Final Order / Judgement | जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ। परिवाद संख्या-179/2016 उपस्थित:-श्री अरविन्द कुमार, अध्यक्ष। श्रीमती स्नेह त्रिपाठी, सदस्य। श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य। परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-26/05/2016 परिवाद के निर्णय की तारीख:-12.01.2021 आरती दुबे पत्नी श्री कृष्ण कुमार दुबे निवासिनी म0नं0-46, ग्राम एवं पोस्ट–पनियारी, थाना-मानधाता, जिला प्रतापगढ़-230404। .........परिवादिनी। बनाम - फोनिक्स इन्फ्रास्टेट इण्टरनेशनल लिमिटेड स्थित-रजिस्टर्ड आफिस 16, फोनिक्स टावर, कंचन सरिता, लोकमत स्क्वायर रामदासपेठ वर्धा रोड, नागपुर-15 महाराष्ट्र द्वारा प्रबन्ध निदेशक।
- श्री जितेश नशीने, चेयरमैन फोनिक्स इन्फ्रास्टेट इण्टरनेशनल लिमिटेड, पुत्र श्री नरायन नसीने निवासी-97 जयहिन्द सोसाइटी, श्यामनगर, सोमालवडा, नागपुर, महाराष्ट्र-440022 वर्तमान पता-रेहाते कालोनी, वर्धा रोड, नागपुर, महाराष्ट्र।
- श्री अहमद जिवानी, निदेशक फोनिक्स इन्फ्रास्टेट इण्टरनेशनल लिमिटेड, पुत्र श्री अब्दुल भाई जिवानी निवासी-छावनी नगर, जिला-नागपुर, महाराष्ट्र।
- श्री विजय कुमार गौतम, निदेशक फोनिक्स इन्फ्रास्टेट इण्टरनेशनल लिमिटेड पुत्र श्री मानिक राम गौतम निवासी-प्लाट नं0-40 जैपाभू कुफोसो, डेल्टारोडी रोड, सोमालवाडा, नागपुर, महाराष्ट्र वर्तमान पता-लक्ष्मीनगर, नागपुर, महाराष्ट्र।
- श्री महेश, निदेशक फोनिक्स इन्फ्रास्टेट इण्टरनेशनल लिमिटेड पुत्र श्री नारायण नसीने निवासी-रत्नाकर अम्बार्कर, प्लाट नं0-37 ईगोलेनगर, वर्धा रोड, नागपुर, महाराष्ट्र-440025 ।
- श्री गोकुल शंकर राव, बैंकर फोनिक्स इन्फ्रास्टेट इण्टरनेशनल लिमिटेड, पुत्र श्री शंकर राव बैंकर निवासी-गुरूमाई प्लाट नं0-5, सचिन ले-आउट, आर्शिवाद हाईस्कूल, जावल, गायत्रीनगर, झिंगाबाई तकली, नागपुर, वर्तमान पता-सांई पैलेस, द्वितीय तल, 3/545 विवेकखण्ड, गोमती नगर लखनऊ।
- श्री पवनेश कुमार पटेल, फोनिक्स इन्फ्रास्टेट इण्टरनेशनल लिमिटेड, पुत्र श्री राजेन्द्र प्रसाद पटेल निवासी-ग्राम-शाहपुर, पोस्ट-दीवानगंज, थाना-फूलपुर, जिला-इलाहाबाद, वर्तमान पता- सांई पैलेस, द्वितीय तल, 3/545 विवेकखण्ड, गोमती नगर लखनऊ।
...........विपक्षीगण। आदेश द्वारा-श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य। निर्णय परिवादिनी ने प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण से प्लाट संया 254 खाता संख्या 53, 54 मिनजुमला मौजा-जैतीखेड़ा, तहसील-बिजनौर, जिला लखनऊ की रजिस्ट्री/बैनामा परिवादिनी के पक्ष में करने अथवा 4,63,518.00 रूपये 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से दिनॉंक 25.03.2012 से, मानसिक पीड़ा एवं आर्थिक क्षति के लिये 20,000.00 रूपये एवं वाद व्यय 10,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है। संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षीगण फोनिक्स इन्फ्रास्टेट इण्टरनेशनल लिमिटेड एक रजिस्टर्ड कम्पनी है तथा कम्पनी का रजिस्टर्ड आफिस 16, फोनिक्स टावर, कंचन सरिता, लोकमत स्क्वायर रामदासपेठ वर्धा रोड, नागपुर-15 महाराष्ट्र में स्थित है। आपकी कम्पनी ने 3/117 विनयखण्ड, निकट पत्रकारपुरम, गोमतीनगर लखनऊ में रियल स्टेट का बिजनेस करने के लिये एक क्षेत्रीय आफिस बनाया तथा उपरोक्त कम्पनी ने रायबरेली रोड के मौजा-जैतीखेड़ा, तहसील-बिजनौर, जिला-लखनऊ में प्लाटिंग करने का काम शुरू किया तथा कम्पनी ने प्रचार-प्रसार भी किया। परिवादिनी को जानकारी होने पर वह आपके वर्तमान आफिस 3/117 विनयखण्ड, निकट पत्रकारपुरम, गोमतीनगर लखनऊ आकर ऑफिस के कर्मचारीगणों से मिली तथा ड्रीम लैण्ड नाम के प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी प्राप्त की। कम्पनी द्वारा परिवादिनी को प्लाटिंग की जगह पर ले जाकर दिखाया गया कि जैतीखेड़ा स्थित खसरा संख्या– 53, 54, 55, 70, 94, 132, 133, 134, 135, 136 एरिया लगभग 28 बीघा (17.5 एकड़) तहसील बिजनौर, जिला-लखनऊ में स्थित है। इस जमीन को मेरी कम्पनी ने किसानों से क्रय कर लिया है तथा उपरोक्त जमीन को कम्पनी डेवलप करके यहॉं पर गार्डन, सिक्योरिटी, ड्रेनेज, फ्लावर गार्डन, हॉस्पिटल, प्राइमरी स्कूल, क्लब हाउस, ओवर हेड टैंक, स्विमिंग पूल, रोड, स्ट्रीट लाइट व चिल्ड्रेन प्ले ग्राउण्ड, बिजली, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार एवं अन्य सुविधायें आप लोगों को दॅूंगा। आपने यह भी कहा कि मेरी कम्पनी ने इस जमीन का विकास करने के लिये मुख्य कार्यपालक अधिकारी, लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उ0प्र0 को एक पत्र भी प्रेषित किया है जो कि स्वीकृत हो गया है। आपके द्वारा बताया गया कि 535.00 रूपये प्रति वर्गफिट के हिसाब से प्लाट को बेचा जा रहा है तथा आउट प्लान के हिसाब से परिवादिनी को प्लाट नं0-254 एरिया लगभग 871.884 वर्गफिट (80.99 वर्गमीटर) में अप्रैल 2012 में बुकिंग किया था जिसमें प्लाट की कीमत का बुकिंग के समय 10 प्रतिशत धनराशि तथा एग्रीमेंट के समय 20 प्रतिशत धनराशि जमा करना कम्पनी के नियम एवं शर्तों के अनुसार आवश्यक है तथा शेष धनराशि 15 समान मासिक किश्तों में देना होगा। दिनॉंक 12.05.2012 को आपकी कम्पनी के डायरेक्टर ने परिवादिनी से 100.00 रूपये के स्टाम्प पर कम्पनी के नियम एवं शर्तों का उल्लेख करते हुए 535.00 रूपये प्रति वर्गफिट के हिसाब से 80.99 वर्गमीटर का प्लाट नम्बर 253 स्थित-जैती खेड़ा, तहसील-बिजनौर, लखनऊ को बेचा जिसकी कुल धनराशि 4,66,458.00 होती है उसमें से परिवादिनी ने 1,39,023.00 रूपये आपकी कम्पनी के नाम चेक संख्या 636425 स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया दिनॉंकित 25.03.2012 का दिया था, शेष धनराशि 15 समान मासिक किश्तों में देने के लिए एग्रीमेंट किया। परिवादिनी ने कुल 4,63,518.00 रूपया जमा किया। परिवादिनी के भांजे ने विपक्षीगण की कम्पनी स्थित आफिस में उपरोक्त प्लाट की रजिस्ट्री के लिये सम्पर्क किया तो विपक्षीगण ने रजिस्ट्री करने मे हीला-हवाली किया तब परिवादिनी के भांजे ने कम्पनी के हेड आफिस में प्लाट की रजिस्ट्री के संबंध में ईमेल किया तो दिनॉंक 08.09.2015 को कम्पनी द्वारा एक पत्र परिवादिनी के भांजे के पते पर रजिस्टर्ड डाक से प्रेशित किया गया जिसमें कम्पनी द्वारा थोड़ा समय प्रदान करने की बात कही थी, उस पत्र पर चन्द्रशेखर देशभतार के हस्ताक्षर भी हैं तथा वह कम्पनी द्वारा अधिकृत किये गये हैं तथा कम्पनी के कर्मचारी हैं। पत्र प्राप्ति के बाद कम्पनी के उच्चाधिकारियों से कई बार रजिस्ट्री के संबंध में वार्ता की परन्तु कोई सही उत्तर नहीं दिया गया। परिवादिनी ने जब कम्पनी के स्थित कार्यालय विनयखण्ड गोमतीनगर लखनउा गयी तो वह आफिस वहॉं पर वर्तमान समय में स्थित नहीं है। कम्पनी द्वारा किये गये कृत्य से परिवादिनी को अत्यन्त पीड़ा हुई और उसकी गाढ़ी कमाई कम्पनी ने धोखाधड़ी करके उससे ले लिया और एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार प्लाट भी नहीं दिया। कम्पनी का यह कृत्य आपराधिक प्रवृत्ति का है जिसके लिये कम्पनी एवं उसके निदेशक एवं विपक्षी संख्या 06 व 07 जिम्मेदार हैं। परिवादिनी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से एक नोटिस मामले की शिकायत करते हुए पंजीकृत डाक से दिनॉंक 18.03.2016 को भेजा गया जिसमें बकाया धनराशि की मॉंग की गयी, परन्तु आज तक विपक्षीगणों द्वारा नोटिस का जवाब भी नहीं दिया गया तथा न ही पैसों का भुगतान किया गया। इन्ही मामलों से संबंधित परिवाद संख्या 154/2016 शिव नरायन लाल श्रीवास्तव बनाम फोनिक्स इंफ्रास्टेट इण्टरनेशनल, परिवाद संख्या 155/2016 अमित कुमार बनाम फोनिक्स इंफ्रास्टेट इण्टरनेशनल, परिवाद संख्या 157/2016 राजेश कुमार त्रिपाठी बनाम फोनिक्स इंफ्रास्टेट इण्टरनेशनल, परिवाद संख्या 158/2016 देवेन्द्र बहादुर लाल बनाम फोनिक्स इंफ्रास्टेट इण्टरनेशनल माननीय फोरम के समक्ष विचाराधीन है जिसमें अग्रिम तिथि 05.08.2016 सुनवाई हेतु नियत है। वाद की कार्यवाही विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही है। पत्रावली पर उपलब्ध तथ्यों एवं साक्ष्य का अवलोकन किया गया जिससे प्रतीत होता है कि परिवादिनी ने विपक्षीगण से स्टाम्प पेपर पर कम्पनी के नियम एवं शर्तों का उल्लेख करते करते हुए 535.00 रूपये प्रति वर्गफिट के हिसाब से 88.99 वर्गमीटर का प्लाट नम्बर-253 जैती खेड़ा में परिवादिनी को विपक्षीगण द्वारा बेचा गया, जिसके लिये परिवादिनी द्वारा कुल 4,63,518.00 रूपये जमा किया गया। परन्तु कम्पनी द्वारा प्लाट की रजिस्ट्री नहीं की गयी और परिवादिनी द्वारा स्वयं तथा ईमेल से संपर्क करने पर भी रजिस्ट्री नहीं की गयी और न ही जमा धनराशि वापस की गयी। परिवादिनी द्वारा इस संबंध में कम्पनी के उच्चाधिकारियों से भी वार्ता की गयी, परन्तु उनके द्वारा भी कोई सही उत्तर नहीं दिया गया। पत्रावली के अवलोकन से प्रतीत होता है कि कम्पनी द्वारा एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन किया गया है, और परिवादिनी को प्लाट का मूल्य अदा करने के बाद भी प्लाट की रजिस्ट्री नहीं की गयी और न ही उनको जमा धनराशि वापस की गयी। परिवादिनी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से रजिस्टर्ड विधिक नोटिस भी विपक्षीगण को भेजा गया, इसके बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा रजिस्ट्री/पैसा वापस की कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इसके अतिरिक्त विपक्षीगण द्वारा इस संबंध में वाद दायर होने के बाद में न तो कोई साक्ष्य प्रस्तुत किया गया और न ही उत्तर पत्र प्रस्तुत किया गया। पत्रावली पर उपलब्ध तथ्यों से स्पष्ट होता है कि विपक्षीगण द्वारा एग्रीमेंट का अनुपालन नहीं किया गया है और परिवादिनी को आवंटित किये गये प्लाट की रजिस्ट्री नहीं की गयी न ही धनराशि वापस की गयी। ऐसी परिस्थिति में परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है। आदेश परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, तथा विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादिनी द्वारा जमा धनराशि मुबलिग 4,63,518.00 (चार लाख तिरसठ हजार पॉंच सौ अट्ठारह रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वाद दायर करने की तिथि से, 45 दिन के अन्दर अदा करें। साथ ही साथ मानसिक पीड़ा एवं आर्थिक क्षति के लिये मुबलिग 15,000.00 (पन्द्रह हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्यय के लिये मुबलिग 5000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी परिवादिनी को अदा करेंगे। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है, तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा। (अशोक कुमार सिंह) (स्नेह त्रिपाठी) (अरविन्द कुमार) सदस्य सदस्य अध्यक्ष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ। | |