Uttar Pradesh

Faizabad

CC/119/08

R.K.VERMA - Complainant(s)

Versus

POST MASTER - Opp.Party(s)

16 Jun 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/119/08
 
1. R.K.VERMA
RES KATONA PAR & PASCHIMRATH TEH BIKAPUR DIS FZD
...........Complainant(s)
Versus
1. POST MASTER
RES- CHORE BAJAR PAR. PASCHIMRAATH TEH BIKAPUR DIS FZD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।

 

उपस्थित -     (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
        (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य

परिवाद सं0-119/2008

               
1.    राम कलप वर्मा पुत्र अंगनू निवासी कटौना परगना पष्चिमराठ तहसील बीकापुर जिला फैजाबाद।
2.    राजेष कुमार वर्मा पुत्र सियाराम वर्मा निवासी चैरे बाजार परगना पष्चिमराठ तहसील बीकापुर जिला फैजाबाद।                                   .............. प्रार्थी 
बनाम
1.    सब पोस्ट मास्टर डाकघर चैरे बाजार परगना पष्चिमराठ तहसील बीकापुर जिला फैजाबाद पोस्ट चैरे बाजार। 
2.    सीनियर पोस्ट मास्टर फैजाबाद मण्डल फैजाबाद।           .............. विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 16.06.2015            
उद्घोषित द्वारा: श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य।
                        निर्णय
    परिवादीगण के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादीगण ने एक एन0एस0सी0
 दिनांक 31.07.1987 को 61 एन एस ........ 378908 रुपये 1,000/- का स्थानीय डाकघर
                                   32
 चैरे बाजार से खरीदा। प्रष्नगत एन0एस0सी0 परिवादीगण ने जिलापूर्ति अधिकारी फैजाबाद के कार्यालय में सीमेंट बिक्री के लाइसेन्स प्राप्त करने के लिये दाखिल किया था जिसे जिलापूर्ति कार्यालय के कर्मचारियों ने गायब कर दिया। परिवादीगण का एन0एस0सी0 पूर्व मंे बन्धन मुक्त हो चुका था। प्रष्नगत एन0एस0सी0 के गायब होने की सूचना मिलने पर परिवादीगण ने विपक्षी संख्या 1 के कार्यालय जा कर पता किया कि प्रष्नगत एन0एस0सी0 के भुगतान के सम्बन्ध में क्या कार्यवाही करनी होगी तो पोस्ट मास्टर चैरे बाजार की राय के अनुसार समस्त कागजात तैयार करवा कर पोस्ट मास्टर चैरे बाजार के कार्यालय में जमा कर दिये और पोस्ट मास्टर ने उक्त कागजात रजिस्टर्ड डाक द्वारा सीनियर पोस्ट मास्टर फैजाबाद को दिनांक 23.03.1997 को भेज दिये। परिवादीगण द्वारा समस्त कागजात जमा करने के बाद भी विपक्षीगण ने परिवादीगण को भुगतान नहीं किया। इस सम्बन्ध मंे परिवादीगण ने दिनांक 23.03.1997 को ही सीनियर पोस्ट मास्टर को लिखा था कि उनके द्वारा भुगतान में रुचि नहीं ली गयी हैैै। भुगतान न मिलने पर परिवादीगण को अपना परिवाद दाखिल करना पड़ा। परिवादीगण को विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति रुपये 26,000/- दिलायी जाय। 
    विपक्षीगण ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत किया है तथा परिवादीगण को राश्ट्रीय बचत पत्र जारी किया जाना स्वीकार किया है और प्रष्नगत राश्ट्रीय बचत पत्र को अभी भी जिलापूर्ति कार्यालय के पक्ष में बन्धक बताया है। बन्धक राश्ट्रीय बचत पत्र का डुप्लीकेट बनाने का आदेष जिलापूर्ति अधिकारी को है परिवादीगण को नहीं। उत्तरदातागण द्वारा परिवादीगण को दिनांक 19.07.1997 को ही सूचित कर दिया गया था। परिवादीगण किसी प्रकार का उपषम पाने के अधिकारी नहीं हैं। डाकघर बचत बैंक के वाल्यूम द्वितीय, नियम 39 एवं डाकघर अल्प बचत स्कीम भाग 3 के नियम 42(3) के अनुसार परिवादीगण डुप्लीकेट बचत पत्र बनवाने के अधिकारी नहीं हैं। परिवादीगण का परिवाद सव्यय निरस्त किये जाने योग्य है। 
    परिवादीगण की ओर से बहस के समय बहस के लिये कोई उपस्थित नहीं हुआ, परिवादीगण को बहस के लिये समय दिया गया। निर्णय के पूर्व तक परिवादी की ओर से किसी ने बहस नहीं की। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना एवं पत्रावली का भली भंाति परिषीलन किया तथा गुण दोश के आधार पर परिवाद का निर्णय किया। परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन मंे अपना षपथ पत्र, पोस्ट मास्टर चैरे बाजार को लिखे गये पत्र दिनांक 05.04.2008 की छाया प्रति, सीमेंट की फुटकर बिक्री हेतु लाइसेन्स की छाया प्रति तथा परिवादीगण द्वारा जिलापूर्ति अधिकारी को दिये गये पत्र दिनांक 04.04.1996 की छाया प्रति दाखिल की है जो षामिल पत्रावली है। विपक्षीगण ने अपने पक्ष के समर्थन में अपना लिखित कथन दाखिल किया है जो षामिल पत्रावली है। परिवादीगण एवं विपक्षीगण द्वारा दाखिल प्रपत्रों से प्रमाणित है कि परिवादीगण का एन0एस0सी0 जिलापूर्ति अधिकारी के यहां बन्धक था। परिवादीगणों ने जिलापूर्ति अधिकारी को पक्षकार नहीं बनाया है जो कि यह बता सकते थे कि उन्होंने परिवादीगण के एन0एस0सी0 को बन्धक मुक्त क्यों नहीं किया। विपक्षीगण तब तक एन0एस0सी0 का भुगतान नहीं कर सकते जब तक कि एन0एस0सी0 परिवादीगण के पक्ष में बन्धक मुक्त न हो जाये। विपक्षीगण ने अपनी सेवा में कमी नहीं की है। परिवादीगण अपना परिवाद प्रमाणित करने में असफल रहे हैं। इसलिये परिवादीगण का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।   
आदेश
    परिवादीगण का परिवाद खारिज किया जाता है। 
          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)              
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष      
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 16.06.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)           
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

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