जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-162/2015
अलोक तिवारी पुत्र स्व0 दुर्गा प्रसाद तिवारी (पूर्व निवासी 119/60 नसीमाबाद कानपुर) वर्तमान निवासी 116/30-ए राणा प्रताप नगर कानपुर-208019
................परिवादी
बनाम
षाखा प्रबन्धक पंजाब नेषनल बैंक, षाखा गुमटी नं0-5 कानपुर।
...........विपक्षी
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 15.04.2015
निर्णय की तिथिः 03.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःः निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी को आदेषित किया जाये कि विपक्षी, परिवादी का बचत खाता सं0-2324000100166812 को दिनांक 25.09.13 की स्थिति पर पूर्ववत् रखा जाये एवं परिवाद व्यय तथा मानसिक एवं षारीरिक क्षतिपूर्ति दिलायी जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी का विपक्षी के यहां बचत खाता सं0-2324000100166812 विगत 5 वर्शों से लगातार चल रहा है। परिवादी द्वारा इलेक्ट्रिानिक चेक डिपाॅजिट मषीन के माध्यम से दो चेक क्रमषः नं0-710045 दिनांक 20.09.13 रू0 2,50,000.00 जारी द्वारा स्टेट बैंक आॅफ इन्दौर षाखा आर0के0 नगर, कानपुर और द्वितीय चेक नं0-031464 दिनांक 20.09.13 रू0 10,210.00 जारी आई.सी.आई.सी.आई. बैंक विकास नगर कानपुर में दिनांक 20.09.13 समय 14ः02ः05 षायं और 14ः02ः32 जमा की गयी, जो कि परिवादी के खाते में दिनांक 23.09.13 को जमा हुई। परिवादी द्वारा बैंक से आवष्यक जानकारी करने के उपरान्त दिनांक 24.09.13 को रू0 1,02,010.00 और
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दिनांक 25.09.13 को रू0 1,60,000.00 एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से हस्तांतरित की गयी और मिनी स्टेटमेंट के अनुसार दिनांक 25.09.13 समय 12ः18ः34 षायं में परिवादी के उपरोक्त खाते से अवषेश धनराषि रू0 11,017.58 निर्गत दर्षायी गयी। परिवादी द्वारा जब अपने खाते को दिनांक 26.09.13 को समय 11ः02ः57 सुबह अवलोकित किया गया, तो परिवादी को ज्ञात हुआ कि परिवादी के खाते में षून्य अवषेश दिखाया जा रहा है और रू0 9055.00 अहस्तांतरित दिखाया गया और एकाउन्ट बैलेंस रू0 2,38,982.42 नकारात्मक दिखाया जा रहा था। तब परिवादी द्वारा जरिये टेलीफोन से विपक्षी बैंक से संपर्क किया गया। कोई संतोशजनक उत्तर विपक्षी से प्राप्त न होने पर परिवादी स्वयं विपक्षी बैंक में गया और जानकारी प्राप्त की, तो परिवादी अवाक रह गया। परिवादी को ज्ञात हुआ कि विपक्षी बैंक एवं उसके कर्मचारियों द्वारा परिवादी के साथ शड़यंत्र किया गया है। बैंक द्वारा परिवादी के खाते में नियत समय में धनराषि जमा कर दी गयी। तदोपरान्त परिवादी द्वारा अपने देनदारों को अवषेश अदायगी की गयी, जो कि बैंक द्वारा परिवादी के खाते से घटा भी दिया गया। तदोपरान्त बैंक द्वारा परिवादी को अदा किया गया अवषेश अवैधानिक तरीके से घटाया गया, जो कि परिवादी की धनराषि को हड़प करने तथा परिवादी के साथ धोखाधड़ी करने की नियत से किया गया। परिवादी द्वारा कोई ओवर ड्राफ्ट की सुविधा विपक्षी बैंक से नहीं ली गयी। फलस्वरूप परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद योजित किया गया।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 01.01.16 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 13.04.15 व 04.03.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची
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कागज सं0-5/1 के साथ संलग्न कागज सं0-5/2 लगातय् 5/12 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज सं0-5/2 लगायत् 5/12 प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से व एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि विपक्षी, परिवादी के बचत खाता संख्या- 2324000100166812 को दिनांक 25.09.13 की भाॅति पूर्ववत् रखे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए अदा करे। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
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ःःःआदेषःःः
6. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी, परिवादी के बचत खाता संख्या- 2324000100166812 को दिनांक 25.09.13 की भाॅति पूर्ववत् करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।