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Mohd. Imran khan filed a consumer case on 26 Aug 2015 against Pioneer Automobile in the Kota Consumer Court. The case no is CC/436/2008 and the judgment uploaded on 26 Aug 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीनः-
01. नंदलाल शर्मा ः अध्यक्ष
02. महावीर तंवर ः सदस्य
परिवाद संख्या:-436/08
मोहम्मद इमरान खान पुत्र लियाकत अली आयु 27 वर्ष निवासी मकान नम्बर 46 आकाशवाणी के पीछे कोटा। परिवादी
बनाम
01. पाईनियर ओटो मोबाईल, 10, न्यू मोटर मार्केट,कोटा।
02. सेनट गोबेन सिक्यूरिटी इंडिया लिमिटेउ टी 94-95 भोसारी इन्डस्ट्रीयल स्टेट पुणे महाराष्ट्र 411026 अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री वी0के0 सक्सेना, अधिवक्ता,परिवादी की ओर से ं।
02. श्री सुरेश माथुर, अधिकवक्ता, अप्रार्थी सं. 1 की ओर से।
03. अप्रार्थी सं. 2 के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही।
निर्णय दिनांक 26.08.2015
परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया उसने अप्रार्थी सं. 1 की दुकान से दिनांक 22.08.08 को एक कांच 2450/- रूपये का कांच,425/- रूपये का रबर,सीलन 250/- रूपये की खरीद बिल सं. 52863 से की थी। परिवादी ने उसकी एस्टीम कार में फ्रन्ट कांच लगाने के लिये दिनांक 23.08.03 को वैष्णवी मोटर गैराज को दिया, जिसे सूखने के लिये एक दिन खडा रखा। परिवादी दिनांक 24.08.08 को उक्त गैराज पर अपनी गाडी लेने गया तो देखा कि चालक सीट के पास वाली सीट पर वाईपर के पास हल्का सा क्रेक दिखा तो उसने अप्रार्थी सं. 1 से उक्त शिकायत की तो उसने कहा कि अभी तो गाडी चलाओ एक- डेढ महीने बाद मिस्त्री आयेगा तब कांच को खोलकर बदल देगे। दिनांक 10.09.08 को परिवादी अप्रार्थी सं. 1 पास गया तो उसने कहा की तुम्हारी मर्जी आवे वो करो कांच नही बदलेगा। अप्रार्थी सं. 1 द्वारा दिया गया कांच घटिया किस्म के निर्माण का था और अप्रार्थी सं. 1 ने कहा था कि एक दो कारो में इसी प्रकार का डिफेक्ट था। अप्रार्थी सं. 1 का उपरोक्त कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है इसलिये परिवादी को अप्रार्थीगण से क्षतिपूर्ति की राशि, मानसिक संताप, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
अप्रार्थी सं. 1 ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि काूचों की कोई गारन्टी नही दी जाती है। परिवादी को कांच बेचा तब उसमें किसी प्रकार का क्रेक नहीं था, निर्माणाकालीन दोष नहीं था, डिफेक्ट नही था, दरार नही थी। परिवादी जांच परखकर संतुष्ट होने पर कांच खरीदा था। कांच की कोई गारंटी नही देता। परिवादी ने गाडी पर कांच चडवाया उस दौरान कांच में क्रेक आया होगा। वैष्णवी मौटर गैराज को परिवाद में पक्षकार नहीं बनाया गया है, इस कारण परिवादी का परिवाद चलने योग्य नहीं है। अप्रार्थीसं. 1 व 2 ने परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की है। परिवादी अप्रार्थीगण से किसी भी प्रकार की राहत पाने का अधिकारी नहीं है। परिवादी का परिवाद मिथ्या कथनों पर आधारित है। परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।
अप्रार्थी सं. 2 के खिलाफ 24.11.11 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. आया परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?
परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र, कांच खरीदने के बिल की फोटो कापी से परिवादी, अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है।
02. आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि यह तथ्य उभय पक्ष स्वीकार करते है कि परिवादी ने अप्रार्थीसं. 1 से कांच व अन्य सामान खरीदे। इससे आगे उभय पक्ष में मतभेद है परिवादी कहता है कि अप्रार्थी सं. 1 ने उसे घटिया किस्म का निर्माणाकालीन दोष वाला क्रेक कांच दिया दूसरी तरफ अप्रार्थी सं. 1 अपने जवाब में कहता है कि परिवादी उसकी दुकान से कांच जांच परख कर ले गया था तथा उस समय उसमें किसी प्रकार का क्रेक नहीं था इसीलिये संतुष्ट होने के बाद कांच को खरीद कर ले गया। परिवादी ने उक्त कांच को वैष्णवी मोटर गैराज वाले के यहाॅ चडवाया चडवाते समय उपेक्षा पूर्ण लापरवाही से चडाने के कारण क्रेक आना संभव है परन्तु परिवादी उक्त मोटर गैराज वाले को परिवाद में पक्षकार नहीं बनाया जो मंच में आकर सही स्थिति को बताता। परन्तु परिवादी ने वैष्णवी मोटर गैराज वाले को पक्षकार नहीं बनाया है और ना ही उसका शपथ-पत्र मंच में पेश किया है, इसलिये परिवादी द्वारा खरीदे गये कांच में क्रेक कैसे आया । आया यह क्रेक कांच में पहले से था या परिवादी की गाडी में कांच लापरवाही से चडाने के कारण आया? इस स्थिति को वैष्णवी मोटर गैराज वाले ही बता सकते थे उनको परिवादी ने इस परिवाद में पक्षकार नही बनाने से सही स्थिति का पता नही चल सकता बल्कि स्थिति संदेहास्पद हो जाती है। वैष्णवी मोटर गैराज को परिवादी ने इस परिवाद में पक्षकार नहीं बनाया, इसलिये हमारे विचार से परिवादी अप्रार्थीगण का सेवा दोष साबित करने में विफल रहा है।
03. अनुतोष ?
परिवादी का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी मोहम्मद ईमरान खान का परिवाद, अप्रार्थीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। खर्चा परिवाद पक्षकारान अपना-अपना स्वयं वहन करेगे।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 26.08.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
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