जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर प्रथम, जयपुर
समक्ष: श्री राकेश कुमार माथुर - अध्यक्ष
श्रीमती सीमा शर्मा - सदस्य
श्री ओमप्रकाश राजौरिया - सदस्य
परिवाद सॅंख्या: 258/2012
ब्रिगेडियर कपित देव आर्य पुत्र श्री देव दत्त आर्य, अतिरिक्त वाईस चैयरमैन, चिंकारा आफिसर्स इंस्टीटयूट, जयपुर , हाल निवासी बी-161, जनता काॅलोनी, जयपुर Û
परिवादी
ं बनाम
1. मुख्य कार्यकारी अधिकारी, फिलिप्स इलैक्ट्रोनिक्स इण्डिया लिमिटेड, 9 वीं मंजिल, डीएलआर 9-बी, डीएलएफ साईबर सिटी, डीएलएफ फेज-3, सेक्टर 25, गुडगांव 13302 (हरियाणा)
2. रिजनल कन्ज्यूमर केयर मैनेजर, नोथे फिलिप्स इलैक्ट्रोनिक्स इण्डिया लिमिटेड, 9वीं मंजिल, डीएलआर 9-बी, डीएलएफ साईबर सिंटी, डीएलएफ साईबर सिटी, डीएलएफ फेज-3, सेक्टर 25, गुडगांव 13302 (हरियाणा)
3. प्रबंधक, फिलिप्स इण्डिया लिमिटेड, गोकुल धाम, पेट्रोल पम्प के पास, विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र, रोड नं.3, जयपुर Û
4. फ्यूचर बाजार इण्डिया लिमिटेड, पंजीकृत कार्यालय - पेन्टालून नालेज हाउस, श्याम नगर, जोगेश्वरी विर्खोली लिंक रोड़, जोगेश्वरी (इस्ट) मुम्बई 400060
विपक्षी
अधिवक्तागण :-
श्री शशिकांत सैनी - परिवादी
श्री योगेश अग्रवाल, मनीष शर्मा - विपक्षी सं. 4
परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक: 07.02.12
आदेश दिनांक: 07.05.2015
परिवाद में अंकित तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने फिलिप्स कम्पनी का एक होम थियेटर भ्ज्ै 3560 भ्ज्प्ठ ैंजमससपजम फ्यूचर बाजार डाॅट काम द्वारा दिनांक 07 जून 2011 को 15999/- रूपए में खरीद किया था जिस पर एम आर पी 22,990/- रूपए अंकित थी । परिवादी का कथन है कि उसे उक्त होम थियेटर 17 जून 2011 को प्राप्त हुआ था और जब परिवादी ने उसी दिन इसे टीवी के साथ कनेक्ट किया तो वह कनेक्ट नहीं हुआ और न ही सेटेलाईट डिश टीवी नेटवर्क के साथ कनेक्ट होकर सही ढंग से काम किया जिससे परिवादी को काफी हैरानी-परेशानी हुई परन्तु परिवादी द्वारा कम्पनी से सम्पर्क करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया । परिवादी ने 11 जुलाई 2011 को विपक्षी सॅंख्या 1 को श्किायती पत्र लिखा जिसके जवाब में विपक्षी कम्पनी की ओर से ईमेल दिनंाक 30 जुलाई 2011 को प्राप्त हुई जिसमें होम थियेटर ठीक करने बाबत कोई आश्वासन नहीं दिया गया और दिनंाक 04 अगस्त 2011 को भेजे गए ईमेल में कहा गया कि आपने 15,999/- रूपए अदा किए हैं और अब आप 9500/- रूपए और जमा करवा दे तो दूसरा होम थियेटर एल टी एस 5561 प्रदान कर देंगे । परिवादी का कथन है कि उसने 09 नवम्बर 2011 को अपने अधिवक्ता के द्वारा एक विधिक नोटिस विपक्षीगण को दिलवाया परन्तु फिर भी उसका होम थियेटर ठीक नहीं किया गया ना ही दूसरा होम थियेटर उसे प्रदान किया गया । इस प्रकार परिवादी का कथन है कि विपक्षीागण के कृत्य से उसे आर्थिक नुकसान, मानसिक संताप एवं शारीरिक कष्ट उठाना पड़ा है । परिवादी ने नया होम थियेटर दिलवाए जाने या उसकी कीमत ब्याज सहित दिलवाए जाने, आर्थिक नुकसान, मानिसक संताप एवं शारीरिक कष्ट की क्षतिपूर्ति के लिए 1,50,000/- रूपए दिलवाए जाने, मुकदमा खर्चा व वकील फीस के 22000/- रूपए दिलवाए जाने का निवेदन किया है।
विपक्षी सॅंख्या 1 से 3 की ओर से परिवाद का कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है ना ही कोई मंच के समक्ष उपस्थित आया है।
विपक्षी सॅंख्या 4 की ओर से इस आशय का जवाब प्रस्तुत किया गया है कि परिवादी ने प्रश्नगत होम थियेटर की खरीद आॅन लाईन की है और इससे कभी भी सम्पर्क नहीं किया ना ही उसके कारण परिवादी को कोई क्षति हुई है अत: परिवाद उसके विरूद्ध खारिज किया जावे ।
मंच द्वारा परिवादी अधिवक्ता की बहस सुनी गई एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया ।
परिवादी ने परिवाद के समर्थन में स्वयं का शपथ-पत्र, होमथियेटर खरीदने का बिल, 11 जुलाई 2011, 08 अगस्त 2011 को विपक्षी को लिखा गया पत्र, विपक्षी द्वारा परिवादी को लिखे गए पत्र, अधिवक्ता को भेजे गए नोटिस की काॅपी प्रस्तुत की है ।
परिवाद के कथन व प्रस्तुत साक्ष्य का विपक्षी सॅंख्या 1 से 3 की ओर से कोई खण्डन नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में इन पर अविश्वास किए जाने का मंच के समक्ष कोई आधार नहीं है । जहां तक विपक्षी सॅंख्या 4 का यह बचाव है कि परिवादी ने आॅन लाईन खरीददारी की है ऐसी स्थिति में उसका कोई दायित्व नहीं है । इस बचाव से विपक्षी सॅंख्या 4 को कोई सहायता नहीं मिलती है क्योंकि वह उत्पादक की सेल को प्रमोट करता है इसलिए वह भी उत्पादक के साथ-साथ जिम्मेदार है ।
अत: इस समस्त विवेचन के आधार पर परिवादी का यह परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार कर आदेश दिया जाता है कि विपक्षीगण संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से उत्तरदायी होते हुए आज से एक माह की अवधि मंे परिवादी के प्रश्नगत होम थियेटर को नि: शुल्क ठीक करेंगे और यदि यह सम्भव नहीं हो तो होम थियेटर की कीमत 15999/- रूपए अक्षरे पन्द्रह हजार नो सौ निन्यानवें रूपए दिनांक 07.06.2011 से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की ब्याज दर सहित अदा करेंगे। इसके अलावा परिवादी को कारित मानसिक संताप व आर्थिक हानि की क्षतिपूर्ति के लिए उसे 5,000/- रूपए अक्षरे पांच हजार रूपए एवं परिवाद व्यय 1500/- रूपए अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपए अदा करेेेंगे । आदेश की पालना आज से एक माह की अवधि में कर दी जावे अन्यथा परिवादी उक्त क्षतिपूर्ति एवं परिवाद व्यय की राशि पर भी आदेश दिनांक से अदायगी तक 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज पाने का अधिकारी होगा । परिवादी का अन्य अनुतोष अस्वीकार किया जाता है।
निर्णय आज दिनांक 07.05.2015 को लिखाकर सुनाया गया।
( ओ.पी.राजौरिया ) (श्रीमती सीमा शर्मा) (राकेश कुमार माथुर)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष