Chhattisgarh

Janjgir-Champa

CC/11/22

SHRI ASHOK KUMAR BHARDWAJ - Complainant(s)

Versus

POST MANSTER BERGAO AKALTRA JANJGIR -CHAMPA - Opp.Party(s)

SHRI R.S. SANGER

13 Feb 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Janjgir-Champa
Judgement
 
Complaint Case No. CC/11/22
 
1. SHRI ASHOK KUMAR BHARDWAJ
GRAM- BERGAO AKALTRA JANJGIR-CHAMPA
...........Complainant(s)
Versus
1. POST MANSTER BERGAO AKALTRA JANJGIR -CHAMPA
JANJGIR-CHAMPA
2. UPSHAMBAGIYA MANAGER GRAMIN POST LIEF INSUERANCE RAIPUR
HEAD OFFICE RAIPUR
RAIPUR
CHHATTIAGARH
3. SUPPERDENT POST OFFICER BILASPUR
BILASPUR
BILASPUR
CHHATISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA MEMBER
 HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI R.S. SANGER
 
For the Opp. Party:
NA 1 TO 3 SHRI ANUP MAJUMDAR
 
ORDER

/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोशण फोरम,जांजगीर चांपा छ0ग0/

प्रकरण क्रमांक सी.सी./ 2011/22
प्रस्तुति दिनांक 14/10/2011


 अशोक कुमार भारद्वाज वल्द मंगतराम भारद्वाज,
ग्राम बरगांव पो. बरगांव व्हाया अकलतरा  
जिला जांजगीर चांपा, छ.ग.                  ......आवेदक/परिवादी

                // विरूद्ध//

1. पोस्ट मास्टर,
पोस्ट आफिस बरगवां, व्हाया अकलतरा  
जिला जांजगीर चांपा, छ.ग.
  
2. उपसंभागीय प्रबंधक (ग्रामीण डाक जीवन बीमा)   
मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल रायपुर, 
परिक्षेत्र रायपुर छ.ग. 492001

3. श्रीमान् अधीक्षक महोदय (डाकघर) 
बिलासपुर, संभाग बिलासपुर छ.ग. ........अनावेदकगण/विरोधी पक्षकारगण


                        /// आदेश्‍ा ///
             (आज दिनांक 13/02/2015 को पारित)

         1.  आवेदक अशोक कुमार भारद्वाज ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदकगण के विरूद्ध  बीमा पालिसी का भुगतान न कर सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदकगण से बीमा की राशि  50,000/.रु0 को ब्याज के साथ दिलाए जाने का निवेदन किया है ।  
    2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक का भाई बैजनाथ दिनांक 05.09.2000 को अनावेदक क्रमांक 1 के पास से 50,000/.रु0 का डाक जीवन बीमा पाॅलिसी प्राप्त किया था और उक्त पाॅलिसी के लिए आवेदक को नाॅमिनी नियुक्त किया था । आवेदक के भाई द्वारा उक्त पाॅलिसी का प्रीमियम दिनांक 24.11.2005 तक नियमित रूप से अदा किया गया, उसके बाद वह गंभीर रूप से बीमार हो गया और बीमारी के दौरान दिनांक 23.12.2006 को उसकी मृत्यु हो गई। यह कहा गया है कि आवेदक के नाॅमिनी होने के नाते अनावेदकगण के पास बीमित राशि के दावे के लिए प्रपत्र भर कर प्रस्तुत किया, किंतु अनावेदकगण द्वारा नोटिस के बाद भी उसका भुगतान नहीं किया गया, फलस्वरूप उसके द्वारा यह परिवाद पेश किया गया।  
    3. सूचना पत्र तामिली उपरांत अनावेदकगण के मामले में उपस्थित न होने से उनके विरूद्ध दिनांक 17.02.2012 को एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए दिनांक 12.04.2013 को आवेदक का एकपक्षीय तर्क सुन कर आवेदक के पक्ष में आदेश पारित किया गया, जिसके विरूद्ध अपील में माननीय राज्य आयोग द्वारा पारित आदेश को अपास्त करते हुए प्रकरण दिनांक 27.12.2013 को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया गया कि अनावेदकगण को जवाबदावा प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करते हुए मामले का नये सिरे से निराकरण किया जावे, फलस्वरूप माननीय राज्य आयोग के निर्देशानुसार अनावेदकगण का जवाबदावा प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया गया।   
     4. अनावेदकगण संयुक्त जवाब पेश कर आवेदक को उसके भाई बैजनाथ द्वारा लिए गए बीमा पाॅलिसी में नाॅमिनी होना तो स्वीकार किये, किंतु परिवाद का विरोध इस आधार पर किये कि बीमा धारक द्वारा दिसम्बर 2005 से नवम्बर 2006 का प्रीमियम मृत्यु दिनांक 23.12.2006 के पूर्व अदा नहीं किया गया, जिसके कारण पाॅलिसी के नियम एवं शर्तों के अनुसार उक्त पाॅलिसी लैप्स हो गई, फिर भी उनके द्वारा आवेदक के दावे को आॅटोडेथ के आधार पर निर्धारित करते हुए विभागीय ज्ञापन क्रमांक क्लेम ध् डी.सी. ध् 07 आर.एम.पी.आर.पी.ई.ए.238571 दिनांक 07.12.2011 के अनुसार 17,366/- का दावा स्वीकार करते हुए पत्र दिनांक 09.12.2011 आवेदक को प्रेषित किया गया था, जिसे आवेदक लेने से इंकार कर दिया, जिस तथ्य को आवेदक द्वारा अपने परिवाद में छिपाया गया है। साथ ही कहा गया है कि आवेदक को उनके विरूद्ध कोई वादकारण प्राप्त नहीं हुआ है एवं परिवाद भी समयावधि बाह्य पेश किया गया है, जो प्रचलन योग्य नहीं । उक्त आधार पर उन्होंने परिवाद निरस्त किए जाने का निवेदन किया है। 
    5. उभय पक्ष अधिवक्ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया। 
    6. देखना यह है कि क्या अनावेदकगण द्वारा आवेदक को बीमा दावे का भुगतान न कर सेवा में कमी की गई ?    
                            सकारण निष्कर्ष
7. इस संबंध में कोई विवाद नहीं कि आवेदक के भाई बैजनाथ द्वारा दिनांक 05.09.2000 को अनावेदक क्रमांक 1 पोस्ट आॅफिस  से 50,000/-रू. का जीवन बीमा कराया गया था, जिसमें उसने अपने भाई आवेदक को नाॅमिनी नियुक्त किया था। यह भी विवादित नहीं कि आवेदक के भाई बैजनाथ द्वारा उक्त पाॅलिसी का प्रीमियम दिनांक 24.11.2005 तक जमा किया गया था और उसके बाद गंभीर बीमारी की वजह से दिनांक 23.12.2006 को उसकी मृत्यु हो गई । 
8. अनावेदकगण की ओर से पाॅलिसी नियमों का हवाला देते हुए यह बताया गया है कि बीमा धारक द्वारा नवम्बर 2005 तक ही पाॅलिसी का प्रीमियम अदा किया गया था तथा उसके उपरांत मृत्यु दिनांक 23.12.2006 तक 13 माह का प्रीमियम जमा नहीं किए जाने के फलस्वरूप उक्त पाॅलिसी लैप्स हो गई, फिर भी उनके द्वारा आवेदक के दावे को आॅटोडेथ के आधार पर निर्धारित करते हुए 17,366/-रू. का दावा स्वीकार कर पत्र दिनांक 09.12.2011 प्रेषित किया गया, जिसे आवेदक लेने से इंकार कर दिया। 
9. अनावेदकगण के उपरोक्त कथन का कोई खण्डन आवेदक की ओर से नहीं किया जा सकता है। उसका स्वयं का भी ऐसा कहना नहीं है कि उसके भाई द्वारा पाॅलिसी प्रीमियम का नियमित रूप से मृत्यु के पूर्व माह तक भुगतान किया गया था, बल्कि उसने स्वयं भी यह स्वीकार किया है कि नियमित प्रीमियम  नवम्बर 2005 तक ही अदा किया गया था। इस प्रकार यह तथ्य स्पष्ट होता है कि आवेदक के भाई द्वारा मृत्यु के पूर्व 13 माह का प्रीमियम जमा नहीं किए जाने के फलस्वरूप पाॅलिसी लैप्स हो चुकी थी और ऐसी पाॅलिसी पर बीमा लाभ का कोई दावा नहीं बनता।  तथापि  अनावेदकगण द्वारा आवेदक को आॅटो डेथ के आधार पर दावे का निर्धारण कर 17,366/- रू की स्वीकृत किया गया है, जिसे आवेदक द्वारा लेने से इंकार किया गया है।
     10. उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि आवेदक अनावेदक बैंक से कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है अतः उसका परिवाद निरस्त किया जाता है ।
    11. उभयपक्ष अपना-अपना वादव्यय स्वयं वहन करेंगे ।
      आदेश पारित 


                                   (अशोक कुमार पाठक)              (श्रीमती शशि राठौर)                        (मणिशंकर गौरहा)         
                                           अध्यक्ष                                   सदस्य                                        सदस्य             

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. MANISHANKAR GAURAHA]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE]
MEMBER

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