PRAPHULL YADAV filed a consumer case on 26 Nov 2020 against POST MASTAR in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/171/2014 and the judgment uploaded on 01 Dec 2020.
1
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 171 सन् 2014
प्रस्तुति दिनांक 03.09.2014
निर्णय दिनांक 26.11.2020
प्रफुल्ल यादव उम्र तखo 26 साल पुत्र सम्पती कुमार यादव ग्राम- पूरा अचानक, तहसील- निजामाबाद, पोस्ट- टीकापुर, थाना- तहबरपुर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी उन्वान वाद में दिए गए पते का निवासी है और वह प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 का आवेदक है। याची टी.ई.टी. 2011 की परीक्षा में 101 अंक प्राप्त किया और अन्य पिछड़ी जाति से सम्बन्धित हैण्डीकैप्ड होने का प्रमाण-पत्र भी दिया। याची विपक्षीगण से बतौर उपभोक्ता सेवा लेने का हकदार है। याची द्वारा भेजे गए प्रत्यावेदन को विपक्षीगण को विपक्षीगण द्वारा सतर्कता पूर्वक एवं यूक्ति युक्त समय के अन्दर नहीं पहुँचाया और विपक्षी संख्या 02 द्वारा याची का प्रार्थना प्रत्यावेदन स्वीकार नहीं किया गया। बल्कि याची के पते पर पुनः वापस आ गया। याची शिक्षक चयन 2011 का मेधावी आवेदक था और विपक्षीगण की सेवा में कमी के कारण उसका आवेदन पत्र नहीं पहुँच पाया। इस प्रकार याची नौकरी पाने से वंचित हो गया। अतः याची को विपक्षीगण से 4,90,000/- की क्षतिपूर्ति दिलाई जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा रसीद रजिस्ट्री तथा एक और रसीद रजिस्ट्री प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवादी ने दिनांक 08.07.2014 को टीकापुर, आजमगढ़ डॉकघर से एक स्पीडपोस्ट
P.T.O.
2
जिसकी संख्या ई.यू.116314645 आई.एन.थी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जौनपुर के पते पर भेजा था। उक्त स्पीडपोस्ट को उसी दिन वाराणसी हब सेन्टर को बैग संख्या-ई.बी.यू.0009718966 द्वारा भेज दिया गया था। विपक्षी ने अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया था। परिवादी कोई भी अनुतोष पाने के लिए हकदार नहीं है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी द्वारा प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 15ग स्पीडपोस्ट मैनिफेस्ट की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी द्वारा केवल एक रसीद रजिस्ट्री प्रलेखीय साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह रसीद किस बात की है इसका पता नहीं लग पा रहा है और विपक्षी द्वारा प्रस्तुत प्रलेखीय साक्ष्य से यह स्पष्ट है कि विपक्षी ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारीपूर्वक किया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवादी कोई भी अनुतोष पाने का हकदार नहीं है। अतः परिवाद निरस्त होने योग्य है।
आदेश
परिवाद पत्र निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 26.11.2020
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.