RAIS AHMAD filed a consumer case on 19 Jan 2015 against PNB in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/416/2010 and the judgment uploaded on 28 Sep 2018.
श्रीमती सुधा यादव ........................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-416/2010.
मोहम्मद रईस अहमद, पुत्र स्व0 अब्दुल मजीद, निवासी-11/187 मकबरा, थाना ग्वालटोली, कानपुर नगर।
..........परिवादी
बनाम
.षाखा प्रबंधक, पंजाब नेषनल बैंक, षाखा सरॉय,मसवानपुर, कानपुर नगर।
.......विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 02.07.2010
निर्णय तिथिः 11.09.2018
श्री आर0एन0 सिंह अध्यक्ष, द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी से, ग्राहक सेवा में की गई घोर लापरवाही के लिये रू0 90,000/- एस0बी0बाई0 चेक के साथ रू0 1,00,000/-क्षतिपूर्ति दिलायी जावे, रेलवे (दुर्घटना) क्लेम चेक नं0-626717 दिंनाकित 16.01.2010 को न देने के कारण, आर्थिक, मानसिक क्षतिपूर्ति व भागादौड़ी के लिये, राश्ट्रीय सुरक्षा के तहत विपक्षी को जिम्मेदार पद से पदच्युत करने का आदेष पारित किया जावे तथा परिवाद व्यय दिलाया जावे।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी की पत्नी नसरीन का खाता विपक्षी बैंक की षाखा में संचालित है। जिसका नं0-1892000160275 है। जिसमें दिंनाक 12.03.2010 को परिवादी ने रेलवे दुर्घटना में मूल क्लेम चेक नं0-626717एस0बी0आई0 दिंनाकित 16.01.2010 की जारी, रू0 90,000/-की जमा की है। परिवादी की पत्नी व बच्चों की रेलवे एक्सीडेंट में घायल हो जाने व इलाज कराने के लिये पत्नी नसरीन के नाम जारी की गई है। परिवादी की पत्नी के खाते में उक्त चेक की रकम क्लीयर होकर नहीं आयी तो उसे इलाज, दवा आदि में काफी परेषानियों का सामना करना पड़ा। जिसका विधिक नोटिस दिंनाक 13.04.2010 को अपने अधिवक्ता द्वारा जारी किया। परिवादी द्वारा विपक्षी से उक्त धनराषि खाते में क्रेडिट किये जाने हेतु काफी मिन्नते की गईं। परन्तु विपक्षी ने कोई सुनवाई नहीं की। इस प्रकार परिवादी को दुर्घटना क्लेम की धनराषि समय से न मिलने व विपक्षी की कार्य प्रणाली की लापरवाही के रहते इलाज के अभाव में परिवादी की बच्ची की ऑख की रोषनी सदा के लिये चली गई। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3 विपक्षी की ओर से आपत्ति के रूप में जवाबदावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र के तथ्यों का खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद झूठे, बनावटी एंव असत्य कथन पर दूशित मंॅषा से, कानून का बेजा इस्तेमाल करके दाखिल किया गया है। परिवादी उपभोक्ता की कोटि में नहीं आता है। परिवादी द्वारा वास्तविक तथ्यों को छिपाकर बिना किसी आधार के परिवाद प्रस्तुत किया गया है। परिवादी का यह कथन स्वीकार्य है कि श्रीमती नसरीन का बचत खाता विपक्षी की षाखा में है। किन्तु परिवादी द्वारा अभिकथित चेक कभी विपक्षी के यहॉ जमा नहीं की गई। परिवादी को कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ। परिवाद खारिज किया जाये।
4. परिवादी की ओर से, विपक्षी बैंक की ओर से प्रस्तुत किये गये जवाबदावा के खण्डन में जवाबुल जवाब दाखिल किया गया है। जिसमें परिवाद पत्र के तथ्यों की पुश्टि की गई है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 16.06.2010 व अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची के माध्यम से 09 अद्द प्रपत्र क्रमषः विपक्षी बैंक में रू0 90,000/-की चेक की जमा रसीद दिंनाकित 12.03.2010 की छायाप्रति, बैंक द्वारा जारी पत्र दिंनाकित 10.04.2010 की छायाप्रति व षाखा प्रबंधक, पंजाब नेषनल बैंक को दी गई नोटिस दिंनाकित 13.04.2010 की छायाप्रति दाखिल की है। परिवादी ने साक्ष्य में षपथपत्र दिंनाकित 16.05.2012 दाखिल किया है तथा सूची के साथ पेस्लिप दिंनाकित 12.03.2010 रू0 90,000/-, पत्र दिंनाकित 10.04.2010, लीगल नोटिस दिंनाकित 13.04.2010, पत्नी नसरीन एंव पुत्री नौसीन की चिकित्सा संबधी प्रपत्र आदि कागजात, कागज सं0-1 लगायत-6 छायाप्रतियॉ दाखिल की हैं। परिवादी की ओर से लिखित बहस भी दाखिल की गई है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.विपक्षी की ओर से जवाबदावा के समर्थन में जे0एन0मिश्रा वरिश्ठ षाखा प्रबंधक, पंजाब नेषनल बैंक षाखा कार्यलय सरॉय मसवानपुर कानपुर का षपथपत्र दिंनाकित 09.05.2011 दाखिल किया गया है तथा साक्ष्य षपथपत्र दिंनाकित 03.01.2013 दाखिल किया गया है।
7. पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्रीय साक्ष्यों का तथा प्रलेखीय साक्ष्यों का यथा-आवष्यक स्थान पर आगे निर्णय में उल्लेख किया जायेगा।
ख्
निष्कर्श
8. उभय पक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में सूची के साथ प्रष्नगत चेक सं0-626716 बावत रू0 90,000/-विपक्षी बैंक में दिंनाक 12.03.2010 को जमा करने की रसीद की छायाप्रति प्रस्तुत की गई है। पंजाब नेषनल बैंक से जारी पत्र दिंनाकित 10.04.2010 की छायाप्रति प्रस्तुत की गई है। जिससे परिवादी का यह कथन सिद्व होता है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत चेक विपक्षी बैंक में दिंनाक 12.03.2010 को जमा की गई है। विपक्षी बैंक के द्वारा परिवादी के उपरोक्त कथन का खण्डन किया गया है। किन्तु अपने कथन के समर्थन में मात्र षपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। अन्य कोई प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि परिवादी द्वारा अपने षपथपत्र के साथ उपरोक्त अभिलेखीय साक्ष्य भी दाखिल किया गया है। अतः परिवादी का यह कथन सिद्व होता है कि उसके द्वारा प्रष्नगत चेक विपक्षी बैंक में जमा की गई है। विपक्षी बैंक के द्वारा परिवादी की पत्नी व बच्चों की रेलवे एक्सीडेंट में घायल हो जाने व इलाज कराने के लिये पत्नी नसरीन के नाम जमा की गई उपरोक्त चेक परिवादी के खाते में बावजूद विधिक नोटिस क्रेडिट नहीं की गई। इस प्रकार विपक्षी बैंक के द्वारा सेवा में कमी कारित की गई है। परिवादी द्वारा विपक्षी की उपरोक्त सेवा में कमी के लिये रू0 1,00,000/-की क्षतिपूर्ति याचित की गई है। परिवादी द्वारा अपनी पत्नी के इलाज से सम्बन्धित प्रपत्र दाखिल किये गये हैं। जिनका उल्लेख निर्णय के पैरा-5 में किया गया है। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के पैरा-5 में उक्त चेक की रकम समय से क्लीयर न होने के कारण अपनी पत्नी व घायल बच्चों के इलाज-दवा आदि में परेषानियों का होना बताया गया है। परिवादी का उपरोक्त कथन, परिवादी की ओर से अपनी पत्नी एंव पुत्री के इलाज से सम्बन्धित दाखिल किये गये उपरोक्त प्रपत्रों से साबित होता है। अतः फोरम का यह मत है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद ऑषिक रूप से परिवादी को प्रष्नगत चेक मय 08 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रष्नगत चेक विपक्षी बैंक षाखा में जमा करने की तिथि से तायूम वसूली दिलाये जाने हेतु तथा रू0 25000/-क्षतिपूर्ति दिलाये जाने हेतु एंव रू0 5000/-परिवाद व्यय दिलाये जाने हेतु स्वीकार किये जाने योग्य है। जहॉ तक अन्य याचित उपषम का प्रष्न है - के सम्बन्ध में परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण, स्वीकार किये जाने योग्य नहीं हैं।
:ःआदेषःःः
9. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद, उपरोक्त कारणों से, ऑषिक रूप से विपक्षी के विरूद्व स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेषित किया जाता है कि वह प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी को, प्रष्नगत चेक मय 08 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रष्नगत चेक विपक्षी बैंक षाखा में जमा करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 25000/-(पच्चीस हजार रू0) क्षतिपूर्ति एंव रू0 5000/-(पॉच हजार रू0) परिवाद व्यय अदा करे।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
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