राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
(मौखिक)
विविध वाद संख्या-167/2024
भावना बनाम पी0एन0बी0 हाउसिंग फाइनेंस लि0 व अन्य
दिनांक: 28.05.2024
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत विविध प्रार्थना पत्र प्रार्थी/अपीलार्थी की ओर से इस न्यायालय द्वारा अपील संख्या-680/2023 भावना बनाम पी0एन0बी0 हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.05.2024 में टंकण त्रुटि के संधोधन हेतु प्रस्तुत किया गया है।
प्रार्थी/अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री शुभम श्रीवास्तव को सुना।
प्रार्थी/अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि उभय पक्ष के मध्य संविदा हुई थी अर्थात् जो डिपोजिट रसीद जारी की गयी थी, उसमें 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अवश्य था, किन्तु इसमें “CD HALF YRLY RECEIPT” भी अंकित था। इस प्रकार संविदा में प्रत्येक 06 माह पर ब्याज सहित धनराशि देय थी, जबकि उपरोक्त निर्णय एवं आदेश में केवल 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज संविदा के अनुसार आज्ञप्त किया गया है, किन्तु संविदा के इस तथ्य को समावेशित नहीं किया गया है कि यह एफ0डी0आर0 छमाही पर देय थी। इस प्रकार ब्याज भी प्रत्येक छमाही पर देय था।
प्रार्थी/अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता के उक्त तर्क में बल है। उपरोक्त निर्णय एवं आदेश में संविदा के अनुसार धनराशि पर ब्याज दिया गया है अर्थात् प्रत्येक छमाही पर ब्याज सहित धनराशि देय करने के लिए 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज ''प्रत्येक छमाही पर संचयी देय’’ किया जाना आवश्यक है।
अत: उपरोक्त निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.05.2024 के
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पृष्ठ 02 के प्रथम प्रस्तर में 12 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज के उपरान्त ''प्रत्येक छमाही पर संचयी देय’’, इसी प्रकार निर्णय के पृष्ठ 02 के तृतीय प्रस्तर में 12 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज के उपरान्त ''प्रत्येक छमाही पर संचयी देय’’, इसी प्रकार निर्णय के पृष्ठ 04 के अंतिम प्रस्तर में 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के उपरान्त ''प्रत्येक छमाही पर संचयी देय’’ तथा निर्णय के पृष्ठ 05 के आदेश के प्रथम प्रस्तर में 12 प्रतिशत साधारण ब्याज के उपरान्त ''प्रत्येक छमाही पर संचयी देय’’ हस्तलिपि में लाल इंक से संशोधन किया गया।
तदनुसार प्रस्तुत विविध प्रार्थना पत्र अन्तिम रूप से निस्तारित किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1