Uttar Pradesh

StateCommission

A/1872/2016

Manager Krishana Ice and Cold Storage - Complainant(s)

Versus

Phool Singh And Oth - Opp.Party(s)

Alok Kumar Singh

30 Dec 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1872/2016
(Arisen out of Order Dated 22/08/2016 in Case No. C/89/1999 of District Mathura)
 
1. Manager Krishana Ice and Cold Storage
Mathura
...........Appellant(s)
Versus
1. Phool Singh And Oth
Mathura
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Smt Balkumari MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 30 Dec 2016
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-1872/2016

(सुरक्षित)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, मथुरा द्वारा परिवाद संख्‍या 89/1999 में पारित आदेश दिनांक 22.08.2016 के विरूद्ध)

Manager Krishna Ice & Cold Storage, 2 Km ahead of Salimpur Mandi Samiti, Saunkh Road, Mathura.

                              ....................अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम

1. Phool Singh

2. Ram Sahay S/o- Sri Dileep Singh R/o-  Neemgaon                     

   PO-Neemgaon, Tehsil Maat, Distt. Mathura.                      

                           ................प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्रीमती बाल कुमारी, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक कुमार सिंह,                                                  

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार मिश्रा,                                    

                             विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 18.04.2017        

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या-89/1999 फूल सिंह व एक अन्‍य बनाम प्रबन्‍धक कृष्‍णा आइस एण्‍ड कोल्‍ड स्‍टोरेज, सलीमपुर मण्‍डी समिति में जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, मथुरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 22.08.2016 के विरूद्ध यह अपील उपरोक्‍त परिवाद के विपक्षी प्रबन्‍धक कृष्‍णा आइस एण्‍ड कोल्‍ड स्‍टोरेज की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।  

 

-2-

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने उपरोक्‍त परिवाद स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण को उनके आलू की क्षति के मद में एक मुस्‍त 1,00,000/-रू0 फोरम के आदेश के तिथि से    30 दिन के अन्‍दर अदा करे। इसके साथ ही जिला फोरम ने यह भी निर्देशित किया है कि उपरोक्‍त धनराशि पर अपीलार्थी/विपक्षी, प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण को परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी अदा करेगा। जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी को यह भी आदेशित किया है कि वह प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण को 4000/-रू0 वाद व्‍यय भी अदा करे।

अपीलार्थी/विपक्षी  की  ओर  से  उनके  विद्वान  अधिवक्‍ता   श्री आलोक कुमार सिंह और प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण की ओर से उनके विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार मिश्रा उपस्थित आए हैं।

हमने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय और आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

     वर्तमान अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण ने जिला फोरम के समक्ष   परिवाद इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उन्‍होंने      दिनांक 01.03.1999 को अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में 300-300 बोरा आलू जमा करने हेतु एडवांस बुकिंग के रूप में 1500-1500/-रू0 जमा किया। तब उन्‍हें अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा यह बताया गया कि यह आलू दिनांक 15.03.1999 तक कोल्‍ड  स्‍टोरेज

-3-

में जमा किया जा सकता है। तदनुसार वे अपना आलू लेकर ट्रैक्‍टर से दिनांक 10.03.1999 को अपीलार्थी/विपक्षी के पास गए, परन्‍तु उसने उनका आलू जमा नहीं किया। वे दोनों दिनांक 25.03.1999 तक रूके रहे। अपीलार्थी/विपक्षी ने उनका आलू जमा नहीं किया, जिससे उनका आलू खराब हो गया और दोनों प्रत्‍यर्थीगण        को मु0 3,00,000/-रू0 का नुकसान हुआ। अत: उन्‍होंने अपीलार्थी/विपक्षी को कानूनी नोटिस देकर परिवाद जिला फोरम के समक्ष संयुक्‍त रूप से प्रस्‍तुत किया है और 3,00,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति‍ ब्‍याज सहित मांगा है।

     जिला फोरम के समक्ष अपीलार्थी/विपक्षी ने लिखित कथन प्रस्‍तुत कर परिवाद का विरोध किया है और कहा है कि परिवाद पोषणीय नहीं है।

लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी ने यह भी कहा है कि दिनांक 01.03.1999 को प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण ने 1500-1500/-रू0 उसके कोल्‍ड स्‍टोरेज में जमा किया था और उस समय यह स्‍पष्‍ट कर दिया गया था कि 15 मार्च तक ही आलू जमा किया जाना अपेक्षित है, परन्‍तु निश्चित अवधि में उन्‍होंने अपना आलू जमा नहीं किया और उसके कोल्‍ड स्‍टोरेज में आलू जमा करने की जगह बाकी रही। अत: दिनांक 25.03.1999 को आलू कोल्‍ड स्‍टोरेज में रखने हेतु प्रकाशन कराया और इस अवधि में जो भी कृषक       आलू ले आए, उनका आलू उसने कोल्‍ड स्‍टोरेज में सुरक्षित         रखा।  

 

-4-

     लिखित कथन में अपीलार्थी/विपक्षी ने कहा है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण ने गलत कथन के साथ परिवाद प्रस्‍तुत किया है। अत: निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

     जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन पर विचार करने के उपरान्‍त परिवाद स्‍वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध उपरोक्‍त प्रकार से आदेश पारित किया है, जिससे क्षुब्‍ध होकर अपीलार्थी/विपक्षी ने अपील प्रस्‍तुत की है।

     अपीलार्थी/विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के विरूद्ध है और त्रुटिपूर्ण है। अत: निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश साक्ष्‍य और विधि के अनुकूल है और इसमें किसी हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

हमने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।

उभय पक्ष के अभिकथन से यह स्‍पष्‍ट है कि यह स्‍वीकृत तथ्‍य है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण ने अपने 300-300 बोरे आलू रखने हेतु अग्रिम धनराशि 1500-1500/-रू0 दिनांक 01.03.1999 को अपीलार्थी/विपक्षी के यहॉं जमा किया है, परन्‍तु उनका आलू अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में नहीं रखा गया है। अपीलार्थी/विपक्षी का कथन है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण स्‍वयं अपना आलू लेकर नहीं आए हैं, जबकि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण का कथन    है कि वे अपना  आलू  निर्धारित  तिथि  पर  लेकर  गए,  परन्‍तु

-5-

अपीलार्थी/विपक्षी ने उनका आलू कोल्‍ड स्‍टोरेज में नहीं रखा। प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण की ओर से जिला फोरम के समक्ष अपने आलू ट्रैक्‍टर से अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में ले जाने का फोटोग्राफ प्रस्‍तुत किया गया है और उसे फोटोग्राफर संजय के शपथ पत्र के माध्‍यम से साबित किया गया है, जिससे स्‍पष्‍ट है कि ट्रैक्‍टर पर लदा आलू वे लेकर अपीलार्थी/विपक्षी के कोल्‍ड स्‍टोरेज में गए हैं। जिला फोरम ने उभय पक्षों द्वारा प्रस्‍तुत शपथ पत्रों पर विचार किया है और प्रस्‍तुत साक्ष्‍यों की विधिक समीक्षा के उपरान्‍त प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण के कथन को मान्‍यता प्रदान की है और यह माना है कि उनके द्वारा 1500-1500/-रू0 एडवांस अपीलार्थी/विपक्षी के यहॉं जमा किए जाने के बाद भी उनके आलू को अपीलार्थी/विपक्षी ने अपने कोल्‍ड स्‍टोरेज में नहीं रखा है। अत: अपीलार्थी/विपक्षी ने सेवा में त्रुटि की है। जिला फोरम का यह निष्‍कर्ष साक्ष्‍य की विधिक समीक्षा पर आधारित है। इसे आधार रहित और विधि विरूद्ध नहीं कहा जा सकता है।

उपरोक्‍त विवेचना और उपरोक्‍त निकाले गए निष्‍कर्ष से यह स्‍पष्‍ट है कि यह मानने योग्‍य उचित आधार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण से अपीलार्थी/विपक्षी ने अपने कोल्‍ड स्‍टोरेज में उनके 300-300 बोरे आलू रखने हेतु 1500-1500/-रू0 अग्रिम धनराशि प्राप्‍त की है और उसके बाद उनके आलू को अपने कोल्‍ड स्‍टोरेज में नहीं रखा है। इस प्रकार अपीलार्थी/विपक्षी ने संविदा  भंग किया  है।  अत:  जिला  फोरम  ने  प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण  को

 

-6-

अपीलार्थी/विपक्षी से जो 1,00,000/-रू0 क्षतिपूर्ति दिलायी है, वह उचित है। इसे अधिक और अनुचित नहीं कहा जा सकता है।

उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस मत के हैं कि जिला‍ फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश में हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है।

सम्‍पूर्ण विवेचना के आधार पर हम इस मत के हैं कि अपील बल रहित है और सव्‍यय निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

     अपील 5000/-रू0 (पांच हजार रूपया मात्र) वाद व्‍यय सहित निरस्‍त की जाती है। वाद व्‍यय की यह धनराशि अपीलार्थी/विपक्षी, प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण को अदा करेगा।

अपीलार्थी की ओर से धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि ब्‍याज सहित जिला फोरम को विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

    

     (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)           (बाल कुमारी)       

           अध्‍यक्ष                    सदस्‍य           

 

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1     

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Smt Balkumari]
MEMBER

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