Uttar Pradesh

Mahoba

CC/24/2016

RAJJAB KHAN - Complainant(s)

Versus

POWER CORPARATION - Opp.Party(s)

G.L. PANDEY

10 Jun 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/24/2016
 
1. RAJJAB KHAN
MAHOBA
MAHOBA
UTTAR PRADESH
...........Complainant(s)
Versus
1. POWER CORPARATION
MAHOBA
MAHOBA
UTTAR PRADESH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. NEELA MISHRA MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

समक्ष न्‍यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम महोबा

परिवाद सं0-24/2016                             उपस्थित-डा0 सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी, सदस्‍य,

                                                                      श्रीमती नीला मिश्रा, सदस्‍य,

रज्‍जब खां पुत्र स्‍व0 रहमत खां निवासी-मुहल्‍ला- बजरिया कस्‍बा,परगना,तहसील व जिला-महोबा

                                                                    ......परिवादी                                 

बनाम

दक्षिणांचल विधुत वितरण खण्‍ड  द्वारा अधिशाषी अभियंता,विधुत वितरण खण्‍ड,महोबा जनपद- महोबा                                                           ....विपक्षी 

निर्णय

श्रीमती नीला मिश्रा,सदस्‍या,द्वारा उदधोषित

      परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध इन आधारों पर प्रस्‍तुत किया गया है कि परिवादी  मुहल्‍ला–बजरिया कस्‍बा व जिला-महोबा का निवासी है और विधुत कनैक्‍शन धारक है । परिवादी का विधुत कनैक्‍शन नं0 2498 व बुक सं0243722116111 तथा एकांउट आई0डी0 676757054000 एवं  01 किलोवाट का था । परिवादी विपक्षी द्वारा भेजे गये बिलों को नियमानुसार जमा करता रहा

ने अपने विधुत कनैक्‍शन में विपक्षी से मीटर के साथ एम0सी0वी0 लगाने का आग्रह किया था,जिसे उनके द्वारा आज तक नहीं लगाया गया । विपक्षी द्वारा जनवरी,2015 तक परिवादी को एक किलोवाट भार के अनुसार बिल प्रेषित किया जाता रहा । विपक्षी द्वारा परिवादी को माह मार्च,2015 से बिना किसी जांच व सूचना के 02 किलोवाट भार के बिल भेजे जाने लगे,जो अविधिक हैं । साथ ही विपक्षी द्वारा परिवादी से पूर्व के बिलों में अधिक धनराशि जमा करा ली गई थी,जिसे उनके द्वारा आगामी बिलों में समायोजित किया जाता रहा । विपक्षी द्वारा परिवादी को दि030.03.2015 से 24.07.2015 तक का विधुत बिल मु018,132/-रू0 का दो किलोवाट स्‍वीकृत भार के आधार पर भेजा गया,जो गलत है । परिवादी ने बिना सूचना के बढाये गये लोड के संबंध में विपक्षी को प्रार्थना पत्र दिया गया,जो उनके द्वारा अपने कार्यालय में रिसीव नहीं किया गया तो परिवादी ने उसे रजिस्‍टर्ड डाक से भेजा लेकिन विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई । परिवादी के कनैक्‍श्‍न में मीटर स्‍थापित किया गया परन्‍तु उसे सीलिंग सर्टिफिकेट नहीं दिया गया जिसकी वह लगातार मांग करता रहा । इसके बाद विपक्षी द्वारा परिवादी का मीटर घर के बाहर स्‍थापित किया गया परन्‍तु इस संबंध में जो सीलिंग सर्टिफिकेट परिवादी के नाबालिग पुत्र जो उस समय उपस्थित था,को प्रदान किया गया,जिसमें किसी के हस्‍ताक्षर या मोहर अंकित नहीं है,जिससे वह संदेहास्‍पद प्रतीत होता है । इस प्रकार परिवादी के प्रति विपक्षी द्वारा सेवा में त्रुटि एवं व्‍यापारिक कदाचरण किया गया । परिवादी ने प्रार्थना की कि विपक्षी द्वारा परिवादी का बिना सूचना व जांच के बढाया गया लोड पुरानी स्थिति 01 किलोवाट किया जाये तथा बिल अवधि दि030.03.2015 से 24.07.2015 तक का विधुत बिल मु018,132/-रू0 निरस्‍त किया जाये एवं उसके परिसर में टैस्‍टेड मीटर व एम0सी0वी0 लगाई जाये तथा कनैक्‍शन के समय लगाये गये मीटर का प्रमाणित सीलिंग सर्टिफिकेट प्रदान करे तथा मानसिक कष्‍ट की क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्‍यय विपक्षी से दिलाया जाये ।   

      विपक्षी को जरिये रजिस्‍ट्री नोटिस भेजी गयी,जो लौटकर कार्यालय को प्राप्‍त नहीं हुई तथा परिवादी द्वारा अंतर्गत धारा 13 3 बी उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम,1986 प्रार्थना पत्र प्रस्‍तुत किया गया,जिसके संबंध में विपक्षी को नोटिस जरिये प्रोसेस सर्वर भेजी गई,जो उनको प्राप्‍त हुई और उनके द्वारा इस संबंध में अपनी आपत्ति दाखिल की गई तथा इस संबंध में होने वाली सुनवाई में भाग लिया। परन्‍तु विपक्षी की और से अपना जबाबदावा प्रस्‍तुत नहीं किया गया और दि011.05.2016 को विपक्षी की अनुपस्थित होनेपर उनके विरूद्ध परिवाद कीकार्यवाही एकपक्षीयरूप से चलने हेतु आदेशपारित किया गया।

      परिवादी ने अभिलेखीय साक्ष्‍य के अतिरिक्‍त परिवादी श्री प्रकाश चंद्र सक्‍सेना परिवादी का शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया है ।

      पत्रावली का अवलोकन किया गया व परिवादी के अधिवक्‍ता के एकपक्षीय तर्क सुने गये ।

परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत अभिलेखीय साक्ष्‍य एवं शपथ पत्र से यह स्‍पष्‍ट है कि परिवादी साहू टी0वी0एस0एजेंसी के पास बाईपास रोड महोबा का निवासी है और विधुत कनैक्‍शन धारक है । परिवादी का विधुत कनैक्‍शन नं079069 एवं 01 किलोवाट का था । परिवादी ने अपने विधुत कनैक्‍शन में विपक्षी से मीटर के साथ एम0सी0वी0 लगाने का आग्रह किया था,जिसे उनके द्वारा आज तक नहीं लगाया गया । विपक्षी द्वारा जनवरी,2015 तक परिवादी को एक किलोवाट भार के अनुसार बिल प्रेषित किया जाता रहा । विपक्षी द्वारा परिवादी को माह मार्च,2015 से बिना किसी जांच व सूचना के 02 किलोवाट भार के बिल भेजे जाने लगे,जो अविधिक हैं । साथ ही विपक्षी द्वारा परिवादी से पूर्व के बिलों में अधिक धनराशि जमा करा ली गई थी,जिसे उनके द्वारा आगामी बिलों में समायोजित किया जाता रहा । विपक्षी द्वारा परिवादी को दि030.03.2015 से 24.07.2015 तक का विधुत बिल मु018,132/-रू0 का दो किलोवाट स्‍वीकृत भार के आधार पर भेजा गया,जो गलत है । विपक्षी द्वारा परिवादी के विधुत कनैक्‍शन के संबंध में भार के निरीक्षण हेतु प्रपत्र प्रस्‍तुत किया गया,जिसमें तीन बार विधुत भार चेक करना उल्लिखित है,जो पत्रावली में कागज सं024ग/2 है । इस निरीक्षण आख्‍या में किसी भी जांच अधिकारी,जिसके हस्‍ताक्षर हैं उसका पदनाम अंकित नहीं है,जिससे यह स्‍पष्‍ट हो कि किस अधिकारी द्वारा जांच की गई । साथ परिवादी के भी हस्‍ताक्षर नहीं कराये गये,जिससे यह ज्ञात हो सके कि परिवादी अथवा उसके किसी परिवारीजन की उपस्थिति में यह निरीक्षण किया गया अथवा किसी स्‍वतंत्र साक्षी के भी हस्‍ताक्षर नहीं कराये गये,जिससे इस निरीक्षण आख्‍या की सत्‍यता पर कोई संदेह न किया जा सके,जैसा कि परिवादी के अधिवक्‍ता द्वारा दौरान बहस किया गया । साथ ही जिस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया उसका शपथ पत्र भी प्रस्‍तुत नहीं किया गया और न ही उसे फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया । ऐसी परिस्थिति में यह विधुत भार संबंधी निरीक्षण आख्‍या विश्‍वसनीय प्रतीत नहीं होती है।

अंत: उपरोक्‍त परिस्थितियों में परिवादी का परिवाद  आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है क्‍योंकि विपक्षी द्वारा बिना किसी पारदर्शी एवं नियमित निरीक्षण के परिवादी का विधुत भार बढाया गया और इसके पूर्व न तो कोई परिवादी की उपस्थिति में जांच कराई और न ही नोटिस/सूचना दी गई । इससे परिवादी को मानसिक कष्‍ट हुआ और उसे दो किलोवाट विधुत भार के आधार पर निर्धारित टैरिफ की दर से उपभोग की गई विधुत का विधुत बिल भेजा गया और उसे जमा कराने का दबाब बनाया गया,जो विपक्षी विधुत विभाग की सेवा में त्रुटि है । 

                                    आदेश     

      परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है और विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वे इस निर्णय दिनांक से एक माह के अंदर परिवादी को माह-मार्च,2015 के उपरांत से जहां से दो किलोवाट विधुत भार का बिल भेजे गये उस अवधि के बिल एक किलोवाट विधुत भार के भेजे जायें और एक किलोवाट विधुत भार के अनुरूप टैरिफ के आधार पर ही उपभोग की गई विधुत का विधुत मूल्‍य एवं फिक्‍स चार्ज के आधार पर बिल परिवादी को भेजे जायें,जिसमें परिवादी द्वारा पूर्व में जमा धनराशि मु015,000/-रू0 एवं अन्‍य यदि कोई जमा की हो उसका समायोजन परिवादी के बिलों में करे तथा परिवादी को नियमानुसार मीटर रीडिंग के अनुसार प्रतिमाह बिल प्रदान करे । साथ परिवादी मानसिक तथा आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में मु02,000/-रू0 एवं परिवाद व्‍यय के रूप में 2,500/-रू0 विपक्षी से प्राप्‍त करने का अधिकारी होगा,जिसे विपक्षी परिवादि के भविष्‍य के बिलों की धनराशि में समायोजित करेंगें । यदि उपरोक्‍त समायोजन के उपरांत परिवादी पर विपक्षी विधुत विभाग की कोई धनराशि बकाया रहती है तो उसे परिवादी निर्धारित समयांतर्गत जमा करेगा ।

(श्रीमती नीला मिश्रा)                                           (डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी)      

    सदस्‍या,                                                        सदस्‍य,                     

 जिला फोरम,महोबा।                                            जिला फोरम,महोबा।             

  17.05.2016                                                    17.05.2016                  

यह निर्णय हमारे द्वारा आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित,दिनांकित एवं उद़घोषित किया गया।

(श्रीमती नीला मिश्रा)                                           (डा0सिद्धेश्‍वर अवस्‍थी)      

    सदस्‍या,                                                        सदस्‍य,                     

 जिला फोरम,महोबा।                                            जिला फोरम,महोबा।     

  17.05.2016                                                    17.05.2016                 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SIDDHESHWAR AWASTHI]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MRS. NEELA MISHRA]
MEMBER

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