राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
ए0ई0ए0 संख्या:-32/2024
लखनऊ विकास प्राधिकरण नवीन भवन, विपिन खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ द्वारा सचिव
बनाम
पुनम्मा के0के0 (मृतका) द्वारा ओम प्रकाश जालान निवासी-3/194, विपुल खण्ड, गोमती नगर, लखनऊ।
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री दिलीप कुमार शुक्ला
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 29.10.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत ए0ई0ए अपीलार्थी/ लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, द्वितीय लखनऊ द्वारा निष्पादन वाद सं0-108/2013 में पारित आदेश दिनांक 02.9.2024 के विरूद्ध योजित की गई है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि प्रश्नगत आदेश तथ्य एवं विधि के विरूद्ध पारित किया गया है एवं अपास्त होने योग्य है। यह भी कथन किया गया कि चूंकि प्रश्नगत आदेश के पारित होते समय यदि अपीलार्थी के अधिवक्ता उपस्थित होते तो एन0बी0डब्लूे का आदेश पारित नहीं हुआ होता एवं यह भी कथन किया गया कि विधि का यह सुस्थापित सिद्धांत है कि अधिवक्ता की गैर हाजिरी के कारण सम्बन्धित पक्षकार का अहित नहीं होना चाहिए अत्एव अधिवक्ता की अनुपस्थिति को क्षमा करते हुए प्रश्नगत आदेश को अपास्त किये जाने की प्रार्थना अपीलार्थी के अधिवक्ता द्वारा की गई।
-2-
प्रश्नगत आदेश दिनांक 02.9.2024 के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने प्रश्नगत निष्पादन वाद में अपीलार्थी/विपक्षी/निर्णीत ऋणी के अधिवक्ता अनुपस्थिति में एन0बी0डब्लू0 जारी किये जाने का आदेश पारित किया है, जो न्यायहित में अनुचित प्रतीत हो रहा है, तद्नुसार मैं इस मत का हूँ कि प्रस्तुत ए0ई0ए0 (अपील) रू0 1,000.00 (एक हजार रूपये) हर्जे पर स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 02.9.2024 अपास्त किया जाए तथा प्रकरण को सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाए कि जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त निष्पादन वाद को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर तथा उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए निष्पादन वाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, यथासंभव तीन माह में करना सुनिश्चित करे।
आदेश
प्रस्तुत ए0ई0ए0 (अपील) रू0 1,000.00 (एक हजार रूपये) हर्जे पर स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय लखनऊ द्वारा निष्पादन वाद संख्या-108/2013 ओम प्रकाश जालान बनाम लखनऊ विकास प्राधिकरण में एन0बी0डब्ल0 के संबंध में पारित आदेश दिनांक 02.9.2024 अपास्त किया जाता है तथा यह प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय लखनऊ को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग, द्वितीय लखनऊ उपरोक्त निष्पादन वाद को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर तथा उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए बिना वाद को स्थगित करते हुए निष्पादन वाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, यथासंभव तीन माह में अंतिम रूप से करना सुनिश्चित करे।
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अपीलार्थी द्वारा उपरोक्त हर्जे की धनराशि रू0 1,000.00 (एक हजार रूपये) उपभोक्ता वेलफेयर फण्ड “Legal Aid Account” State Consumer Disputes Redressal Commission UP” के पक्ष में दो सप्ताह की अवधि में जमा की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1