजे जा रहे हैं । परिवादी कनैक्शन सं0 033283 के विधुत बिलों को नियमित रूप से जमा कर रहा है और इसी विधुत कनैक्शन का उपयोग कर रहा है । विपक्षी विधुत विभाग द्वारा दूसरे कनैक्शन सं0 033777 के बिलों को जानकारी के उपरांत भी निरस्त न किया जाना तथा मीटर सही चलने के उपरांत भी बिना मीटर रीडिंग अर्थात आई0डी0एफ0 के बिल भेजा जाना सेवा में त्रुटि तथा व्यापारिक कदाचरण है ।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से इस प्रकार स्वीकार किया जाता है कि विपक्षीगण इस निर्णय से एक माह के अंदर परिवादी को उसके विधुत कनैक्शन सं033283 की मीटर रीडिंग के आधार पर बिल भेजे तथा परिवादी द्वारा अभी तक इसके संबंध में जमा की गई धनराशि का समायोजन उसके भविष्य के बिलों में करें एवं दूसरे कनैक्शन सं0 033777 का बिल निरस्त करें । परिवादी विपक्षीगण से मानसिक व आर्थिक क्षति के रूप में 5000/-रू0 तथा परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रू0 प्राप्त करने का अधिकारी होगा । विपक्षीगण इस धनराशि का समायोजन परिवादी के भविष्य के बिलों में करेगें । साथ ही यदि परिवादी पर कोई नियमानुसार देय बनता हो तो उसे परिवादी समयांतर्गत जमा करेगा । अन्यथा परिवादी उपरोक्त समस्त धनराशि पर 9 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज प्राप्त करने का भी अधिकारी होगा ।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
20.05.2016 20.05.2016
यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।
(श्रीमती नीला मिश्रा) (डा0सिद्धेश्वर अवस्थी)
सदस्या, सदस्य,
जिला फोरम,महोबा। जिला फोरम,महोबा।
20.05.2016 20.05.2016