(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 1093/2014
Videocon International Ltd. through Manager/Incharge Opp. Sahara Ganj Shahnazaf Road, Hazratganj, Lucknow.
……….Appellant
Versus
Piyush Gupta, aged about 40 years, S/o Sri Mithilesh kumar gupta, Presently Working as Principal, Executive Office, Cancer Aid Society, Chowk, Lucknow and Another.
…………Respondent
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री अरुण टण्डन, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक:- 18.02.2022
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 16/2007 श्री पीयूष गुप्ता व एक अन्य बनाम इंचार्ज मै0 वीडियोकॉन इंटरनेशनल लि0 में जिला उपभोक्ता आयोग प्रथम, लखनऊ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 29.03.2014 के विरुद्ध यह अपील धारा- 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
2. अपील इन आधारों पर प्रस्तुत की गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय व आदेश तथ्य एवं विधि के विपरीत है। साक्ष्य की सही आख्या नहीं दी गई है।
3. परिवाद के तथ्यों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण द्वारा एक वाशिंग मशीन तथा तीन एअर कंडीशनर अपीलार्थी/विपक्षी से क्रय किए गए थे, जिन्होंने सही कार्य नहीं किया और खराब हो गई। प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण ने इन सभी उपकरणों को बदलने या उनकी कीमत अदा करने का अनुरोध किया, परन्तु अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा यह अनुरोध स्वीकार नहीं किया गया, इसलिए परिवाद प्रस्तुत किया गया।
4. अपीलार्थी/विपक्षी का कथन है कि परिवाद समयावधि से बाधित है, क्योंकि एअर कंडीशनर दि0 29.03.2003, दि0 28.02.2004 एवं वाशिंग मशीन दि0 28.02.2004 को क्रय किए गए थे जब कि परिवाद वर्ष 2007 में प्रस्तुत किया गया है।
5. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि वारण्टी पीरिएड समाप्त होने के 02 वर्ष के अन्दर परिवाद प्रस्तुत किया गया है, इसलिए समयावधि से बाधित नहीं है।
6. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अरुण टण्डन को सुना गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
7. पत्रावली के अवलोकन से ज्ञात होता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने उपकरणों के डिफेक्टिव होने के बिन्दु पर निष्कर्ष पारित किया है, अत: इस निष्कर्ष में हस्तक्षेप करना उचित प्रतीत नहीं होता है, परन्तु विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज अदा करने का आदेश दिया है जो उच्च श्रेणी का है। ब्याज दर कम कर 06 प्रतिशत वार्षिक किया जाना उचित है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
8. अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय व आदेश केवल इस सीमा तक परिवर्तित किया जाता है कि प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण को देय राशि अंकन 57,230/-रू0 पर 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज देय होगा, शेष निर्णय व आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3