Rajasthan

Churu

700/2011

Hanuman Singh - Complainant(s)

Versus

PNB Bank - Opp.Party(s)

LKG

19 Jan 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. 700/2011
 
1. Hanuman Singh
Rajgarh Churu
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Shiv Shankar PRESIDENT
  Subash Chandra MEMBER
  Nasim Bano MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

प्रार्थी की ओर से श्री ललित कुमार गौतम अधिवक्ता उपस्थित। अप्रार्थी संख्या 1 व 2 की ओर से श्री सुरेश शर्मा अधिवक्ता उपस्थित। अप्रार्थी संख्या 3 की ओर से श्री नरेन्द्र शर्मा अधिवक्ता उपस्थित। अप्रार्थीगण अधिवक्ता ने अपनी बहस में तर्क दिया कि प्रार्थी को परिवाद में वर्णित अनुतोष परिवाद प्रस्तुत करने से पूर्व ही दिनांक 22.03.2011 को दिया जा चूका है उसके बावजूद भी प्रार्थी ने मिथ्या आधारों पर यह परिवाद पेश किया है। प्रार्थी क्लीन हैण्ड से मंच के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ। इसलिए प्रार्थी का परिवाद खारिज करने का तर्क दिया। प्रार्थी अधिवक्ता ने अप्रार्थीगण अधिवक्ता के तर्कों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि वह अनुतोष करीब 1 वर्ष बाद दिया है इसलिए प्रार्थी परिवाद व्यय प्राप्त करने का अधिकारी है। प्रार्थी अधिवक्ता ने परिवाद व्यय दिलाने का तर्क दिया।

           हमने उभय पक्षों के तर्काे पर मनन किया। पत्रावली का ध्यान पूर्वक अवलोकन किया। मंच का निष्कर्ष निम्न प्रकार है।

           अप्रार्थीगण अधिवक्ता ने अपनी बहस में मुख्य तर्क यही दिया कि प्रार्थी को परिवाद में वर्णित कम्प्यूटेशन राशि 3,05,392 रूपये का भुगतान नियमानुसार बाद कम्प्यूटेशन राशि लेस करते हुए दिनांक 22.03.2011 को प्रार्थी को भुगतान किया जा चूका है। अपनी बहस के समर्थन में अप्रार्थीगण अधिवक्ता ने पेन्शन काॅपी, आवेदन पत्र, राशि गणना विवरण, खाता विवरण की ओर ध्यान दिलाया जिनका ध्यान पूर्वक अवलोकन किया गया। उपरोक्त दस्तावेजों के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि प्रार्थी को उसकी पेन्शन कम्प्यूटेशन राशि 3,50,010 रूपये बाद कम्प्यूटेशन राशि दिनांक 01.02.2010 से 31.03.2011 तक 44,618 रूपये कम करते हुए 3,05,392 का भुगतान दिनांक 22.03.2011 को किया जा चूका है। जो परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 08.08.2011 से पूर्व ही किया जा चूका था। प्रार्थी ने अप्रार्थीगण द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज व गणना के सम्बंध में कोई आपत्ति या शपथ-पत्र प्रस्तुत नहीं किया। इससे यही साबित है कि प्रार्थी को वर्तमान प्रकरण में अप्रार्थीगण द्वारा परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक से पूर्व ही किया जा चूका था। इसलिए प्रार्थी का प्रकरण मंच की राय में आधारहीन व सारहीन होने के कारण खारिज किये जाने योग्य है।

           अतः प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थीगण के विरूद्ध अस्वीकार कर खारिज किया जाता है। पक्षकारान प्रकरण व्यय स्वंय अपना-अपना वहन करेंगे। पत्रावली फैसला शुमार होकर दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Shiv Shankar]
PRESIDENT
 
[ Subash Chandra]
MEMBER
 
[ Nasim Bano]
MEMBER

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