RAJESH SHARMA filed a consumer case on 22 Jul 2021 against POST MASTER in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/111/2010 and the judgment uploaded on 04 Aug 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 111 सन् 2010
प्रस्तुति दिनांक 23.04.2010
निर्णय दिनांक 22.07.2021
राजेश शर्मा पुत्र श्री रामाज्ञा शर्मा साoमुo- पाण्डेय बाजार, पोस्ट व तहसील- सदर, जनपद- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह प्रधान डॉकघर आजमगढ़ की शाका सीटी पोस्ट ऑफिस ब्रम्हस्थान आजमगढ़ का खाता संख्या 549904 का खाताधारक व ग्राहक है। परिवादी अपने खाता संख्या 549904 में अपने नाम जारी किए गए मुo 4465/- का चेक जो एच.डी.एफ.सी. रोड शाखा गोरखपुर द्वारा जारी किया गया था, भुगतान प्राप्त करने के लिए अपने खाते में जमा किया, लेकिन उसका आजतक भुगतान नहीं हुआ। अतः परिवादी को उसका भुगतान कराया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/1 रसीद रजिस्ट्री की छायाप्रति, कागज संख्या 5/2 नोटिस की छायाप्रति, कागज संख्या 5/3 सूचना का अधिकार अधिनियम- 2005 के तहत मांगी गयी सूचना के पत्र की छायाप्रति जिसमें यह कहा गया है कि “आपके द्वारा वर्णित उक्त चेक आजमगढ़ प्रधान डॉकघर से प्रवर डॉकपाल वाराणसी-I को क्लियरेन्स के लिए पंजीकृत संख्या 7665 दिनांक 25.05.2009 द्वारा भेजा गया जो अभी तक प्रधान डॉकघर आजमगढ़ को प्राप्त नहीं हुआ। इसलिए उसका भुगतान नहीं किया जा सकता है।
कागज संख्या 8/1 विपक्षीगण द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि विपक्षीगण द्वारा परिवादी का चेक क्लियरेन्स के लिए तत्काल उसी दिन प्रवर डॉकपाल वाराणसी-I को पंजीकृत डॉक से भेजा गया, परन्तु उक्त चेक अभी तक वहाँ से वापस नहीं आया। परिवादी ने एच.डी.एफ. सी. बैंक शाखा गोरखपुर व प्रवर डॉक पाल वाराणसी को पक्षकार नहीं बनाया है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।
विपक्षीगण द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
उभयपक्षों की अनुपस्थिति में पत्रावली का परिशीलन किया गया। पत्रावली में परिवादी द्वारा चेक कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसके साथ ही विपक्षी ने अपने जवाबदावा में यह कहा है कि उनके द्वारा चेक के क्लियरेन्स के लिए उसी दिन डॉकपाल वाराणसी-I को पंजीकृत डॉक से भेजा गया, परन्तु उक्त चेक वहाँ से वापस नहीं आया। ऐसी स्थिति में भुगतान नहीं किया जा सकता। चूंकि विपक्षी ने चेक के क्लियरेन्स हेतु प्रवर डॉकपाल वाराणसी-I को पंजीकृत डॉक से भेज दिया था, लेकिन धनराशि वापस नहीं आयी है। अतः उसका भुगतान नहीं किया जा सकता है। इस बात की सूचना विपक्षी ने परिवादी को भी दिया था। चूंकि क्लियरेन्स के लिए जो प्रवर डॉकपाल वाराणसी-I को चेक भेजा था उसकी धनराशि वापस नहीं आयी है। अतः उसके भुगतान की जिम्मेदारी विपक्षी के हक में नहीं है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 22.07.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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