Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/115/2013

MO.RAMZAN - Complainant(s)

Versus

POST MASTER - Opp.Party(s)

PARAS NATH TIWARI

20 Jan 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 115 सन् 2013

प्रस्तुति दिनांक 19.08.2013

                                                                                              निर्णय दिनांक 20.01.2022

    मुहम्मद रमजान S/o स्वo कुर्मलाही, ग्राम- सपहापाठक, पोस्ट- बाजार     गोसाई, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)   

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. सीनियर पोस्ट मास्टर एच.पी.ओ. आजमगढ़ (उoप्रo)
  2. भारत संघ जरिए जिलाधिकारी- आजमगढ़ (उoप्रo)
  3. प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ (उoप्रo)    
  4. विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसके द्वारा दिनांक 03.04.2013 को विपक्षी संख्या 01 के यहाँ से जरिए रजिस्टर्ड पत्र संख्या आर.यू.367024497आई.एन. विपक्षी संख्या 03 के जनसूचनाधिकारी के पते पर प्रेषित किया गया जो कि दिनांक 09.04.2013 को परिवादी को डाक से वापस प्राप्त हुआ, जिस पर वापसी का कोई भी स्पष्ट कारण अंकित नहीं है। इसके सन्दर्भ में स्पष्टीकरण हेतु दिनांक 26.04.2013 को विपक्षी संख्या 01 को वास्ते सूचना देने पत्र प्रेषित किया गया जिसको उनके द्वार चीफ पोस्ट मास्टर लखनऊ जी.पी.ओ. को प्रेषित कर इसकी सूचना परिवादी को दिनांक 18.05.2013 को चीफ मास्टर जी.पी.ओ. लखनऊ द्वारा सूचित किया गया कि सन्दर्भित रजिस्ट्री संख्या आर.यू.367024497आई.एन. प्राप्तकर्ता के लेने से इन्कार करने के कारण प्रेषक को ‘रिफ्यूज’ रिमार्क के साथ वापर किया गया है। प्रेषित लिफाफे पर प्रेषक को वापस भेजने का कारण स्पष्ट नहीं लिखा है ऐसी दशा में विपक्षी संख्या 01 द्वरा प्रेषित पत्र जी.पी.ओ. लखनऊ पर दिनांक 09.05.2013 के सन्दर्भ में दी गयी सूचना गलत है। विपक्षी द्वारा यह सेवा में कमी करने जैसा कृत्य किया गया है। विपक्षी संख्या भारत संघ द्वारा शासित है इसलिए भारत संघ को पक्षकार बनाया गया है। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को पहुंचायी गयी मानसिक व आर्थिक क्षति तथा वाद खर्च के रूप में परिवादी को मुo 1,00,000/- रुपए अदा करे।   

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 कार्यालय प्रवर अधीक्षक डाकघर आजमगढ़ मण्डल आजमगढ़ द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत सूचना भेजने के सम्बन्ध में भेजे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/2 जनसूचनाधिकारी कार्यालय प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को भेजे गए लिफाफे की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/3 भारतीय डॉक विभाग कार्यालय चीफ पोस्ट मास्टर लखनऊ जी.पी.ओ. द्वारा भेजे गए जनसूचनाधिकार अधिनियम के अन्तर्गत सूचना की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।

कागज संख्या 10क² विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी ने एक पंजीकृत पत्र संख्या आर.यू. 367024497आई.एन. दिनांक 03.04.2013 को ‘जनसूचनाधिकारी कार्यालय प्रमुख सचिव उoप्रo शासन लखनऊ’ के पदनाम सन्दर्भित एक पत्र प्रधान डॉकघर, आजमगढ़ से भेजा था। प्रश्नगत पंजीकृत पत्र को प्रधान डाकघर आजमगढ़ द्वारा आर.एम.एस. के जरिए उसी दिन दिनांक 03.04.2013 को ही लिस्ट के क्रमांक 6 पर दर्ज करके गन्तव्य को भेज दिया गया। परिवादी द्वारा मांगी गई वांछित सूचना से उसे अवगत कराने के लिए चीफ पोस्ट मास्टर जनरल लखनऊ जी.पी.ओ. को सूचना विपक्षी संख्या 01 द्वारा इस आशय से दी गयी कि वे पंजीकृत पत्र क स्थिति से याची को अवगत करा देवें। चूंकि पत्र लखनऊ के लिए प्रेषित किया गया था इसलिए उनके द्वारा सूचना दिया जाना ज्यादा समीचीन रहा। प्रश्नगत पंजीकृत पत्र को प्राप्तकर्ता द्वारा लेने से इनकार कर दिया गया, इसलिए विभागीय नियमानुसार ‘रिफ्यूज्ड’ रिमार्क के साथ पंजीकृत पत्र प्रेषक को वापस कर दिया गया। विपक्षी ने अपने उत्तरदायित्वों का पालन जिम्मेदारीपूर्वक नियमानुसार व तत्परतापूर्वक किया है। इस प्रकरण में विभाग ने कोई त्रुटि नहीं किया है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।

विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना-अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी द्वारा प्रस्तुत प्रलेखीय साक्ष्य कागज संख्या 6/1ता6/3 का अवलोकन किया, जिसमें कागज संख्या 6/3 पर परिवादी द्वारा मांगी गई सूचना, जनसूचनाधिकार अधिनियम के आधार पर भारतीय डॉक विभाग कार्यालय चीफ पोस्ट मास्टर लखनऊ जी.पी.ओ. द्वारा दी गयी सूचना के उत्तर में विपक्षी द्वारा यह कहा गया है कि उक्त पत्र प्राप्तकर्ता के लेने से इन्कार करने पर प्रेषक को ‘रिफ्यूज’ रिमार्क के साथ वापस प्रेषित कर दिया गया है। इस बात का प्रमाण कागज संख्या 6/2 की छायाप्रति द्वारा भी प्रमाणित होती है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है। 

                                                                                                       आदेश

                                                            परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

     

 

 

 

                                                                        गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह   

                                                      (सदस्य)                           (अध्यक्ष)

 

          दिनांक 20.01.2022

                                               यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                             गगन कुमार गुप्ता               कृष्ण कुमार सिंह

                                                              (सदस्य)                            (अध्यक्ष)

 

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