(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण सं0- 104/2017
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, पीलीभीत द्वारा इजरावाद सं0- 26/2012 में पारित आदेश दि0 03.06.2017 के विरूद्ध)
Guru nanak Public higher secondary school Kernapur shahgarh District Pilibhit, through Principle Dr. Rajendra Prasad dwivedi
………Revisionist
Versus
- Post office Kernapur, puranpur, District Pilibhit, through Post master.
- Head Post office, in front of L.H. Sugar factory Pilibhit through Post master.
- Post master General, Bareilly Region, Bareily.
…..…Opposite Parties
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
माननीय श्री महेश चन्द, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री एस0 के0 श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : डा0 उदयवीर सिंह,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 02.07.2018
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 33/2011 गुरू नानक पब्लिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बनाम डाकघर करनापुर व दो अन्य में जिला फोरम, पीलीभीत द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 09.11.2012 जो अपील सं0- 169/2013 पोस्ट मास्टर जनरल, बरेली रीजन, बरेली व दो अन्य बनाम गुरू नानक पब्लिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राज्य आयोग द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 06.01.2017 द्वारा संशोधित किया गया है के निष्पादन हेतु इजरावाद सं0- 26/2012 गुरू नानक बनाम डाकघर जिला फोरम, पीलीभीत में पंजीकृत किया गया है और उक्त इजरावाद में पारित आदेश दि0 03.06.2017 के विरुद्ध यह पुनरीक्षण याचिका परिवादी/निष्पादक गुरूनानक पब्लिक हायर सेकण्डरी स्कूल की ओर से प्रस्तुत की गई है।
आक्षेपित आदेश के द्वारा जिला फोरम ने निष्पादन वाद उभयपक्ष की अनुपस्थिति में पूर्ण संतुष्टि में निस्तारित किया है, जिससे क्षुब्ध होकर यह पुनरीक्षण याचिका परिवादी/डिक्रीदार ने प्रस्तुत किया है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि अपील सं0- 169/2013 पोस्ट मास्टर जनरल, बरेली रीजन बनाम गुरू नानक पब्लिक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करनापुर में पारित निर्णय और आदेश दि0 06.01.2017 के अनुसार गणना किये जाने पर अपीलार्थी की धनराशि का भुगतान अभी शेष है। अत: जिला फोरम ने आक्षेपित आदेश के द्वारा इजरावाद जो पूर्ण संतुष्टि में निस्तारित किया है वह राज्य आयोग के निर्णय के विरुद्ध है।
निर्णीत ऋणी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विपक्षी/निर्णीत ऋणी ने डिक्रीदार/पुनरीक्षणकर्ता के द्वारा जमा धनराशि 70,000/-रू0 पर ब्याज की गणना पोस्ट आफिस के नियमावली के अनुसार कर 92,304/-रू0 इजरावाद में जमा किया है और आयोग के आदेश का पालन कर दिया है। अत: जिला फोरम ने इजरावाद पूर्ण संतुष्टि में निरस्त कर कोई अवैधानिकता नहीं की है।
हमने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।
उपरोक्त अपील में आयोग द्वारा स्पष्ट रूप से आदेशित किया गया है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा दि0 23.10.2009 को टाइम डिपाजिट स्कीम के अंतर्गत एक वर्ष अवधि के लिए जमा की गई धनराशि 70,000/-रू0 पर इस योजना के अंतर्गत देय ब्याज एवं एक वर्ष की परिपक्वता अवधि बीत जाने के उपरांत प्रत्येक वर्ष की परिपक्वता तिथि पर तत्समय देय ब्याज दर के अनुसार गणना करते हुए धनराशि अपीलार्थीगण, प्रत्यर्थी/परिवादी को अदा करें। अत: ब्याज की गणना आयोग के इस आदेश के अनुसार प्रत्येक वर्ष की परिपक्वता तिथि पर उस वर्ष के देय ब्याज के आधार पर की जायेगी। अत: जिला फोरम, राज्य आयोग के इस आदेश के अनुपालन के सम्बन्ध में स्पष्ट आदेश पारित करे कि आयोग के आदेश के अनुसार भुगतान की तिथि तक प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा जमा धनराशि 70,000 पर कुल कितना ब्याज की धनराशि बनती है तथा कुल देय धनराशि कितनी है और तदनुसार अन्तिम आदेश पारित करे।
उपरोक्त विवेचना के आधार पर पुनरीक्षण याचिका इस प्रकार से निस्तारित की जाती है कि जिला फोरम उपरोक्त अपील में राज्य आयोग द्वारा पारित आदेश दि0 06.01.2017 के अनुसार देय ब्याज की धनराशि की गणना करे और उभयपक्ष को सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार आदेश पारित करे।
जिला फोरम द्वारा द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दि0 03.06.2017 अपास्त करते हुए पत्रावली उपरोक्त प्रकार से आदेश पारित करने हेतु जिला फोरम को प्रत्यावर्तित की जाती है।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (महेश चन्द)
अध्यक्ष सदस्य
शेर सिंह आशु0,
कोर्ट नं0-1