राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-110/2020
सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया
बनाम
फूल सिंह व अन्य
समक्ष:-
1. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
3. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलाथी की ओर से उपस्थित : श्री शरद कुमार शुक्ला, अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री टी0एच0 नकवी, अधिवक्ता।
दिनांक 08.06.2023
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या 176/2014 फूल सिंह बनाम शाखा प्रबंधक सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया व एक अन्य में पारित निर्णय व आदेश दि. 26.09.2019 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। जिला उपभोक्ता मंच ने परिवाद स्वीकार करते हुए दिनांक 04.10.14 को ए.टी.एम. से व्यक्तिगत रूप से रू. 25000/- की निकासी करने पर इस राशि को अदा करने का आदेश पारित किया है, साथ ही रू. 2000/- परिवाद व्यय के रूप में अदा करने का आदेश किया गया है।
2. परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी का खाता संख्या 3108383105 सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा पैलानी में है और खाते की जानकारी उसके मोबाइल नम्बर 9450170192 पर एस.एम.एस से मिलती रहती है। परिवादी ने दि. 03.10.14 को एच.डी.एफ.सी. बैंक रमेडी, हमीरपुर बैंक शाखा के ए.टी.एम. से रू. 25000/- की निकासी किया और दिनांक 04.10.14 को समय लगभग 07.09 सुबह उसके
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मोबाइल नम्बर पर एस0एम0एस0 प्राप्त हुआ कि परिवादी के खाते से रू. 25000/- की पुन: निकासी हो गयी है। परिवादी ने चेक किया तो ज्ञात हुआ कि उसके एकाउन्ट से रू. 25000/- की निकासी दिनांक 03.10.14 को शाम 07.00 बजे वु पुन: निकासी दिनांक 04.10.2014 को 07.00 बजे सुबह रू. 25000/- की निकासी हुई है। परिवादी द्वारा उपरोक्त के संबंध में शिकायत दर्ज करायी गई है, परन्तु विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।
3. विपक्षी संख्या 1 का कथन है कि परिवादी द्वारा ए.टी.एम. का दुरूपयोग किया गया है, या अपना गोपनीय नम्बर किसी अन्य को बताया गया है या उनके द्वारा ही पैसा निकाला गया है। परिवादी के बैंक के द्वारा रू. 25000/- एच.डी.एफ.सी. बैंक को अदा किए गए हैं, यदि ए.टी.एम. मशीन में कोई तकनीकी खराबी थी तब उसकी जिम्मेदारी विपक्षी संख्या 2 की है, बैंक का उत्तरदायित्व नहीं है।
4. विपक्षी संख्या 2 का कथन है कि केवल 03.10.14 को विपक्षी के ए.टी.एम. से परिवादी द्वारा धनराशि निकाली गई है, 04.10.2014 को किसी प्रकार की परिवादी के ए.टी.एम. कार्ड से कोई धनराशि नहीं निकाली गई है, इसलिए विपक्षी संख्या 2 के स्तर से सेवा में कोई त्रुटि कारित नहीं की गई।
5. जिला उपभोक्ता मंच ने साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात विपक्षी संख्या 1/अपीलार्थी को सेवा में कमी के लिए उत्तरदायी मानते हुए अवैध रूप से निकाली गई धनराशि रू. 25000/- वापस लौटाने का आदेश पारित किया है।
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6. इस निर्णय व आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्तुत की गई है कि जिला उपभोक्ता मंच द्वारा साक्ष्य के विपरीत अवैध निर्णय पारित किया है, परिवादी के पास कार्ड है, पिन नम्बर है, उसके द्वारा ही निकासी की गई है, बैंक का कोई दोष नहीं है।
7. दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तओं को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय व पत्रावली का अवलोकन किया गया।
8. जिला उपभोक्ता मंच ने अपने निर्णय में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि दिनांक 04.10.2014 को विपक्षी संख्या 2 की ए.टी.एम. मशीन से रू. 25000/- की धनराशि परिवादी द्वारा निकाले जाने का कोई साक्ष्य नहीं है, जबकि विपक्षी संख्या 1 ने परिवादी के खाते से रू. 25000/- की कटौती कर ली गई है। परिावदी द्वारा इस आशय की शिकायत की गई, परन्तु विपक्षी संख्या 1 द्वारा यह जांच करने तक का प्रयास नहीं किया कि अंकन रू. 25000/- की धनराशि किस प्रकार एवं किस बैंक के ए.टी.एम. से निकल गई। इस निषकर्ष में हस्तक्षेप करने का कोई आधार प्रतीत नहीं होता, तदनुसार अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
9. अपील निरस्त की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
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आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (राजेन्द्र सिंह) (सुशील कुमार) अध्यक्ष सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-1