राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-173/2004
मैसर्स साहनी गुड्स ट्रांसपोर्ट एजेन्सी निवासी बी-210-211 ट्रांसपोर्ट
नगर मेरठ। ......अपीलार्थी@विपक्षी
बनाम
पोद्धार टायर लि0, लुधियाना द्वारा शाखा प्रबंधक रविन्द्र कुमार
पुत्र श्री जे0एस0 चौहान दुकान नं0 06, एस0के0 काम्पलेक्स, अपोजिट
राज सर्विस पट्रोल सेन्टर देहली रोड, जिला मेरठ शहर। .....प्रत्यर्थी/परिवादी
अपील संख्या-174/2004
यशपाल साहनी पुत्र श्री भागमल साहनी निवासी बी 210, 211
टी0पी0 नगर मेरठ शहर। ......अपीलार्थी
बनाम
पोद्धार टायर लि0, लुधियाना द्वारा शाखा प्रबंधक रविन्द्र कुमार
पुत्र श्री जे0एस0 चौहान दुकान नं0 06, एस0के0 काम्पलेक्स, अपोजिट
राज सर्विस पट्रोल सेन्टर देहली रोड, जिला मेरठ शहर। .....प्रत्यर्थी
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 डा0 आभा गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्ता, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री प्रतीक सक्सेना, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक 08.06.2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 1649/99 पोद्दार टायर लिमिटेड बनाम मैसर्स साहनी गड्स ट्रांसपोर्ट एजेन्सी में पारित निर्णय/आदेश दि. 18.03.2002 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। परिवाद स्वीकार करते हुए माल की कीमत रू. 110886.16 पैसे 12 प्रतिशत ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश पारित किया गया है।
-2-
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी एक लिमिटेड कंपनी है जो टायर ट्यूब उत्पादन करके विक्रय करने का कार्य करती है। विपक्षी ट्रांसपोर्ट कंपनी को मेरठ से गाजियाबाद सामान ले जाने के लिए बुक किया था और क्रमश: रू. 390/- तथा 180/- अग्रिम भाड़े का भुगतान किया था, परन्तु विपक्षी कंपनी द्वारा डिलेवरी नहीं की गई न ही माल वापस किया गया। कुल रू. 110886/- दो तिथियों पर प्रस्तुत किया गया।
3. नोटिस के बावजूद विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ, एकतरफा साक्ष्य पर विचार करते हुए उपरोक्त निर्णय व आदेश पारित किया गया।
4. इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्ता मंच ने अधिनियम की धारा 14 के विरूद्ध साक्ष्य विहीन अवैधानिक निर्णय पारित किया है, इस बिन्दु पर विचार नहीं किया कि परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए उपभोक्ता मंच को इस वाद का सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं था।
5. दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना। प्रश्नगत निर्णय/आदेश व पत्रावली का अवलोकन किया गया।
6. परिवाद के प्रथम पैरा के अवलोकन से ज्ञात हो जाता है कि परिवादी लिमिटेड कंपनी है, जो टायर ट्यूब का उत्पादन करती है, जिसका आफिस लुधियाना तथा मेरठ में स्थित है, अत: इस विवरण से स्पष्ट है कि परिवादी कंपनी व्यापारिक गतिविधियों में संलिप्त है, व्यापारिक उद्देश्य के लिए प्रेषित माल प्रेषती स्थान पर न पहुंचने पर क्षतिपूर्ति के लिए सक्षम न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जाना चाहिए था। यह परिवाद उपभोक्ता श्रेणी का नहीं है, अत: जिला उपभोक्ता मंच ने उपभोक्ता संरक्षण
-3-
अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत जाकर परिवाद ग्रहण किया है, अत: यह अपील स्वीकार होने योग्य है।
7. निष्पादन वाद संख्या 55/02 में पारित आदेश दि. 29.08.07 के विरूद्ध अपील संख्या 174/2004 प्रस्तुत की गई है। चूंकि अपील संख्या 173/2004 स्वीकार करते हुए परिवाद खारिज किया जा चुका है, अत: निष्पादन वाद में पारित आदेश का कोई विधिक महत्व नहीं रह गया है। अत: यह अपील उद्देश्य विहीन हो चुकी है। तदनुसार खारिज होने योग्य है।
आदेश
8. अपील संख्या 173/2004 स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्त किया जाता है। संधारणीय न होने के कारण परिवाद खारिज किया जाता है तथा अपील संख्या 174/2004 उद्देश्य विहीन होने के कारण खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वयं वहन करेंगे।
निर्णय की एक प्रति अपील संख्या 174/2004 में भी रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की
वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (डा0 आभा गुप्ता) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-2