Chhattisgarh

Raigarh

CC/168/2014

Prakash Rav Fulekar - Complainant(s)

Versus

Post Master Main Daka Ghar & Anr - Opp.Party(s)

Vinay Thakur

26 Feb 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMAR DISPUTES REDRESSAL FORUM
RAIGARH C.G.
 
Complaint Case No. CC/168/2014
 
1. Prakash Rav Fulekar
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Post Master Main Daka Ghar & Anr
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SANMAN SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MS. DR. HEMLATA SINGH MEMBER
 HON'BLE MR. SUBHAS PANDAY MEMBER
 
For the Complainant:Vinay Thakur, Advocate
For the Opp. Party: P.N.Gupta, Advocate
ORDER

                       जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम,रायगढ़(छ0ग0)

        

 

समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष                                   प्रकरण क्रमांक-168/2014             

      सुभाष पाण्डेय, सदस्य                                        संस्थित दिनांक-11.11.2014

      डा.हेमलता सिंह, सदस्या

             

प्रकाश राव फुलेकर आ0 स्व0 आर0आर0फुलेकर,

उम्र 48 वर्ष,

निवासी-बाजीराव पारा, रायगढ़

तह0 व जिला रायगढ़ (छ0ग0) .......                   ......आवेदक/परिवादी

 

             

                                            //वि     रू      द्ध//

 

1 पोस्ट मास्टर

  मुख्य डाक घर स्टेशन रोड, रायगढ़ (छ0ग0)

 

2. अधीक्षक, डाकघर

  संभाग, रायगढ़ पंजाब नेशनल बैंक के पास,

  रायगढ़(छ0ग0)....                        अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीग

 

                        आवेदक/परिवादी श्री मुकुल झा, अधिवक्ता।

                          अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा श्री पी0एन0गुप्ता, अधिवक्ता

                                                (आ  दे  श)

                           (आज दिनांक 26/02/2015 को पारित)

 

सनमान सिंह, अध्यक्ष

 

1/               आवेदक/परिवादी ने अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के विरूद्ध किसान विकास पत्र की परिपक्वता राशि मय ब्याज 6,30,000/-रूपये, 2,00,000/-रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति, 15,000/-रूपये वाद व्यय सहित कुल 8,45,000/-रूपये मय ब्याज दिलाये जाने बाबत् धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत परिवाद का निवर्तन किया जा रहा है।

 

2/               आवेदक/ परिवादी का परिवाद संक्षिप्त में इस प्रकार है कि आवेदक/परिवादी की माता श्रीमती अनुरता फुलेकर ने दिनांक 27.02.2004 को 10,000/-रूपये की चार किसान विकास पत्र क्र.सी.डी. 569375 से 569378, दिनांक 25.09.2002 को 30,000/-रूपये की तीन विकास पत्र क्र.सी.डी.244511 से 244513, दिनांक 01.05.2002 को 10,000/-रूपये की चार किसान विकास पत्र क्र.सी.डी.244520 से 2445523 तथा दिनांक   01.05.2002 को 10,000/-रूपये की

                                                (2)

 

चार किसान विकास पत्र क्र.सी.सी.723401 से 723404 कुल 1,50,000/-रूपये का लिया था। उक्त किसान विकास पत्र की मृल प्रति गुम हो जाने पर श्रीमती अनुरता फुलेकर ने किसान विकास पत्र की द्वितीय प्रति प्राप्त करने हेतु दिनांक 04.04.2009, 06.04.2009 एवं 25.03.2009 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को आवेदन दी थी, किन्तु अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा द्वितीय प्रति आवेदक/परिवादी की माता श्रीमती अनुरता फुलेकर को प्रदान नहीं किया। श्रीमती अनुरता फुलेकर की अस्वस्थ होने के कारण किसान विकस पत्र की राशि आहरण हेतु दिनांक 26.03.2010 को आवेदन अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को दिया था, किन्तु अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा उक्त राशि का भुगतान नहीं किया गया। आवेदक/परिवादी ने अपनी माता श्रीमती अनुरता फुलेकर का इलाज अन्यत्र राशि व्यवस्था कर करवाया। आवेदक/परिवादी की मा ने दिनांक 22.07.2010 को किसान विकास पत्र के संबंध में रसीद कटवाकर नामिनी फार्म भरकर अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को दिया था। आवेदक/परिवादी की मा की मृत्यु हो जाने पर आवेदक/परिवादी किसान विकास पत्र की राशि आहरित करने हेतु क्लेम फार्म भरकर दिनांक 22.04.2013 को अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया, किन्तु    अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा किसान विकास पत्र की राशि आवेदक/परिवादी को भुगतान नहीं किया। दिनांक 01.04.2014 को अपने अधिवक्ता के माध्मय से अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को किसान विकास पत्र की राशि भुगतान न करने पर नोटिस प्रेषित किया। नोटिस प्राप्त होने के बाद भी राशि भुगतान नहीं किया गया, बल्कि अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण ने बिना किसी प्रकार जांच किये नोटिस के जवाब में लिखा की नामिनी कौन है स्पष्ट नहीं है तथा कार्यालय में आवेदन लंबित नहीं है, इसलिए आवेदक/परिवादी ने किसान विकास पत्र की परिपक्वता राशि मय ब्याज दिलाये जाने बाबत् परिवाद प्रस्तुत किया है।

 

3/               अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण ने संयुक्त रूप से जवाब में बताया है कि केव्हीपी रजि. क्र.54608 दिनांक 27.02.2004, क्र.40 सी.डी.से 569375 से 569378, रजि.क्र.39680 दिनांक 25.09.2002 क्र.06 सी.डी.से 244511 से 244513, रजि. क्र.39683 दिनांक 25.09.2002 क्र.06 सी.डी.से 244520 से 244523, रजि.क्र.28089 दिनांक 01.05.2002 क्र.97 ई ई 723401 से 723404 का डुप्लीकेट आवेदन दिया गया था। जिस पर कार्यवाही जारी है। डुप्लीकेट आवेदन में सर्टिफिकेट आफ आईडेंटिफिकेशन आवेदक/परिवादी द्वारा ही दिया गया है। जो श्रीमती अनुरता फुलेकर का पुत्र है। सर्टिफिकेट आफ आईडेंटिफिकेशन राजपत्रित अधिकारी के  अधिकार का उपयोग किया गया है। श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा मौखिक रूप से मूल बचत पत्र प्राप्त होना बताया था, किन्तु लिखित में सूचना नहीं दिया था। दिनांक 26.03.2010 को प्रस्तुत आवेदन पर भुगतान नहीं किया गया, क्योंकि भुगतान हेतु बचत पत्र मूल या डुप्लीकेट प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है। आवेदक/परिवादी द्वारा यदि मूल विकास पत्र या उसका डुप्लीकेट प्रस्तुत किया जाता है तो भुगतान कर दिया जायेगा। आवेदक/परिवादी द्वारा  दिनांक 22.04.2013 को क्लेम फार्म दिया था, उक्त किसान विकास पत्र की मूल/डुप्लीकेट प्रति प्रस्तुत न करने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका। आवेदक/परिवादी को किसान विकास पत्र की मूल/डुप्लीकेट प्रति प्रस्तुत करने कहा गया था, किन्तु आवेदक/परिवादी द्वारा मूल या डुप्लीकेट प्रति प्रस्तुत न कर झूठे आधार पर अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के विरूद्ध परिवाद प्रस्तुत किया है।

                        (3)

 

 

4/               आवेदक/परिवादी की ओर से प्रस्तुत नोटिस दिनांक 01.04.2014 का जवाब देते हुए सूचित किया गया था कि नामिनी स्पष्ट नहीं है। श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा नामिनेशन पत्र में अपनी पुत्री अल्का फुलेकर एवं आवेदक/परिवादी की पुत्री स्वप्निल फुलेकर के नाम दिया गया था। जिसे बाद में आवेदक/परिवादी के नाम परिवर्तन किया गया। नामिनी परिवर्तन आवेदन पत्र अनुरता फुलेकर द्वारा स्वयं अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत करने की स्थिति में नहीं थी मरणासन्न स्थिति में थी। नामिनेशन दिनांक 23.07.2010 को परिवर्तित किया गया। दिनांक  26.07.2010 को श्रीमती अनुरता फुलेकर की मृत्यु हो गयी। ऐसी स्थिति में अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के समक्ष साक्षियों से पूछताछ करने व हस्ताक्षर मिलान के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था। नामिनेशन परिवर्तन करने की जांच का दायित्व डाक विभाग का था, क्योंकि किसी प्रकार की कूटरचना की संभावना की सूक्षम जांच किया जाना आवश्यक था। श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा किसान विकास पत्र की डुप्लीकेट हेतु आवेदन अप्रेल 2009 में दी थी। श्रीमती अनुरता फुलेकर को अगस्त 2009 में किसान विकास पत्र की मूल प्रति प्राप्त हो चुकी थी, फिर भी इस तथ्य को छिपाया गया। बचत पत्र प्राप्त होने की सूचना थाना कोतवाली रायगढ़ को अगस्त 2009 में दी गई थी। जिसकी फोटोकापी को आवेदक/परिवादी द्वारा सत्यापित किया गया है। आवेदक/परिवादी ने पत्र दिनांक 10.06.2014 के साथ संलग्न किया है। जिसमें मृत्यु प्रमाण पत्र, एफ.आई.आर. की प्रति प्रस्तुत किया है। यह उल्लेख नहीं किया है कि मूल बचत पत्र आवेदक/परिवादी के पास उपलब्ध है। बिना मूल बचत पत्र/किसान विकास पत्र दावा स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्यांकि श्रीमती अनुरता फुलेकर के पास मूल बचत पत्र अगस्त 2009 में उपलब्ध हो गया था। फिर भी उसे अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया।

 

5/               अपने जीवन काल के अंतिम समय में दिनांक 22.07.2010 में नामिनेशन परिवर्तन कराया और दिनांक  26.07.2010 को उसकी मृत्यु हो गयी। नये नामिनी द्वारा बिना बचत पत्र के क्लेम फार्म भरा गया जो अप्रसांगिक है। फिर भी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा क्लेम स्वीकृत किया जाकर मूल किसान विकास पत्र प्रस्तुत करने पर तत्काल भुगतान कर दिया जायेगा। भारतीय डाक द्वारा विभाग द्वारा दिनांक 08.12.2014 को आवेदक/परिवादी का क्लेम प्रकरण स्वीकार कर निराकृत कर दिया गया है। क्लेम स्वीकृति आदेश की प्रति पंजीकृत डाक से प्रेषित किया गया था, किन्तु आवेदक/परिवादी द्वारा डाक लेने से इंकार किया गया। भारतीय डाक विभाग आवेदक/परिवदी को उसके द्वारा मूल बचत पत्र प्रस्तुत करने पर किसान विकास पत्र की परिपक्वता राशि एवं देय ब्याज भुगतान करने को सहमत है। यदि मूल बचत पत्र उपलब्ध नहीं है तो विभागीय नियम के अनुसार डुप्लीकेट बचत पत्र जारी करने हेतु आवेदन प्रस्तुत कर सकता है तथा विभागीय प्र्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत डुप्लीकेट बचत पत्र जारी कर परिपक्वता राशि मय ब्याज राशि भुगतान हेतु डाक विभाग सहमत है। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा किसी प्रकार की सेवा में कमी नहीं की गई । परिवाद निरस्त किया जावे।

 

6/               उभयपक्ष की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क एवं दस्तावेजों का अवलोकन किया गया।

 

7/               आवेदक/परिवादी की ओर से किसान विकास पत्र की द्वितीय प्रति, श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को  दिये गये आवेदन

                         (4)

 

 दिनांक 25.11.2009, 0712.2009,  19.02.2010 एवं 23.03.2010, श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा नामिनेशन हेतु दिये गये आवेदन की पावती रसीद, मृत्युदावा आवेदन, अधिवक्ता नोटिस, नोटिस का जवाब एवं दिनांक 26.03.2010 को मुख्य पोस्ट मास्टर जलरल परिमण्डल रायपुर को भेजा गया पत्र सहित दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।

 

 

8/               उक्त दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि आवेदक/परिवादी की माता श्रीमती अनुरता फुलेकर ने डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी करने हेतु दिनांक 03.04.2009, 06.04.2009 एवं 25.03.2009 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को आवेदन दिया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी न करने पर दिनांक 25.11.2009 को डाक विभाग रायगढ़ को पत्र प्रेषित करते हुए डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी करने पत्र प्रेषित किया था। दिनांक  07.12.2009 को डाक अधीक्षक रायगढ़ से डुप्लीकेट किसान विकास पत्र की मांग किया था। दिनांक 25.03.2009, 03.04.2009, 23.04.2009 के आधार पर डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी करने बाबत् पत्र प्रेषित किया था।दिनांक 19.02.2010 को डाक अधीक्षक,रायगढ़ को अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के पत्र क्र.एल.एस.बी.2-10 डुप्लीकेट/परिवर्तन/09-10/रायगढ़ दिनांक 18.02.2010 का उल्लेख करते हुए पत्र प्रेषित किया था और अंत में पोस्ट मास्टर रायगढ़ को डुप्लीकेट किसान विकास पत्र  जारी करने के संबंध में लिखा था। उसके बाद भी किसान विकास पत्र अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा जारी नहीं किया गया।

 

9/               आवेदक/परिवादी की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों से यह भी स्पष्ट है कि श्रीमती अनुरता फुलेकर ने किसान विकास पत्र के संबंध में आवेदक/परिवादी को नामिनी नियुक्त किया था। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा किसान विकास पत्र की परिपक्वता राशि भुगतान न करने पर अपने अधिवक्ता के माध्यम से अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को विधिक नोटिस प्रेषित किया था। जिसका जवाब पोस्ट मास्टर रायगढ़ की ओर से यह दिया था कि नामिनी कौन है स्पष्ट नहीं है।

 

10/             आवेदक/परिवादी की ओर से लिखित तर्क में बताया है कि आवेदक/परिवादी की माता श्रीमती अनुरता फुलेकर ने अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से किसान विकास पत्र प्राप्त किया था। किसान विकास पत्र की परिपक्वता पश्चात् राशि भुगतान किया जाना था, किन्तु किसान विकास पत्र की मूल प्रति गुम हो जाने से श्रीमती अनुरता फुलेकर ने अपने जीवनकाल में किसान विकास पत्र की द्वितीय प्रति प्राप्त करने हेतु दिनांक 04.04.2009, 06.04.2009 एवं 25.03.2009 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को आवेदन दी थी। श्रीमती अनुरता फुलेकर के बीमार होने पर उसका उसका  इलाज आवेदक/परिवादी अन्यत्र करवाया था। दिनांक 22.07.2010 को किसान विकास पत्र के संबंध में आवेदक/परिवादी को नामिनी नियुक्त किया था। आवेदक/परिवादी की मा की मृत्यु के पश्चात् किसान विकास पत्र की राशि आहरित करने हेतु क्लेम फार्म भरकर दिनांक 22.04.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया, किन्तु    अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा न तो किसान विकास पत्र की द्वितीय प्रति प्रदान किया गया और न ही परिपक्वता राशि भुगतान किया गया। दिनांक 01.04.2014 को अपने अधिवक्ता के माध्मय से अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को किसान विकास पत्र की राशि भुगतान न करने पर नोटिस प्रेषित किया, के जवाब में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 द्वारा लिखा की नामिनी कौन है स्पष्ट नहीं है तथा कार्यालय में आवेदन लंबित नहीं है।

                       (5)

 

 

 

11/             आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण ने तथ्यों को स्वीकार किया है। इस तथ्य को भी स्वीकार किया है कि श्रीमती अनुरता फुलेकर का पुत्र राजकीय अधिकारी है। राजकीय अधिकारी अपने अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण का यह तर्क हास्यास्पद है। मूल किसान विकास पत्र गुम होने के कारण ही डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी करने आवेदन दिया था। अंत में आवेदक/परिवाद का यह भी तर्क है कि अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण किसान विकास  पत्र की परिपक्वता राशि मय ब्याज भुगतान करने को सहमत है और मूल किसान विकास पत्र अथवा द्वितीय प्रति प्रस्तुत करने कहा गया है। जबकि आवेदक/परिवादी का आवेदन डुप्लीकेट किसान पत्र के संबध में लंबित है। यदि आवेदक/परिवादी को मूल किसान विकास पत्र प्राप्त हो गया होता तो वह दिनांक 26.03.2010 को पोस्ट मास्टर जनरल परिमण्डल रायपुर को शिकायत क्यों करता? आवेदक/परिवादी का यह भी तर्क है कि अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी न करके सेवा में कमी व व्यवसायिक दुराचरण किया है, इसलिए अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से किसान विकास पत्र की परिपक्वता राशि मय ब्याज दिलायी जावे।

 

12/             अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा प्रस्तुत डुप्लीकेट बचत पत्र हेतु आवेदन दिनांक 24.04.2009,  श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा नामिनेशन परिवर्तन हेतु आवेदन दिनांक 27.07.2010, श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा थाना प्रभारी को प्रेषित पत्र दिनांक 18.03.2009 एवं 05.08.2009, आवेदक/परिवादी के संबंध में स्वीकृत दावा आदेश दिनांक  08.12.2014, पंजीकृत पत्र दिनांक 09.12.2014 प्रस्तुत किया गया है।

 

13/             उक्त दस्तावेजों के अवलोकन से स्पष्ट है कि श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा डुप्लीकेट बचत पत्र प्रदान करने हेतु दिनांक  24.04.2009 को पोस्ट मास्टर हेड पोस्ट आफिस रायगढ़ को आवेदन दिया था। दिनांक 22.07.2010 को श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा नामिनेशन परिवर्तन हेतु आवेदन दिया था। दिनांक 18.03.2009 एवं 05.08.2009 को श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा थाना प्रभारी को पत्र प्रेषित की थी। दिनांक 08.12.2014 आवेदक/परिवादी के पक्ष में क्लेम स्वीकार करने आदेश किया गया है।

 

14/             अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से लिखित तर्क में बताया है कि  श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा किसान विकास पत्र की मूल प्रति गुम हो जाने पर डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी करने हेतु आवेदन दिया था, किन्तु बाद में श्रीमती अनुरता फुलेकर को मूल किसान विकास पत्र प्राप्त हो गया। जिसकी लिखित सूचना थाना प्रभारी को दिया था, इसलिए डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी नहीं किया गया। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण का यह भी तर्क है कि श्रीमती अनुरता फुलेकर ने किसान विकास पत्र की राशि के संबंध में अपनी पुत्री अल्का फुलेकर एवं आवेदक/परिवादी की पुत्री स्वप्निल फुलेकर को नामिनी नियुक्त किया था। जिसे बाद में आवेदक/परिवादी के नाम परिवर्तित किया गया। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा आवेदक/परिवादी के पक्ष में क्लेम स्वीकृत किया जा चुका है। आवेदक/परिवादी द्वारा मूल किसान विकास पत्र/डुप्लीकेट प्रति प्रस्तुत न करने के कारण राशि का भुगतान नहीं किया जा सका। आवेदक/परिवादी द्वारा मूल/डुप्लीकेट किसान विकास पत्र प्रस्तुत करने पर भुगतान कर दिया जायेगा।

 

                      (6)

 

15/                       श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा थाना प्रभारी सिटी कोतवाली रायगढ़ को दिनांक 18.03.2009 को मूल किसान विकास पत्र गुम होने की सूचना दिया था तथा दिनांक  05.08.2009  को सिटी कोतवाली रायगढ़ को पत्र दिनांक 18.03.2009 के संदर्भ में पुनः सूचित किया कि मूल किसान विकास पत्र प्राप्त हो गया है। जिसकी परिशिष्ट पत्र के साथ थाना प्रभारी को भेजा था।

 

16/             श्रीमती अनुरता फुलेकर द्वारा दिनांक 05.08.2009 को किसान विकास पत्र प्राप्त होने की सूचना थाना प्रभारी सिटी कोतवाली को दिया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को किसान विकास पत्र प्राप्त होने की सूचना नहीं दिया था। श्रीमती अनुरता द्वारा दिनांक 04.04.2009, 06.04.2009 एवं 25.03.2009 को डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी करने हेतु आवेदन देने के बाद भी जारी न कर सेवा में कमी व व्यवसायिक दुराचरण किया है। आवेदक/परिवादी के अनुसार उसके पास मूल किसान विकास पत्र/डुप्लीकेट प्रति नहीं है। अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के अनुसार आवेदन उनके कार्यालय में लंबित(च्मदकपदह) नहीं है। ऐसी स्थिति में आवेदक/परिवादी द्वारा डुप्लीकेट प्रति प्राप्त करने हेतु पुनः आवेदन करने पर अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 को 15 दिन के भीतर डुप्लीकेट किसान विकास पत्र जारी करने का निर्देश दिया जाना उचित होगा। अतः यह आदेश पारित किया जाता हैः-

 

          अ.  आवेदक/परिवादी आदेश दिनांक से 10 दिन के भीतर डुप्लीकेट    किसान विकास पत्र प्राप्त करने हेतु अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करेगा।

 

          ब.   अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 आवेदन प्राप्ति दिनांक से 15 दिन के भीतर डुप्लीकेट किसान विकास पत्र आवेदक/परिवादी को प्रदान         करेगा।

 

          स.  आवेदक/परिवादी  द्वारा   डुप्लीकेट  किसान  विकास  पत्र          अनावेदक / विरूद्ध  पार्टी  क्र.1  के  समक्ष  प्रस्तुत  करने पर     अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 किसान विकास पत्र की परिपक्वता राशि मय ब्याज भुगतान करेगा।

 

          द.   अनावेदकगण / विरूद्ध  पार्टीगण,   आवेदक/ परिवादी  को    20,000/-(बीस हजार रूपये) मानसिक क्षतिपूर्ति तथा 2,000/-(दो हजार रूपये) वाद व्यय भुगतान करेगा।

 

 

(डा.हेमलता सिंह)                                               (सुभाष पाण्डेय)                                  (सनमान सिंह)

    सदस्या                                                          सदस्य                                            अध्यक्ष

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण                    जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण            जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण

फोरम रायगढ़ (छ0ग0)                                   फोरम रायगढ़ (छ0ग0)                          फोरम रायगढ़ (छ0ग0)

 

 

                               

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SANMAN SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. DR. HEMLATA SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. SUBHAS PANDAY]
MEMBER

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